राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का महापड़ाव 7 वें दिन भी लगातर जारी, भारद्वाज ने दिया समर्थन
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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का महापड़ाव 7 वें दिन भी लगातर जारी, भारद्वाज ने दिया समर्थन

Rajasthan: राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का महापड़ाव आज 7 वें दिन भी लगातर जारी रहा. महासंघ के महापड़ाव में कांग्रेस नेता विधायक प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा मैं मध्यस्थ की भूमिका निभाऊंगा धरने में शामिल सभी मेरी माता और बहने हैं.

 

फाइल फोटो

Rajasthan: राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का महापड़ाव आज 7 वें दिन भी लगातर जारी रहा. महासंघ के महापड़ाव में कांग्रेस नेता विधायक प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा मैं मध्यस्थ की भूमिका निभाऊंगा धरने में शामिल सभी मेरी माता और बहने हैं मैं मुख्यमंत्री से इनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास करूंगा.उन्होंने कहा कि कल से शुरू हो रहा है महंगाई राहत कैंप में सभी कर्मचारी अपना फर्ज निभाएं.

धरने प्रदर्शन करना कर्मचारियों का हक है लेकिन सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाना इनका परम कर्तव्य है, इसलिए सभी कर्मचारी अपनी जीत को छोड़ें और कल से प्रकार के महत्वपूर्ण कैंप में अपनी भागीदारी निभाकर और देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लें. वहीं, महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने बताया सरकार ने अगर महासंघ की मांगे आज रात तक नहीं मानी तो कल से शुरू हो रहा है.

महंगाई राहत कैंप का कर्मचारीयों द्वारा बहिष्कार किया जाएगा. किसी भी जिले में महंगाई राहत कैंप में सरकारी कर्मचारी का सहयोग नहीं होगा. उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कल से महंगाई राहत कैंप की शुरुआत हो रही है, उसके पहले अगर सरकार ने महासंघ की मांगों को मान लिया तो 24 तारीख को 24 घंटे लगातार प्रदेश का हर कर्मचारी सरकार के महंगाई राहत कैंप में सहयोग करेगा.

चौधरी ने कहा आज रात तक सरकार ने मांगे नहीं मानी तो कल सरकार को महासंघ अपना जलवा दिखाएगा. महापड़ाव में कल 20 हज़ार से अधिक कर्मचारी भाग लेंगे, इसी के साथ ही सरकार ने महासंघ की मांगों को नहीं माना तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा पिछले 7 दिन से 24 घंटे लगातार महापड़ाव चल रहा है, केवल फाइनेंस सेक्रेट्री लेवल पर बात हुई है,लेकिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधि अभी तक बातचीत के लिए नहीं आया है.

इसी के साथ ही सरकार ने भी बातचीत बीच का रास्ता नहीं निकाला है. जिसके चलते कर्मचारियों में आक्रोश हर घंटे बढ़ता जा रहा है, उन्होंने कहा पिछले 4 साल से सरकार को कई बार ज्ञापन, अनशन, क्रमिक अनशन, भूख हड़ताल, रैली सभा, धरना प्रदर्शन सब करके देख लिया लेकिन सरकार संघ की किसी भी मांग पर विचार नहीं कर रही है। जिसके चलते सभी जिलों के अध्यक्ष की सहमति से राजधानी में महापड़ाव के लिए मजबूर होना पड़ा.

आज के पहले भी 2013, 18 में भी कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए महापड़ाव डाला था इस बार फिर से अपनी मांगों के लिए कर्मचारी सड़कों पर है। सरकारी कर्मचारी सर्दी गर्मी बरसात तीनों मौसम में कार्य कर सकता है, कर्मचारी सरकार से बिल्कुल भी नहीं डरने वाला सरकार ने अगर डराने की कोशिश करी तो सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

उन्होंने कहा जब सचिवालय के बाबू के बराबर प्रदेश के सभी कर्मचारी काम करते हैं तो वेतन के अंदर इतना अंतर क्यों है सभी कर्मचारी सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने का काम करते हैं इसके बावजूद सरकार वेतन में विसंगतियां क्यों करती है.

इसके साथ ही कई विभागों में पिछले कई सालों से पदोन्नत पदोन्नति भी नहीं है. उन्होंने कहा प्रदेश के 33 जिलो एवं सभी उपखंड मुख्यालयों सहित जयपुर के 50 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारी महापडाव में शामिल है.

जिसमें सभी जिला कलेक्टर कार्यालय, उपखंड कार्यालय, पंचायती राज विभाग के सभी पंचायत समितियों ओर जिला परिषदो के मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ परिवहन विभाग, वाणिज्य कर विभाग, पंजियन मुद्रांक विभाग, आबकारी सहित सभी राजस्व विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारी शामिल हो रहे है. चौधरी ने बताया मंत्रालयिक कर्मचारी पिछले 30 वर्षो से भी अधिक समय से अपने समकक्ष संवर्गो के समान वेतनमान की मांग करता आ रहा है.

परंतु सरकारों द्वारा उनकी वेतन विसंगति की मांग पर कोई ध्यान नही दिया गया. जिसके परिणामस्वरूप मजबूर होकर सामूहिक अवकाश पर रहते हुए महापडाव जैसा कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा यह महापड़ाव मांगे नहीं माने जाने तक लगातार जारी रहेगा.

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