कानून मंत्री बोले देश में 5 करोड़ केस पेडिंग, सीजेआई ने कहा वैकेंसी बड़ा कारण
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कानून मंत्री बोले देश में 5 करोड़ केस पेडिंग, सीजेआई ने कहा वैकेंसी बड़ा कारण

नालसा की 18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश में बड़े पैमाने पर केस पेडिंग होने का मुद्दा उठाते हुए चिंता जताई, जिसके जवाब में सीजेआई ने रमना ने ​न्यायिक रिक्तियों को न भरने को पेडेंसी होने का प्रमुख कारण बताया. 

सरकार से शीघ्र नियुक्तियां करने की बात.

Jaipur: नालसा की 18 वीं आल इंडिया मीट में एक बार फिर से सीजेआई एन वी रमन्ना ने देश में जजों की वैकेंसी को पेडेंसी का बड़ा कारण बताते हुए सरकार से शीघ्र नियुक्तियां करने की बात कही हैं. नालसा की 18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश में बड़े पैमाने पर केस पेडिंग होने का मुद्दा उठाते हुए चिंता जताई, जिसके जवाब में सीजेआई ने रमना ने ​न्यायिक रिक्तियों को न भरने को पेडेंसी होने का प्रमुख कारण बताया. 

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सीजेआई रमन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि मैं बार-बार दो समस्याओं को उजागर करता रहा हूं जिनका सामना न्यायपालिका कर रही है. न्यायिक रिक्तियां और इन्फ्रास्ट्रक्चर. सीजेआई ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार न्यायिक रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाएगी. नालसा एक अत्यधिक सफल मॉडल है, और इसे स्वीकार किया जा रहा है. इसी तरह, मैंने राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए स्वतंत्र प्राधिकरणों के निर्माण का प्रस्ताव रखा था लेकिन दुर्भाग्य से यह अभी तक उड़ान नहीं भर पाया. सीजेआई ने उम्मीद जतायी है कि केन्द्र सरकार इस प्रस्ताव पर फिर से विचार करेगी. 

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कानून मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह चिंता का विषय है कि आजादी के 75वें वर्ष में देश भर की अदालतों में 5 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं. हमारे देश में लम्बित मामलों की संख्या 5 करोड़ को छू रही है. 25 साल बाद क्या स्थिति होगी? लोग मुझसे कानून मंत्री के रूप में पूछते हैं. कल मैंने अपने विभाग के अधिकारियों से बात की कैसे ये संख्या 2 साल में 2 करोड़ कम की जाए. 

कानून मंत्री ने कहा कि अमृतकल में, हमारे पास एक ऐसी न्याय प्रणाली होनी चाहिए जो तेज और सुलभ हो. 

समारोह के मुख्य अतिथी के तौर पर सीजेआई रमन्ना ने अपना संबोधन पूरा करने के बाद कहा कि देश में पेडेंसी के संबंध में कानून मंत्री की टिप्पणियों का जवाब देना उनकी जिम्मेदारी है. 

सीजेआई ने कहा कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं एक या दो बातों पर प्रतिक्रिया दूं जिनका कानून मंत्री ने उल्लेख किया है. सीजेआई ने कहा कि मुझे खुशी है कि उन्होंने पेंडेंसी के मुद्दे को उठाया है. हम जज भी जब देश से बाहर जाते हैं, तो हम भी एक ही सवाल का सामना करते हैं कि केस कितने साल चलेगा? 

सीजेआई ने कहा हम सभी जानते हैं कि पेंडेंसी के कारण क्या हैं. मुझे इसके बारे में विस्तार से बताने की जरूरत नहीं है. मैंने पिछले मुख्य न्यायाधीशों-मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में पहले ही इसका संकेत दिया था कि पेडेंसी के लिए न्यायिक रिक्तियों को भरना और न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं करना बड़े कारण हैं. 

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सीजेआई ने नालसा का उदाहरण देते हुए कहा कि नालसा ने पिछले साल लगभग 2 करोड़ प्री लिटिगेशन और 1 करोड़ लंबित मामले निपटाए. सीजेआई ने नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस यूयू ललित के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए देशभर के जजो और अधिकारियों ने अतिरिक्त घंटे काम किया. 

सीजेआई ने कहा कि उनका सरकार से अनुरोध है कि वो रिक्तियों को भरने के साथ-साथ बुनियादी ढांचा मजबूत करे. नालसा सबसे अच्छा मॉडल है और यह एक सफलता की कहानी है. सीजेआई ने कहा कि मुख्य न्यायाधीशों के पिछले सम्मेलन में हमने इसी तर्ज पर एक न्यायिक इन्फ्रास्र्टक्चर प्राधिकरण का सुझाव दिया था, दुर्भाग्य से, इसे अब तक नही अपनाया गया. लेकिन सीजेआई ने उम्मीद जतायी कि इस मुद्दे पर फिर से विचार किया जाएगा.

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