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Phed Jaipur: पीएचईडी में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.अब जयपुर के नार्थ थर्ड के तत्कालीन एक्सईएन गिरीश जैन ने मैसर्स जीआरजी फर्म को एक ही डेट और एक ही डिस्पैच नंबर के दो प्रमाण पत्र जारी कर दिए.क्या फिर से प्रमाण पत्र के नाम पर पीएचईडी में हो गया खेल,देखिए इस रिपोर्ट में!
दोषियों पर कार्रवाई होगी-
जलदाय विभाग में एक बार फिर से फर्जी प्रमाण का मामला सामने आया है.अबकी बार जयपुर नार्थ थर्ड में फर्जीवाड़े का प्रकरण सामने आया.तत्कालीन एक्सईएन गिरीश जैन ने एक ही डिस्पैच नंबर और एक ही तारीख के दो प्रमाण पत्र जारी कर दिए.इतना ही नहीं एक सर्टिफिकेट में तो कंस्ट्रक्शन और कमिश्निंग पूरा होना बताया,जिसमें गिरीश जैन ने बाडमेर डिवीजन की सील लगा दी.जबकि दूसरे प्रमाण पत्र में सिर्फ कंस्ट्रक्शन का प्रमाण पत्र दिया गया.गौर करने वाली बात ये है कि सीडब्लूआर की कमिश्निंग को मेजरमेंट बुक में कहीं उल्लेख नहीं है.इस संबंध में वर्तमान एक्सईएन निशा शर्मा ने रिपोर्ट सौंप दी है.अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय सिंह राठौड का कहना है कि जो भी दोषी होगा,उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कैसे खुला पूरा प्रकरण-
मैसर्स जीआरजी इंफ्रा ने सिटी डिवीजन बाड़मेर में 30 करोड़ के टैंडर हिस्सा लिया.जिसमें कमेटी ने जांच की तो पता लगा कि इस कार्य के लिए दो प्रमाण पत्र मिले.पूरे मामले में चीफ इंजीनियर ग्रामीण आरके मीणा ने एडिशनल चीफ इंजीनियर जोधपुर रीजन 2 से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी.जिसके बाद में शहरी चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता ने जयपुर रीजन 2 के एडिशनल चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी.जिसके बाद वर्तमान एक्सईएन निशा शर्मा ने ये रिपोर्ट दी है.
गिरीश जैन की सफाई-
इस संबंध में एक्सईएन गिरीश जैन ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि फरवरी में काम पूरा हो गया था,लेकिन एमबी में कमिश्निंग दर्ज नहीं की.क्योंकि पैमेंट पूरा नहीं हुआ.खैर अब पूरे मामले की जांच जलदाय विभाग कर रहा है तो जांच रिपोर्ट में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.