जयपुर में RSS ने जगह-जगह निकाला पथ संचलन, घोष की धुन पर मिलाए कदम से कदम
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जयपुर में RSS ने जगह-जगह निकाला पथ संचलन, घोष की धुन पर मिलाए कदम से कदम

विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपना स्थापना दिवस मनाया. संघ की ओर से जयपुर में 29 जगह संचलन निकाले गए, इससे पहले शारीरिक प्रदर्शनों और शस्त्र पूजन कर समाज में शक्ति संचार का संदेश दिया गया.

जयपुर में RSS ने जगह-जगह निकाला पथ संचलन, घोष की धुन पर  मिलाए कदम से कदम

Jaipur: विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपना स्थापना दिवस मनाया. संघ की ओर से जयपुर में 29 जगह संचलन निकाले गए, इससे पहले शारीरिक प्रदर्शनों और शस्त्र पूजन कर समाज में शक्ति संचार का संदेश दिया गया. संचलन में कई जगह द्विधारा संगम हुआ तो यह देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने जयश्री राम के नारे से माहौल को गुंजायमान कर दिया. 

विजयदशमी संघ के छह प्रमुख उत्सवों से एक उत्सव है. इस उत्सव के तहत देशभर में स्वयंसेवक संचलन कर और शस्त्र पूजन कर समाज को समर्थ और शक्तिशाली बनाने का संदेश देते हैं. जयपुर में संघ के 29 नगर हैं और प्रत्येक नगर में विजयदशमी पर शस्त्र पूजन कर संचलन किए गए. संचलन से पूर्व शरीरिक और बौद्धिक कार्यक्रम हुए. वक्ताओं ने देश के वर्तमान हालात को देखते हुए समाज में शक्ति संचार की जरूरत बताई.

उन्होंने कहा कि समाज में आसुरी और विद्रोही शक्तियां मुंह उठा रही है, इनके नाश के लिए समाज को एकजुट और शक्ति सम्पन्न होना होगा. विश्व में हिंदुस्तान की साख बढ़ रही है, ऐसे में राष्ट्र को शक्तिशाली बनाना होगा तो सरकार के साथ ही हर नागरिक की भी जिम्मेदारी है. देश की सीमाओं के साथ आंतरिक सुरक्षा भी आवश्यक है, इसके लिए प्रत्येक नागरिक को सोचना होगा. स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है कि वो समाज के हर वर्ग तक पहुंचे और जागरण का काम करें. 

 विजयदशमी उत्सव में नगर संघ चालक के साथ ही मुख्य वक्ता और मुख्य अथिति ने शस्त्रों का पूजन कर शक्ति की कामना की. कार्यक्रम स्थल पर एक बड़े बोर्ड पर प्राचीन हथियार लगाए गए थे. इनमें तलवार, बरछी, भाले के साथ ही पुरानी बंदूकें भी लगाई गई थी. शस्त्र भले ही प्राचीन थे, लेकिन शक्ति का संचार कर रहे थे. शस्त्राें के साथ ही भगवान श्रीराम, संघ संस्थापक डा केशवराव बलिराम हैडगवार, संघ के दूसरे सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीरें भी लगाई गई थी. 

शरीरिक प्रदर्शन के साथ योग-व्यायम- 

संचलन के पूर्व उत्सव में स्वयंसेवकों ने शरीरिक प्रदर्शन किए. दंड अर्थात लाठी के साथ विभिन्न क्रमिका प्रहार का प्रदर्शन किया. वहीं दंड योग के सथ सामान्य व्यायाम कर समाज को स्वस्थ रहने की सीख दी. स्कूली छात्रों से लेकर विभिन्न व्यासायी तथा बुजुर्गों तक ने शारीरिक प्रदर्शन, योग व्यायाम किए. इनके अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. 

घोष की धुन पर कदम से कदम मिलाए-
इसके बाद संघ स्थानों से बैँड की घुन पर संचलन शुरू हुए. राष्ट्रभक्ति गीतों की धुनों पर कदम से कदम मिलाकर स्वयंसेवक रवाना हुए. काली टोपी, सफदे शर्ट, पूर्ण गणवेश, दंड के साथ स्वयंसेवकों ने संचलन किया. रास्ते में जगह जगह फूल बरसाकर लोगों संचलन का स्वागत किया और स्वयंसेवकों का उत्साह वर्धन किया. 

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द्विधारा संगम, नजारा देख हुए रोमांचित- 

शहर में कई जगह दो संचलनों का द्विधारा संगम  हुआ. महेश नगर और गोपाल नगर के संचलनों का त्रिवेणी नगर चौराहे पर संगम हुआ. वीरतेजाजी नगर में श्रीराम शाखा और विनायक गार्डन से रवाना हुए संचलनों का वीटी रोड चौराहे पर महासंगम हुआ. अलग- अलग रास्तों से आकर दोनों संचलन चौराहे पर एक साथ मिले तो वहां मौजूद लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया, वहीं जयश्रीराम का जयघोष लगाकर माहौल को रोमांच से भर दिया. चौराहे पर मिलने के बाद दोनों संचलन एक साथ आगे बढ़े और कुछ दूर चलने के बाद अलग दिशा में मुड गए. यह नजारा देखने के लिए त्रिवेणी और वीटी रोड चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.

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