International Women Day: राजस्थान की तीन खूबसूरत महिला IAS, जिन्हें मिला 'ब्यूटी विद ब्रेन'का टैग
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International Women Day: राजस्थान की तीन खूबसूरत महिला IAS, जिन्हें मिला 'ब्यूटी विद ब्रेन'का टैग

International Women Day: इस बार 8 मार्च की तारीख बहुत ही खास है, क्योंकि शिव और शक्ति का दिन दोनों एक साथ है. यानी महाशिवरात्री और इंटरनेशनल वुमेंस डे. तो खास मौके पर पढ़िए राजस्थान की तीन महिला आईएएस की कहानियां..जिन्हें ब्यूटी विद ब्रेन का टैग मिला है.

 

फाइल फोटो.

International Women Day: आठ मार्च इस बार जितना शिव भक्तों के लिए खास है, उतना ही वुमेंस के लिए भी खास है.क्योंकि आठ मार्च को ही इस बार महाशिवरात्री और इंटरनेशनल वुमेंस डे दोनों एक साथ है. इस खास मौके पर पढ़िए राजस्थान की तीन आईएएस महिला ऑफिर्स की कहानी जो कह रही जीतेंगे हम. ये कहानियां राजस्थान समेत देशभर की उन बेटियों के लिए एक मोटिवेशन का काम करेंगी जो घर से दूर, तमाम तरह के आभावों में अपने सपनों को गढ़ रही हैं. उनकी आंखों में ख्वाब है आईएएस बनकर देश की सेवा का. 

रिया के हाथों है यहां की कमान

आईएएस टीना डाबी की छोटी बहन रिया डाबी 2021 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, बता दें कि वर्तामन में रिया के हाथों में उदयपुर जिले की कमान है.ट्रेनिंग के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग अलवर में मिली थी.उन्होंने 15वीं रैंक हासिल की थी.

कहते हैं कि ना हर एख व्यक्ति की सफलता पर घर के माहौल का असर होता है, कुछ ऐसा ही असर रिया की सफलता पर भी था, बहन टीना डाबी के आईएएस बनने के बाद रिया का मोटिवेशन और बढ़ गया. भरपूर सहयोग भी मिला पैरेंट्स का. लेकिन पारिवारिक माहौल के साथ रिया ने भी सकारात्मक तरीके से मेहनत करके अपनी मुकाम हासिल की है.

परी बिश्‍नोई ने तीसरे अटैंप्ट में बनीं थी आईएएस

यदि लक्ष्य बड़ा है तो प्रयास भी बड़े होना चाहिए. एक, दो बार यदि मंजिल न मिले तो तीसरी बार भी प्रयास करें. कुछ ऐसा ही प्रयास परी बिश्‍नोई ने भी किया था. जिसका फल उनको तीसरे प्रयास में मिल गया. यूपीएससी की तैयारी में परी बिश्‍नोई को तीसरी बार में सफलता मिली थी. 

साल 2019 में परी ने न सिर्फ यूपीएससी की परीक्षा पास की बल्कि उन्होंने 30वीं रैंक भी हासिल की थी. परी राजस्थान के अजमेर की रहने वाली हैं. उनका परिवार भी सिविल सेवा से जुड़ा रहा है. परी के पिता मणीराम बिश्‍नोई वकील हैं और माता सुशीला बिश्नोई अजमेर में थानेदार हैं. मणीराम चार साल तक अपने गांव के सरपंच भी रह चुके हैं.

बहुत ही कम उम्र में नम्रता वृष्णि ने तय किया सफर

हुनरमंदों और प्रतिभावानों की उम्र मायनें नहीं रखती. कुछ ऐसी ही बचपन से एक अलग प्रतिभा थी नम्रता वृष्णि के अंदर तभी तो उन्होंने शुरूआती प्रयास में ही सफलता हासिल की है. 2013 बैच की आईएएस अधिकारी नम्रता वृष्णि ने वर्ष 2012 में सिविल सर्विस परीक्षा में 62वीं रैंक हासिल कर बहुत ही कम उम्र में आईएएस अधिकारी तक का सफर तय किया.

वर्तमान में कर विभाग संयुक्त शासन सचिव जयपुर से स्थानांतरित होकर बीकानेर की नई जिला कलेक्टर की जिम्मेवारी सौंपी गई है.बता दें कि,आईएएस नम्रता वृष्णि इससे पहले बीकानेर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर रह चुकी हैं.वृष्णि ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी भी कर रखी है.

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