Jaipur News: सत्ता बदलने के साथ जयपुर नगर निगम ग्रेटर की 7 अतिरिक्त वर्किंग कमेटियों को भी मंजूरी मिल गई है. नगर निगम ग्रेटर में करीब तीन साल बाद 21 से बढ़कर 28 वर्किंग कमेटियां अस्तित्व में आ गई है.
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Jaipur News: सत्ता बदलने के साथ जयपुर नगर निगम ग्रेटर की 7 अतिरिक्त वर्किंग कमेटियों को भी मंजूरी मिल गई है. राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के साथ अब जयपुर नगर निगम ग्रेटर में करीब तीन साल बाद 21 से बढ़कर 28 वर्किंग कमेटियां अस्तित्व में आ गई है.12 जनवरी 2024 को नगर निगम ग्रेटर मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर की ओर से 7 अतिरिक्त कमेटियों की स्वीकृति के लिए डीएलबी डायरेक्टर को पत्र लिखा था.
मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने बताया कि नगर निगम ग्रेटर जयपुर के प्रथम बोर्ड का गठन होने पर पहली बोर्ड बैठक में 28 जनवरी 2021 को बोर्ड द्वारा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 एवं सपठित धारा 56 में प्राविधिक प्रावधानों के तहत 90 दिवस में नगर निगम ग्रेटर जयपुर की कार्य संचालन समितियां का गठन किया गया था. जिसमें धारा 55 (3) के तहत साथ अतिरिक्त समितियां का प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भिजवाया गया था. जिसे राजनीतिक कारणों से तत्कालीन गहलोत सरकार ने अनुमोदित नहीं किया गया.
अब राज्य सरकार द्वारा इनके अनुमोदन की स्वीकृति जारी की गई है. अब नगरीय विकास कर समिति, सामाजिक सहायक एवं लोककल्याण समिति, वर्षा जल पुर्नभरण एवं संरक्षण समिति, फुटकर व्यावसाय पुनर्वास समिति,सीवरेज संधारण समिति, अतिक्रमण निरोधक समिति,अवैध भवन निर्माण निरोधक समिति अस्तित्व में आ गई है. अब इन कमेटियों के चेयरमैन अपनी-अपनी कमेटियों में काम करेंगे.
गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर जयपुर में 28 जनवरी 2021 को पहली बोर्ड बैठक में 21 समितियों और 7 अतिरिक्त समितियों के गठन का प्रस्ताव पास करके राज्य सरकार के पास भिजवाया था. लेकिन राज्य सरकार ने 25 फरवरी को एक आदेश जारी करके नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 और 56 के अनुसार समितियों का गठन नहीं होने का हवाला देते हुए इन्हें निरस्त कर दिया.
सरकार की ओर से जारी आदेशों को मेयर सौम्या गुर्जर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने 26 मार्च 2021 को सुनवाई करते हुए 25 फरवरी 2021 के राज्य सरकार के आदेशों पर रोक लगा दी थी. उसके बाद से 21 वर्किंग कमेटियो ने काम करना शुरू कर दिया था.चूंकि 7 अतिरिक्त कमेटियों का तत्कालीन गहलोत सरकार ने अनुमोदन नही किया था जिसके कारण ये कमेटियां अस्तित्व में नही आ पाई थी. वर्किंग कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद इन कमेटियों के चेयरमैन ने खुशी जाहिर की.