Jaipur News: चौमू कोर्ट परिसर में आखिर क्यों हुई भैस की पेशी, 11 साल पुराना है केस; जानें पूरा मामला
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Jaipur News: चौमू कोर्ट परिसर में आखिर क्यों हुई भैस की पेशी, 11 साल पुराना है केस; जानें पूरा मामला

Jaipur News: राजस्थान के जयपुर (Jaipur News) में ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है, चौमू कोर्ट  में भैंस  की बाकायदा पेशी हुई, जिसे देख वकील भी हैरान हो गए. इस भैंस को कोर्ट में क्यों लाया गया. चलिए जानते है. इस पूरे मामले को.

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Jaipur News: राजस्थान के जयपुर (Jaipur News) में ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है, जहां चौमू कोर्ट  में भैंस  की बाकायदा पेशी हुई, जिसे देख वकील भी हैरान हो गए. भैस को देख आसपास के लोगों समेत जज भी हैरान हो गए क्योंकि अक्सर कोर्ट परिसर में  आरोपी या परिवादी ही दिखते है. वहां एक भैस का आना आश्चर्यचकित होना लाजमी था.  लेकिन इस भैंस को कोर्ट में क्यों लाया गया. चलिए जानते हैा इस पूरे मामले को.

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गौरतलब है कि  11 साल पहले यानी  26 जुलाई 2012 को जहां बिशनपुरा नींदड़ बालाजी निवासी 48 साल के चरण सिंह सेरावत की  लाखों रू की 3 भैंसे चोरी हो गई थी. भैसों के चोरी होने पर मालिकचरण सिंह सेरावत  ने  भेंसों के चोरी होने के रिपोर्ट हड़माड़ा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.

आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी. जांच के दौरान ही कुछ महीनों बाद भरतपुर के रहने वाले आरोपी अरशद मेव को गिरफ्तार  किया था. उसके पास से 3 बैसे बरामद की गई जिसमें 2 जिंदा थी एक की 1 की मौत हो गई थी.

भैंस की शिनाख्त के लिए पेशी
वहीं आरोपी के कब्जे से मिली भैंसों को पुलिस ने उसके मालिक को सौंप दिया, लेकिन ये वहीं  भैंसे है या नहीं इसके लिए सरकारी वकील ने कोर्ट परिसर में भैंस की पहचान के लिए गुहार लगाई थी. जिसके बाद 10 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट परिसर में कौतूहल के बीच गवाह सुभाष चौधरी भी कोर्ट आ पहुंचा. इसके बाद कोर्ट परिसर में गवाह ने भैंस की पहचान की फिर मालिक चरण सिंह को वापस अस्थाई तौर पर भैंस सुपुर्द कर दी गई.

अन्य गवाहों के बयान होना बाकी
भैंस मालिक को सौंपने के बाद भी अभी यह मामला खत्म नहीं हुआ है. प्रकरण में अब तक महज तत्कालीन नगर थानाधिकारी हीरालाल सैनी, परिवादी चरण सिंह सहित 5लोगों के बयान दर्ज हुए है, जबकि मामले में कुल 21 गवाह है. ऐसे में 16 गवाहों के बयान होना बाकि है. इसके लिए अगले माह 31 सितंबर को बाकि गवाहों को कोर्ट में आना पड़ेगा. कानूनी प्रक्रिया से गुजरने वाली भैंस का ना सत्यापन हुआ है और ना ही मेडिकल. इसके लिए कानूनी तौर पर भैंस परिवादी को अभी सुपुर्द नहीं की गई है, बल्कि अस्थाई तौर पर परिवादी के कहे अनुसार सौंपी गई है.

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