Jaipur: संस्कृत यूनिवर्सिटी में नये कुलपति ने कार्यभार किया ग्रहण, कही ये बड़ी बातें
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Jaipur: संस्कृत यूनिवर्सिटी में नये कुलपति ने कार्यभार किया ग्रहण, कही ये बड़ी बातें

Jaipur: जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रोफेसर रामसेवक दुबे ने आज राजस्थान यूनिवर्सिटी में पदभार ग्रहण किया. 

 कुलपति ने कार्यभार किया ग्रहण

Jaipur: जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रोफेसर रामसेवक दुबे ने आज राजस्थान यूनिवर्सिटी में पदभार ग्रहण किया. संस्कृत यूनिवर्सिटी की कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर सुधी राजीव ने प्रोफेसर रामसेवक दुबे को कार्यभार ग्रहण करवाया. विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने वैदिक मंत्रों के साथ कुलपति का स्वागत किया. इस मौके पर कुलसचिव डॉ. जेएन विजय और शास्त्री कोसलेंद्रदास सहित अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे. 

पदभार ग्रहण करने के बाद कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक उन्हें अपना मित्र समझे, विश्वविद्यालय के निरंतर विकास के लिए कार्य करें, विश्वविद्यालय में छात्रों का सर्वांगीण विकास करना उनका लक्ष्य है. संस्कृत भाषा का संवर्धन संस्कृत की उन्नति कैसे हो इसको लेकर कार्य किए जाएंगे. 
सभी शिक्षक अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय के लिए कार्य करें. संस्कृत की क्या स्थिति है उसमें उत्तरोत्तर वृद्धि कैसे हो अनुशासन में रहकर स्वार्थ से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय के लिए कार्य करना हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी. नियमानुसार विश्वविद्यालय के जो कार्य होंगे उन्हें यथाशीघ्र जल्द से जल्द किया जाएगा.

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प्रो. रामसेवक दुबे ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मैं अनेक पदों पर रहा हूं, मां भारती की उपासना संस्कृत विश्वविद्यालय से अब लगाव जुड़ गया है. मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सुबह 9 बजे अपने अध्यक्षीय कक्ष में प्रवेश कर जाता था, कभी भी मैंने कक्षा नहीं छोड़ी ना कक्षा के अलावा छुट्टियां ली. अपने कर्म योगी हूं कर्म में विश्वास रखता हूं, सभी मिलकर कार्य करेंगे. 

विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ और उन्नत बनाने के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे. विश्वविद्यालय में छात्र संख्या में हो रही कमी को लेकर प्रयास किया जाएगा और विश्वविद्यालय में छात्र संख्या की बढ़ोतरी की जाएगी. साथ ही विश्व विद्यालय के शिक्षकों की नियमानुसार पदोन्नति करवाने की बात कही. साथ ही हर महीने में 15 दिन विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ मीटिंग की जाएगी.

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