इस बार करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी व्रत मनाया गया एक साथ, महिलाओं ने लंबी उम्र के लिए रखी निर्जला व्रत
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इस बार करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी व्रत मनाया गया एक साथ, महिलाओं ने लंबी उम्र के लिए रखी निर्जला व्रत

Karva Chauth: इस बार करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी का व्रत एक साथ मनाया गया. वहीं सर्वार्थसिद्धि और शिवयोग दोनों एक साथ है. भारत में पौराणिक काल से आज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखी. 

 इस बार करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी व्रत मनाया गया एक साथ, महिलाओं ने लंबी उम्र के लिए रखी निर्जला व्रत

Karva Chauth: महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए आज के दिन करवा चौथ का व्रत रखी. इस बार करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी का व्रत एक साथ मनाया गया. वहीं सर्वार्थसिद्धि और शिवयोग दोनों एक साथ है. भारत में पौराणिक काल से आज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है. महिलाओं ने बताया पति की लंबी उम्र की कामना के लिए सज संवरकर पूरे दिन भूखे प्यासे हैं कर इस व्रत को पूरा किया जाता है. शाम के समय चांद देख कर पति के हाथ से पानी पीने के बाद व्रत खोलने की प्रथा वर्षों से चली आ रही है.

 इसी के साथ कई महिलाओं ने बताया करवा चौथ पर हर साल उन्हें उनके पति सरप्राइज गिफ्ट देते हैं. आज भी उनको उनके पति ने सरप्राइज गिफ्ट दिया है. महिलाओं ने कहा कल सुबह से ही घर की बुजुर्ग महिलाओं के साथ कथा सुनने की भी परंपरा चली आ रही है. कथा सुनने के बाद ब्यूटी पार्लर में सजने संवरने का दौर शुरू हुआ, जो शाम तक चला, इसके बाद घर जाकर चंद्रमा देख कर व्रत खोला. बता दें पति की लंबी उम्र के लिए यह परंपरा सतयुग से चली आ रही है. इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई, जब यमराज सावित्री के पति को लेने आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया. तब से पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखे जाने लगे हैं. 

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पति की लंबी उम्र की कामना 
भारत में सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का दिन बहुत खास होता है.महिलाएं इस दिन का इंतजार साल भर से करती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सज धज, 16 श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती है. करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से लेकर के चंद्र दर्शन तक होता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन भूखी प्यासी रहकर चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अर्घ्य अर्पित कर पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती है. इस दिन चतुर्थी माता और गणेश जी की भी पूजा अर्चना की जाती है.

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