Jaipur news today: भारतीय खाद्य निगम की खुले बाजार बिक्री योजना में गेहूं की ई-नीलामी में अब व्यापारी हिस्सा नही ले सकेंगे. व्यापारियों को इस गेहूं की खरीद प्रक्रिया से बाहर करने कर निर्णय लिया है. गेहूं की अधिकांश खरीद बिचौलियों द्वारा करने का मिलर्स ने मुद्दा उठाया था. जो सरकार से सस्ता गेहूं खरीदकर उसे मंडियों में ऊंचे दाम पर बेच रहे.
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Jaipur news: भारतीय खाद्य निगम की खुले बाजार बिक्री योजना में गेहूं की ई-नीलामी में अब व्यापारी हिस्सा नही ले सकेंगे. अब केवल प्रोसेसर्स, आटा चक्की और फ्लोर मिलर्स ही गेहूं की ई-नीलामी में बोली लगा सकेंगे. दरअसल केंद्र सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है. जिसके चलते नई-नई रणनीतियां तैयार की जा रही है. तेलों की कीमतों पर कुछ अंकूश लगा है तो दालों के भाव न बढ़े इसके लिए सरकार ने व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई करके भाव नियत्रंण करने की कोशिश की है.
हालंकि दालों के दाम अभी भी नियंत्रण में नहीं आए है. अब आटा के भाव को कम करने के लिए सरकार ने खुले बाजार में गेहूं की बिक्री प्रारंभ की है. गेहूं के दाम काफी ऊंचे है, जिससे इसके उत्पादों में रेकॉर्ड तेजी आई है. खुले बाजार में गेहूं तो कम मात्रा में दिया है, लेकिन यह सीधे मिलर्स को देने की योजना बनाई है. जिसमें व्यापारियों को इसमें खरीदी से बाहर किया है. इसका मतलब सरकार के निशाने पर व्यापारी वर्ग दिखाई दे रहा है.
फूड कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के रीजनल जनरल मैनेजर सौरभ कुमार चौरसिया ने बताया की एफसीआई ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत की साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया में नियम को और कड़ा करते हुए अब व्यापारियों को इसमें भाग लेने से मन कर दिया है. समझा जाता है कि कुछ मिलर्स ने यह मामला उठाया था कि गेहूं की अधिकांश खरीद ऐसे बिचौलियों द्वारा की जा रही है. जो सरकार से सस्ता गेहूं खरीदकर उसे मंडियों में ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं.
इस पर संज्ञान लेते हुए खाद्य निगम ने तत्काल प्रभाव से व्यापारियों को इस गेहूं की खरीद प्रक्रिया से बाहर करने कर निर्णय लिया है. इसके बाद अब केवल प्रोसेसर्स, आटा चक्की और फ्लोर मिलर्स ही गेहूं की ई-नीलामी में सम्मिलित हो पाएंगे. ऐसा करने का आशय यह है कि सिर्फ वास्तविक उपयोगकर्ताओं को ही सरकारी गेहूं की बिक्री की जाएगी. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में केवल वास्तविक उपयोगकर्ता ही सस्ते सरकारी गेहूं की खरीद कर पाएंगे जबकि व्यापारियों को इस नीलामी में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी.
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