JDA ने बेशकीमती 12 बीघा जमीन से हटाया अवैध कब्जा, कार्रवाई के विरोध में टंकी पर चढ़ा शख्स
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JDA ने बेशकीमती 12 बीघा जमीन से हटाया अवैध कब्जा, कार्रवाई के विरोध में टंकी पर चढ़ा शख्स

जयपुर जेडीए की एन्फोर्समेंट विंग ने VKI में बड़ी कार्रवाई की. यहां 300 करोड़ रुपए कीमत की 10 बीघा सरकारी जमीन को खाली करवाने के लिए 3 थानों, रिजर्व पुलिस लाइन और जेडीए की इन्फोर्समेंट विंग समेत करीब 200 पुलिस के अधिकारी और जवान मौके पर पहुंचे.

JDA ने बेशकीमती 12 बीघा जमीन से हटाया अवैध कब्जा, कार्रवाई के विरोध में टंकी पर चढ़ा शख्स

जयपुर जेडीए की एन्फोर्समेंट विंग ने VKI में बड़ी कार्रवाई की. यहां 300 करोड़ रुपए कीमत की 10 बीघा सरकारी जमीन को खाली करवाने के लिए 3 थानों, रिजर्व पुलिस लाइन और जेडीए की इन्फोर्समेंट विंग समेत करीब 200 पुलिस के अधिकारी और जवान मौके पर पहुंचे. बड़ी संख्या में अलसुबह पहुंचे इस फोर्स को देखकर वहां के लोगों में हड़कंप मच गया. इसके बाद एक-एक करके लोग अपने-अपने गोदाम, ऑफिस खाली करने लगे. इधर इस कार्रवाई के विरोध में वहां मौजूद एक व्यक्ति पानी की टंकी पर चढ़ गया.

हालांकि, थोड़ी देर बाद मधुमक्खियों ने जब इन लोगों पर हमला किया तो ये तीनों टंकी से खुद ही उतर गया. इनमें से एक व्यक्ति मधुमक्खियों के काटने से घायल हो गया, जिसे पुलिस इलाज के लिए कावंटिया हॉस्पिटल लेकर गई. मामला जेडीए के जोन 2 एरिया का है. यहां वीकेआई रोड नंबर एक स्थित मल्होत्रा नगर का है. यहां मौजूद खसरा नंबर 15/1 गांव बीड़ पापड़ की करीब 10 बीघा जमीन पर लम्बे समय से अतिक्रमण करके कई गोदाम, ऑफिस, दुकानें, झुग्गी-झोपड़ियों, मकान और कमरे बनाकर कब्जे कर रखे थे.

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200 पुलिस जवानों के साथ खाली कराया गया इलाका

इस जमीन को खाली करवाने के लिए जेडीए की अतिक्रमियों को अक्टूबर में 15 से ज्यादा नोटिस जारी किए. आज जब जेडीए की एन्फोर्समेंट टीम और पुलिस कमिश्नरेट समेत 200 पुलिस जवानों का जाब्ता मौके पर पहुंचा तो वहां कुछ लोगों ने इसका विरोध किया. इस दौरान छोटू मीणा समेत 2 अन्य व्यक्ति यहां बनी एक पानी की टंकी पर चढ़ गए और विरोध करने लगे. हालांकि बाद में वे मधुमक्खी के हमले के बाद खुद ही उतर गए. नोटिस जारी करने के बाद लोग इसके खिलाफ जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट में भी गए, लेकिन वहां से भी इनको कोई राहत नहीं मिली.

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सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी SLP

जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी ने बताया कि इस जमीन के मामले में साल 2018 में राजस्थान हाईकोर्ट में मामला भी चला था, जिसमें कोर्ट ने अतिक्रमियों को जमीन खाली करने और उन पर जमीन पर कब्जा करने के मामले में 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसी को जेडीए की ओर से ट्रिब्यूनज में पेश किया गया, जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने स्टे देने से मना कर दिया. सैनी ने बताया कि इन अतिक्रमियों ने पिछले दिनों साल 2018 में इस जमीन पर स्टे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी स्पेशल लीव पीटीशन (एसएलपी) दायर की थी, लेकिन वहां से भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली थी.

उन्होंने बताया कि 1997 में जब ये जमीन जेडीए के खाते में दर्ज हुई थी तब से अब तक लगातार इस मामले में अतिक्रमियों ने हर कोर्ट स्तर (एसडीएम, रेवेन्यू, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट) पर अपीले दायर की. लेकिन कहीं भी इन्हें राहत नहीं मिली. इसके चलते आज ये कार्रवाई करके इस 10 बीघा जमीन को खाली करवाया जा रहा है.

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