Jaipur News: जयपुर को स्मार्ट बनाने के लिए बनी जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने आज अपनी 8वीं सालगिरह का सेलिब्रेशन किया.स्मार्ट सिटी के स्मार्ट अफसरों का दावा है की शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 133 में से 102 प्रोजेक्ट्स पूरे कर लिए गए हैं
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Jaipur : जयपुर को स्मार्ट बनाने के लिए बनी जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने आज अपनी 8वीं सालगिरह का सेलिब्रेशन किया.स्मार्ट सिटी के स्मार्ट अफसरों का दावा है की शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 133 में से 102 प्रोजेक्ट्स पूरे कर लिए गए हैं.और 31 प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है जिन्हे पूरा करने की डेडलाइन जून माह तक है.लेकिन पाइपलाइन में चल रहे प्रोजेक्टस को जून माह तक पूरा करना स्मार्ट अफसरों में किसी चुनौती से कम नहीं हैं.
वैलून से सजा दफ्तर
शहर को स्मार्ट बनाने का काम करने वाली जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी आज 8वें साल में एंट्री कर गई हैं. जिसका जश्न जयपुर स्मार्ट सिटी के दफ्तर में केक काटकर मनाया गया. सडकों को स्मार्ट बनाने, अंडरग्राउंड केबलिंग, ड्रेनेज हाइक्लास होने के साथ ही शहर का फसाड़ भी खूबसूरत बनाने, हैरिटेज को मजबूत-खूबसूरत और स्मार्ट बनाने के मकसद से इस मिशन की 2015 में शुरूआत हुई जिसमें जयपुर शहर का भी चयन हुआ.शुरू से ही स्मार्ट सिटी के तहत काम की धीमी रफ्तार, प्रोजेक्ट्स पर अलग अलग तर्क देकर जनप्रतिनिधियों ने इस पर सवाल उठाए.जब-जब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स् का जनप्रतनिधियों ने विजिट किया अफसरों को हिदायत मिलती रही.
इस मिशन के तहत 1 हजार करोड के कुल 133 प्रोजक्ट लिए गए जिनमें से 102 कंपलीट करने का दावा स्मार्ट सिटी के अफसर कर रहे हैं.यानि की अफसरों के मुताबिक कई हद तक जयपुर स्मार्ट सिटी अपने लक्ष्य पर कामयाब हो सका तो कई पर अब भी इम्तिहान बाकी हैं.आज जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी की आठवीं वर्ष गांठ पर मंत्री महेश जोशी कार्यक्रम में पहुंचे.जोशी ने स्मार्ट सिटी के कार्यो पर संतोष जताते हुए कहा कि शहर के विकास में जयपुर स्मार्ट सिटी ने अहम भूमिका निभाई हैं. इसमें बड़े स्तर पर क्वालिटी वर्क किया.
इससे जयपुर की जनता लाभान्वित हुई.आईटी के क्षेत्र में भी जयपुर स्मार्ट सिटी ने कार्य किया.लेकिन कुछ दिनों पहले जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने जब स्मार्ट सिटी के अफसरों के साथ विजिट किया तो अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई.स्मार्ट सिटी के स्मार्ट असफरों को जमीनी हकीकत दिखाकर कई आपत्तियों को गिनाया था. इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि हरेक का अपना नजरीया हैं.लेकिन वर्षगांठ पर अपने किए काम-काज का सिंहावलोकन करने और आगामी लक्ष्य पर काम करने को लेकर हमारा फोकस होना चाहिए.
शहरों में सूचना एवं डिजिटल टेक्नालॉजी, सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए शहरों को बेहतर बनाना है.इस मिशन की मदद से विशेष ध्यान टिकाऊ और समावेशी विकास पर है.स्मार्ट सिटी मिशन ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए हैं जिसे स्मार्ट सिटी के भीतर और बाहर दोहराया जा सके.स्मार्ट सिटी लोगों की सबसे अहम जरूरतों और जीवन में सुधार करने के लिए सबसे बड़े अवसरों पर ध्यान केंद्रित करता है.केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से स्मार्ट सिटी मिशन में जयपुर को एक हजार करोड़ रुपए के बजट के साथ ने 133 प्रोजेक्ट्स का लक्ष्य तय किया था.
