कोटा: चार साल में 53 कोचिंग छात्रों ने किया सुसाइड, वजह प्रेम प्रसंग, ब्लैक मेलिंग
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कोटा: चार साल में 53 कोचिंग छात्रों ने किया सुसाइड, वजह प्रेम प्रसंग, ब्लैक मेलिंग

Kota coaching students committed suicide in four years: Kota coaching students committed suicide in four years: कोटा संभाग में पिछले 4 सालों में साल 2019 से लेकर 2022 तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों के आत्महत्या के 53 मामले दर्ज हुए हैं.

कोटा: चार साल में 53 कोचिंग छात्रों ने किया सुसाइड, वजह प्रेम प्रसंग, ब्लैक मेलिंग

Kota coaching students committed suicide in four years: प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से कोचिंग छात्र-छात्राओं के आत्महत्या के प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं. अकेले कोटा संभाग में पिछले 4 सालों में साल 2019 से लेकर 2022 तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों के आत्महत्या के 53 मामले दर्ज हुए हैं. सरकार का मानना है कि आत्मविश्वास की कमी, आर्थिक तंगी,  ब्लैक मेलिंग, प्रेम प्रसंग इसकी एक बड़ी वजह है.

  विधायक पानाचंद मेघवाल ने उठाए सवाल
दरअसल, विधायक पानाचंद मेघवाल की ओर से कोटा संभाग में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामलों को लेकर 24 जनवरी को विधानसभा में प्रश्न लाया गया. विधायक मेघवाल ने सवाल पूछा था कि कोटा संभाग में पिछले 4 वर्षों में स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों के जरिए आत्महत्या किए जाने के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं?
आत्महत्या के प्रमुख कारण क्या रहे 

 साथ ही कोटा शहर में विद्यार्थियों के के जरिए आत्महत्या के प्रमुख कारण क्या रहे? तथा सरकार ने विद्यार्थियों की काउंसलिंग और सुरक्षा के लिए क्या - क्या प्रयास किए गए हैं. इसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया है कि कोटा संभाग में विगत 4 वर्षों 2019 से 2022 में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों की आत्महत्या के कुल 53 मामले दर्ज हुए हैं.

छात्रों की आत्महत्या के लिए प्रमुख कारण

 जवाब में सरकार ने जो प्रमुख कारण कारण आत्महत्या के गिनाए हैं, उनमें कोचिंग छात्र के कोचिंग सेंटर में होने वाले टेस्ट्स में छात्रों के पिछड़े जाने के कारण उनमें आत्मविश्वास की कमी होना, माता-पिता की छात्रों से उच्च महत्वाकांक्षा होना, छात्रों में शारीरिक मानसिक एवं पढ़ाई संबंधित तनाव उत्पन्न होना और आर्थिक तंगी, ब्लैक मेलिंग, प्रेम प्रसंग जैसे प्रमुख कारण भी हैं.

शिक्षा विभाग में जारी कर रखे हैं दिशा निर्देश.

सरकार ने अपने जवाब बताया कि स्कूल शिक्षा ग्रुप-5 की ओर से कोटा शहर और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोटा सहित प्रदेश भर में संचालित कोचिंग सेंटरों में अध्यनरत विद्यार्थी को मानसिक संबल और सुरक्षा प्रदान करने के लिए 13 जून 2018 से 11 नवंबर 2022 को दिशा निर्देश जारी किया गए हैं. जिसमेंम जिला स्तरीय समिति के इसके जरिए जिला कलेक्टर कोटा के के जरिएयह सुनिश्चित किया जाए कि कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों को पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए. विद्यार्थियों के अभिभावकों का जिला प्रशासन से सीधा संपर्क स्थापित किए जाने के लिए अद्यतन तकनीकी युक्त समस्या समाधान तंत्र स्थापित किया जाए.

 खेलकूद सांस्कृतिक गतिविधियां
 छात्र-छात्राओं के अध्ययन के तनाव को कम करने के लिए उनके कोचिंग में आवासीय क्षेत्रों के निकट मनोरंजन खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिला कलेक्टर के निर्देशन में नगर निगम कोटा की ओर से एक मिनी सुविधा केंद्र स्थापित किया जाए जिसके लिए आर्थिक सहयोग जनहित में कोचिंग संस्थानों से लिया जा सकता है.

कोचिंग संस्थाओं पर कंट्रोल

सरकार की ओर से बताया गया कि कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए बिल लाया जाना प्रक्रियाधीन है. ईधर सरकार ने अपने जवाब में भी माना है कि कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल 2023 लाया जाना प्रक्रियाधीन है. 

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