Jaipur: सूरज मैदान पर भव्य भागवत कथा ज्ञानयज्ञ शुरू,शुभारंभ पर निकली 251 महिलाओं की कलशयात्रा
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Jaipur: सूरज मैदान पर भव्य भागवत कथा ज्ञानयज्ञ शुरू,शुभारंभ पर निकली 251 महिलाओं की कलशयात्रा

छोटीकाशी के सूरज मैदान में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा का शुभारंभ 251 महिलाओं की कलशयात्रा से हुआ.

Jaipur: सूरज मैदान पर भव्य भागवत कथा ज्ञानयज्ञ शुरू,शुभारंभ पर निकली 251 महिलाओं की कलशयात्रा

Jaipur: छोटीकाशी के सूरज मैदान में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा का शुभारंभ 251 महिलाओं की कलशयात्रा से हुआ. इस दौरान आसपास का क्षेत्र भक्ति,आस्था के रंग में सराबोर नजर आया.

दोपहर में खचाखच भरे सूरज मैदान में आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने भागवत महात्म्य और राजा परीक्षित के प्रसंगों पर बोलते हुए कहा कि भागवत कथा श्रमण से मनुष्य के शरीर में नई उर्जा का संचार होता है. साथ ही अभिमान दूर होता है. यदि कथा श्रवण,सत्संग व कीर्तन से अहंकार दूर ना हो तो कथा श्रवण, सत्संग व कीर्तन का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता.

कथा श्रवण से व्यक्ति का अंहकार तो दूर होता ही है साथ ही मन में सुखद अनुभुति का अनुभव होता है. क्रोध के बारे में बोलते हुए कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि जीवन में क्रोध कभी नहीं करना चाहिए. कारण है कि क्रोध करने से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है. जीवन में जब भी क्रोध आए तो जोर-जोर से राधे नाम का उच्चारण करो.

राधे नाम के उच्चारण करने से क्रोध कम हो जाता है इसलिए क्रोध को कम करने के लिए राधे नाम का स्मरण करो. उन्होंने आगे कहा कि प्रभु की दृष्टि में संसार में कोई छोटा-बड़ा,गरीब-अमीर नहीं है. वो केवल आत्मा को देखते है,क्योंकि सारी सृष्टि ही उन्हीं की बनाई हुई है इसलिए अपनी दृष्टि को प्रभु की भक्ति में लगाइए. 

इस दौरान जयाकिशोरी ने भगवान के अवतारों और राजा परीक्षित की कथा के प्रसंग सुनाए.इस दौरान जया किशोरी ने 'बताओं कहां मिलेंगे श्याम' ...जैसे भजनों के माध्यम से खूब भक्ति रस बरसाया. कथा के दूसरे दिन कल कपिल भगवान की कथा,जड़ भरत की कथा, शिव पार्वती प्रसंग, 22 दिसंबर को अजामिल की कथा, विश्व रूप चरित्र,गयासुर की कथा और भक्त प्रहलाद की कथा सुनाएंगे.

महोत्सव के तहत 23 दिसम्बर को समुद्र मंथन,वामन अवतार,श्रीराम जन्मोत्सव के बाद श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. कथा प्रसंग के तहत 24 दिसम्बर को भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला,गोवर्धन पूजा व 56 भोग की झांकी सजाई जाएगी.

25 दिसम्बर को कंस वध रासलीला,गोपी-उद्धव संवाद रूकमणि विवाह प्रसंग की कथा का वर्णन होगा.महोत्सव के अंतिम दिन 26 दिसम्बर को श्रीकृष्ण अनन्य विवाह,श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र सहित अन्य प्रसंगों पर वर्णन होगा. कथा रोजाना दोपहर 1 बजे से साम 5 बजे तक होगी.

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