Jaipur LPG Tanker Blast: जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास हुए एक भीषण हादसे में आग की लपटें 200 फीट ऊंची तक उठीं, जिससे आकाश में उड़ रहे पक्षी तक इसकी जद में आ गए. यह हादसा इतना भयानक था कि इसकी पूरी कहानी सुनकर रौंगटे खड़े हो जाएंगे.
शुक्रवार, 20 दिसंबर की सुबह जयपुर-अजमेर हाईवे पर एक भयानक हादसा हुआ, जिसे भूलना सालों तक संभव नहीं होगा. जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी, जिसके बाद भयानक आग भड़क उठी. इस आग ने 14 लोगों की मौत हो गई और 44 लोग बुरी तरह से झुलस गए, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इस हादसे में 37 गाड़ियां जल गईं, जो इतनी जल गईं कि उनका सिर्फ लोहे का ढांचा बचा. इस हादसे से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में तैर रही हैं, जो इसकी भयावहता का अंदाजा लगाने के लिए काफी हैं.
कैसे हुआ हादसा?
शुक्रवार सुबह करीब 5 बजकर 41 मिनट पर जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास एक भयानक हादसा हुआ. एक ट्रक ने यू-टर्न ले रहे एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी, जिससे लगी आग ने 37 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया. इस दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई और लगभग 45 अन्य लोग झुलस गए.
आला अधिकारी रहे अलर्ट पर...
भांकरोटा अजमेर हाइवे पर हुए भीषण हादसे के बीच कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह किया. इस दुःखद घटना में घायलों और मृतकों के शवों को अस्पताल पहुंचाने के साथ-साथ, बीच रास्ते में खड़े एलपीजी से भरे टैंकर की सुरक्षित शिफ्टिंग भी एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन कलक्टर ने इन सभी चुनौतियों का सामना बखूबी किया और 15 घंटे तक मैदान में अपनी पूरी टीम के साथ डटे रहे. उन्होंने पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व किया और स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
शुक्रवार सुबह जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास एक भयानक हादसा हुआ। करीब 5 बजकर 41 मिनट पर एक ट्रक ने यू-टर्न ले रहे एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी, जिससे लगी आग ने 37 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। इस दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई और लगभग 45 अन्य लोग झुलस गए। अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा इतना भयानक था कि आसपास के कई वाहन पूरी तरह से जलकर स्वाहा हो गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर में हुए भीषण सड़क हादसे पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से फोन पर बात कर हादसे की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हादसे पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
अजमेर हाईवे पर 15 घंटे के बाद फिर से वाहन दौड़ने लगे हैं. सुबह 5:30 बजे अजमेर एक्सप्रेस हाईवे पर हुए भीषण हादसे के बाद दोनों तरफ से हाईवे को बंद कर दिया गया था. 15 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एलपीजी गैस टैंकर को खाली करवाने और जले वाहनों को हटाने के बाद रास्ता खोल दिया गया है. रास्ता खुलने के बाद सुबह से जाम में फंसे लोगों ने राहत की सांस ली है.
सभी ने दिखाया बेहतर तालमेल
जिला प्रशासन, पुलिस, हेल्थ, सिविल डिफेंस, फायर और तेल कंपनियों की टीम ने भांकरोटा हादसे में जबरदस्त तालमेल दिखाया. जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने घटना की सूचना मिलते ही सुबह 6:30 बजे मौके पर पहुंचकर दिनभर मोर्चा संभाला. उन्होंने 15 घंटे तक घटना स्थल पर अपनी पूरी टीम के साथ डटे रहकर घायलों और मृतकों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की, और फिर एलपीजी से भरे टैंकर को सुरक्षित तरीके से खाली करवाया.
अग्नि कांड की सूचना मिलने पर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. परिजनों के फोन पर एक ही संदेश था - तुरंत अस्पताल पहुंचो. इस भयावह स्थिति में प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी, बर्न एचओडी डॉ राकेश जैन और अन्य सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाल लिया. प्रशासन, मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्टाफ में अद्भुत तालमेल दिखा, जिससे मरीजों की जान बचाने में मदद मिली. डॉ दीपक माहेश्वरी अभी भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं.
जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भांकरोटा के पास एक भयानक हादसा हुआ। तड़के करीब पौने छह बजे एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी, जिससे आग लग गई। आग ने जल्द ही विकराल रूप ले लिया और आसपास से गुजर रही बस, ट्रक और कारें आग की चपेट में आ गईं। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और कई अन्य झुलस गए।
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