राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल में आर्ट ऑफ लिविंग और केंद्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय के सहयोग से कैदियों और जेल अधिकारियों को योग कराया गया. इस मौके पर विशेषज्ञों ने योग की महत्ता और निरोग रहने में उसके प्रभाव की जानकारी दी. बंदियों को दैनिक जीवन में स्वस्थ रहने के लिए काम आने वाले योग प्रणायाम बताए गए.
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Jaipur: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आम से खास लोगों के साथ ही जेलों में बंद कैदियों ने भी योग किया. प्रदेश की जेलों में कैदियों ने योगाचार्यों के सान्निध्य में योग प्राणायाम कर निरोगी रहने का संदेश दिया.
राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल में आर्ट ऑफ लिविंग और केंद्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय के सहयोग से कैदियों और जेल अधिकारियों को योग कराया गया. इस मौके पर विशेषज्ञों ने योग की महत्ता और निरोग रहने में उसके प्रभाव की जानकारी दी. बंदियों को दैनिक जीवन में स्वस्थ रहने के लिए काम आने वाले योग प्रणायाम बताए गए.
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आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान ने लगाया शिविर
इसी तरह बांसवाड़ा जेल में कैदियों ओर स्टाफ के लिए स्थानीय आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान की ओर से योग शिविर लगाया गया. लियो कॉलेज के प्रोफेसर योग गुरु नितिन याज्ञिक सहित अन्य योग्याचार्यों ने योग अभ्यास करवाए. जेल अधीक्षक रमाकान्त शर्मा ने बंदियों एवं कर्मचारियों को जीवन में योग का महत्व समझाया. उन्होंने कहा कि भागदौड़ के जीवन में योग करें. स्वस्थ रहें.
बंदियों को अच्छा लगा योग कार्यक्रम
बंदियों ने बताया कि जेल में योग का ऐसा कार्यक्रम पहले नहीं हुआ तथा उन्हें अच्छा लगा कि उनके लिए भी सोच कर अच्छा कार्य करवाया गया. इधर बांसवाड़ा जेल में कैदियों की फरारी के बाद कैदियों में एक अजीब सा डर था. योग और प्राणायाम के बाद उन्हें शांति मिली. इनके अलावा भी प्रदेश की सभी जेलों में कैदियों ने योग एवं प्राणायाम किए.
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