इनमें से 807 करोड़ रुपए खर्च कर अब तक 102 कार्य पूरे कर दिए गए हैं.इनमें किशनपोल बाजार का जीणोद्धार, रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट, स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट का जीर्णोद्धार, स्मार्ट टॉयलेट्सऔर बाइसाईकिल शेयरिंग प्राजेक्ट जैसे काम-काज शामिल हैं.वहीं स्मार्ट रोड बनाने, फसाड़ यान परकोटा, बाजारों और गेटों की टूट-फूट ठीक करना, चारदीवारी में बिजली की लाइनों को अण्डग्राउण्ड करना, 24 घंटे वॉटर सप्लाई, हैरिटेज बिल्डिंगों के रेनोवेशन, एंट्री गेटों पर ब्यूटीफिकेशन के काम किए गए.
चौगान स्टेडियम में पार्किंग, 6 मंदिरों का जीर्णोद्धार, 8 स्कूलों का रेनोवेशन आदि प्रोजेक्ट्स की इस स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किए गए.जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड सलाहकार बीडी शर्मा ने कहा कि जयपुर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तालकटोरा रिनोवेशन, नाइट मार्केट फसाड वर्क पर 44.94 करोड़ खर्च हुए हैं.इसी तरह गलियों की सफाई पर 6.72 करोड़ रुपए, 7 करोड़ स्मार्ट टॉयलेट पर खर्च हुए हैं..अंडरग्राउंड केबलिंग पर 34 करोड़, 30 करोड़ से जयपुरिया, चौगान, अनाज मंडी में पार्किंग, 30 करोड़ से जयपुरिया, चौगान, अनाज मंडी में पार्किंग, 50 करोड़ से किशन पोल-चांदपोल में स्मार्ट रोड तैयार की गई.85 करोड़ की लागत से रामनिवास बाग में अंडरग्राउंड पार्किंग तैयार की जा रही हैं.
स्मार्ट सिटी के शामिल होने के बाद किशनपोल बाजार को स्मार्ट बाजार बनाया गया हैं.300 बैड का गणगौरी अस्पताल में काम किया गया.इसी तरह एसएमएस अस्पताल में आईपीडी टावर प्रोजेक्ट का काम जारी हैं.जून 2023 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अवधि खत्म होने जा रही हैं.अब तीन महीने में 31 परियोजना पूरी करना किसी चुनौती से कम नहीं है.यानि तय वक्त पर अधूरा काम होने के कारण केन्द्र सरकार के सौ स्मार्ट शहरों में शामिल होने वाला शहर नहीं बन पाएगा.लेकिन इन सब के बीच यह भी जरूरी है कि जयपुर स्मार्ट सिटी के तहत जो इन्फ्रा तैयार किया गया वह जनता के काम आ सके साथ ही उसकी देखभाल और रख-रखाव भी हो. नहीं तो मिशन के तहत बहाया हजार करोड़ का बजट कहीं व्यर्थ नहीं हो जाए.
बहरहाल, जयपुर के आगे भले ही स्मार्ट सिटी नाम जुड गया हो.व लेकिन एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) हो या पैन सिटी प्रोजेक्ट दोनों में ही कोई भी ऐसा प्रोजेक्ट नजर नहीं आता, जिससे यह कहा जा सके कि यहां लोगों की जिंदगी स्मार्ट हो गई है. मकसद यही था कि शहर के हैरिटेज को मजबूत रखते हुए उसे स्मार्ट बनाया जाए. मगर सात साल बीत जाने के बाद भी शहर का 'हाल-बेहाल' है.
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