CS Sudhansh Pant surprise inspection : राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत मंगलवार को अस्पताल के औचक निरीक्षण करने जयपुर के सरकारी अस्पताल ऑफिस पहुंचे. औचक निरीक्षण में कई खामियां मिली.
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CS Sudhansh Pant surprise inspection : राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत मंगलवार को अस्पताल के औचक निरीक्षण करने जयपुर के सरकारी अस्पताल ऑफिस पहुंचे.
प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं की सुदृढ़ता के लिए सीएम और सीएस ने औचक निरीक्षण के निर्देश दिए थे. जिसके तहत 24 से 28 जनवरी तक संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार की ओर से औचक निरीक्षण में कई खामियां मिली.
निरीक्षण में 30 प्रतिशत कर्मचारी गैर हाजिर पाए गए. वहीं इमरजेंसी सेवाओं में 10 प्रतिशत मरीज बिना उपकरणों के पाए गए. वहीं 8 प्रतिशत अस्पतालों में टॉयलेट में गंदगियां मिली. वहीं 5 प्रतिशत अस्पताल भी गंदे मिले.
- संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर,अति. जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी,तहसीलदार ने किया औचक निरीक्षण
- 24 जनवरी से 28 जनवरी तक 196 चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया
- 9 जिला चिकित्सालयों, 11 उप जिला चिकित्सालयों, 01 सैटेलाईट अस्पताल, 03 मातृ शिशु स्वास्थ्य कल्याण केन्द्र, 78 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 94 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सम्मिलित
- इन चिकित्सा संस्थानों का 01 संभागीय आयुक्त, 17 जिला कलक्टर, 10 अतिरिक्त जिला कलक्टर, 73 उपखण्ड अधिकारी, 64 तहसीलदारों ने किया निरीक्षण
- इसके अतिरिक्त 31 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राज्य / संभागीय / जिला तथा ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने भी निरीक्षण किया
- निरीक्षण में 141 (72 प्रतिशत) चिकित्सा संस्थानों में बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज किया जाना पाया गया
- 128 (65 प्रतिशत) संस्थानों में सुरक्षा हेतु सीसीटीवी कैमरे पाये गये
- 139 (70 प्रतिशत) चिकित्सा संस्थानों में सभी कार्मिक उपस्थित पाये गये
- 178 (90 प्रतिशत) चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन सेवाओं हेतु स्टाफ मय उपकरण पाये गये
- 165 (83 प्रतिशत) चिकित्सा संस्थानों पर प्रसव कक्ष में साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाएँ सही पाई गई
- 16 (8 प्रतिशत) चिकित्सा संस्थानों में टॉयलेट साफ-सफाई असंतोषजनक पाई गई
- 10 (5 प्रतिशत) चिकित्सा संस्थानों में परिसर की साफ-सफाई असंतोषजनक पाई गई
अब आने वाले दिनों में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों की रैंकिंग भी निर्धारित की जाएगी। इसके लिए निरीक्षण रिपॉट के आधार पर विभिन्न पैरामिटर्स तय किए जा रहे हैं। यह रैकिंग साप्ताहिक आधार पर की जाएगी। इस रैकिंग सिस्टम से विभिन्न जिलों के मध्य प्रतिस्पर्धा विकसित होगी, जिससे सुधार की कार्यवाही में आसानी रहेगी।