Jaipur News: विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने तिरूपति मंदिर में चर्बी के मामले के बाद मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने और हिंदू समाज को सौंपने की मांग की है. इसके अलावा, उन्होंने भीलवाड़ा में गणेश उत्सव और अन्य धार्मिक जुलूसों के दौरान हुए पथराव की घटनाओं को जेहादी हिंसा करार दिया है और ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.
प्रसाद में चर्बी मिलाने पर बोले विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने तिरूपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी का मामला सामने आने के बाद मंदिरों को सरकार नियंत्रण से मुक्त कर उनका संचालन हिंदू समाज को सौंपने की मांग की है. इतना ही नहीं परांडे ने भीलवाड़ा सहित देश में गणेश उत्सव या अन्य धार्मिक जुलूसों के दौरान हुए पथराव की घटनाओं को जेहादी हिंसा बताया. उन्होंने ऐसे तत्वों को कठोरता से कुचलने की जरूरत बताई और कार्रवाई की मांग की.
देश में गणपति उत्सव
बजरंग दल की राष्ट्रीय बैठक में जयपुर आए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंग परांडे ने कहा कि देश में गणपति उत्सव में गुजरात, राजस्थान, बैंगलोर, कर्नाटक, महाराष्ट्र में गणपति उत्सवों पर पत्थर फेंके गए हैं. सारी घटनाएं जिहादी रूप में बढ रही है . आंतरिक सुरक्षा के हालात चिंता के कारण बनती जा रही है. ऐसे तत्वों को कठोरता से कुचलना चाहिए. मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम कार्रवाई नहीं हो बल्कि सख्ती से निपटना चाहिए. कई जगह रेलवे पर घात-पात करने का प्रयास हो रहा है. ये चिंता का विषय है. यदि कोई भी जिहादी हिंसा कर रहा है. ऐसे तत्वों को बहुत कठोरता से कुचलने की आवश्यकता है. केवल मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए ऐसी घटनाओं का संज्ञान नहीं लेना या कठोर कार्रवाई नहीं करना उचित नहीं है. ऐसे तत्वों को ढूंढ कर इतनी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए कि किसी की दोबारा सिर उठाने की हिम्मत ना हो.
योजना के साथ नाबालिगाें से करवा रहे हैं हमले ?
मिलिंद परांडे ने कहा कि भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए जिहादी हिंसा बहुत बड़ी चुनौती का विषय है. एक स्ट्रेटजी बनाकर शोभायात्राओं पर हमले नाबालिगों से करवाए जा रहे हैं. ऐसे में कानून में सुधार करवाकर यदि कोई नाबालिग भी ऐसे जगन्य अपराध करता है तो उसे भी बालिग के तरीके से ही ट्रीटमेंट देना चाहिए और कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ में ही भारत भर में शोभायात्रा के जितने भी रूट हो उनकी ड्रोन से निगरानी करनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लग सके.
मंदिरों का संचालन हिंदू समाज को सौंपे
मिलिंद पराण्डे ने कहा कि देश में एक चिंता का विषय उठा है. तिरुपति बालाजी में मंदिर में लड्डू प्रसाद में पशु की चर्बी, मछली का तेल मिलाकर देने का मामला सामने आया है. यह हिंदू समाज की आस्था का घोर अपमान है और पता नहीं ये कब से चल रहा है. ये मंदिर सरकार के अधीन है. हिंदू मंदिरों के साथ ये पक्षपात है. क्योंकि कोई भी मस्जिद या चर्च सरकार के अधीन नहीं है. विश्व हिंदू परिषद की ये मांग है कि हिंदू मंदिरों का चलाना सरकार का काम नहीं है. इसलिए सारे मंदिर हिंदू समाज को सौंप देने चाहिए.
भारत के दक्षिणी हिस्से में ये समस्या ज्यादा बढ़ी है. यहां एक-एक राज्य में हजारों मंदिर सरकारी नियंत्रण में है. ऐसे में इस घटना के बाद अब ये मांग और आवश्यक हो गई है. इसको लेकर वीएचपी ने एक थिंक टैंक भी बनाया है और मॉड्यूल भी तैयार किया गया है. जिसके तहत मंदिरों की संपत्ति और प्रॉपर्टी का संचालन और मंदिर के संचालन में समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए मंदिर धर्म प्रचार और समाज की सेवा का केंद्र बने, इसलिए ये मांग उठाई गई है.
तिरूपति घटना की पूरी जांच होनी चाहिए
परांडे ने कहा कि तिरुपति बालाजी की घटना की पूरी जांच होनी चाहिए . इस तरह के फैसले लिए उन्हें सजा भी होना चाहिए और ये अव्यवस्था दूर होनी चाहिए. उन्होंने अपील की कि जो भी मंदिर किसी भी रूप में घी का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें इसकी छानबीन भी करनी चाहिए. चूंकि तिरुपति बालाजी सरकारी तंत्र में आने वाला मंदिर है, इसलिए उनकी पहली जिम्मेदारी बनती है कि वो जांच कराएं. उन्होंने ये भी कहा कि मंदिर में सिर्फ पूजा ही रिलिजियस अंग नहीं बल्कि मंदिर का संपूर्ण कार्य धार्मिक कार्य है. और वक्फ बोर्ड से मंदिरों की तुलना हो ही नहीं सकती. वक्फ बोर्ड के खिलाफ तो केंद्र सरकार की ओर से जो भी अमेंडमेंट आ रहा है, उसका विश्व हिंदू परिषद पूरी तरह समर्थन करती है.
पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय
इस दौरान उन्होंने जयपुर में हो रहे हैं हिंदुओं के पलायन के मामलों पर कहा कि हिंदू समाज को ऐसी स्थिति बनानी चाहिए कि वो पलायन न करें. उसके लिए जो भी आवश्यक है वो सब कुछ करना चाहिए. क्योंकि अभी पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय है. उन्होंने कहा कि देश मे बहुसंख्यक समाज का कल्याण ही देश का कल्याण है. बहुसंख्यक समाज का अपमान करके देश का कल्याण नहीं हो सकता है. अब स्वाधीनता से स्वतंत्रता की यात्रा करनी है. और स्व-तंत्र लाने के लिए तुष्टीकरण बंद करना आवश्यक है.
नशा मुक्ति के लिए बजरंग दल की रन फॉर हेल्थ
मिलिंद पराण्डे ने बताया कि युवाओं में नशे की समस्या बढ़ रही है. युवाओं के जागरण के लिए नशा मुक्ति के लिए विश्व हिंदू परिषद के विभाग बजरंग दल ने नवंबर महीने में एक कार्यक्रम की योजना बनाई है. जिसके तहत पूरे देश में हर प्रखंड स्तर तक रन फॉर हेल्थ के तहत नशा मुक्ति के लिए लाखों युवा दौड़ेंगे. देशभर में नशा मुक्ति को लेकर ये अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा. देश में 10 दिन में करीब 7000 स्थान पर ये आयोजन कराया जाएगा.
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