राजस्थान में बढ़ा महिलाओं को लिंगानुपात, आंगनवाड़ी रिटायरमेंट पर मिलेंगे लाखों रुपए, ममता भूपेश बोली
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राजस्थान में बढ़ा महिलाओं को लिंगानुपात, आंगनवाड़ी रिटायरमेंट पर मिलेंगे लाखों रुपए, ममता भूपेश बोली

जयपुर-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जयपुर में  एक सप्ताह के कार्यक्रमों की श्रंखला जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में राज्य स्तरीय महिला आर्थिक सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया.

राजस्थान में बढ़ा महिलाओं को लिंगानुपात, आंगनवाड़ी रिटायरमेंट पर मिलेंगे लाखों रुपए, ममता भूपेश बोली

जयपुर-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक सप्ताह के कार्यक्रमों की श्रंखला में जयपुर स्थित जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में महिला सप्ताह का शुभारम्भ समरोह एवं राज्य स्तरीय महिला आर्थिक सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा कार्यक्रम की मुख्यअतिथि ममता भूपेश ने कहा कि हर दिन महिला दिवस है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की बानगी है,कि आज राज्य की मुख्य सचिव एक महिला प्रशासनिक अधिकारी हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ IAS अधिकारी श्रीमती उषा शर्मा पर विश्वास दिखाते हुए राज्य का मुख्य सचिव बनाया है. यह महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण है. उन्होंने स्वयं अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन पर विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री ने 2018 में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री बनने का अवसर दिया. इसी प्रकार उन्होंने उदाहरण दिया कि अवनि लेखरा ने जो 12 साल की अवस्था में दुर्घटना के कारण व्हील चेयर पर आ गई थी. इस पर उसके माता-पिता ने हार ना मानते हुए उसे शूटिंग में अवसर तलाशने के लिए आगे बढ़ाया और फिर अवनि लेखरा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग में गोल्ड मैडल जीता है. उन्होंने कहा कि अवनि आज प्रदेश की जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की ब्रांड अम्बेसेडर हैं.

महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश:
भूपेश ने सन्देश दिया कि महिलाओं बेटियों शिक्षा के साथ ही उनके हुनर को भी निखारने के अवसर दिए जाने चाहिए.
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि हमने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि आंगनबाडी कार्यकर्ता को सेवानिवृत पर दो तीन लाख रूपये दिये जाए, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है.
भूपेश ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बालिका शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है. दूरदराज के क्षेत्रों में भी बालिकाओं के लिए विद्यालय बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों ने बालिका शिक्षा को संबल प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी क्षेत्र के स्कूल में 500 से अधिक बालिकाएं पढ़ रही हैं तो वहां पर एक बालिका कॉलेज खोला जा रहा है. प्रदेश में अब तक ऐसे 50 से ज्यादा कॉलेज खोले गए हैं.
भूपेश ने कहा कि प्रदेश में सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसके तहत समूह विवाह की स्थिति में पूर्व में दी जाने वाली राशि की अपेक्षा अब 25 हज़ार रुपए की राशि अनुदान में दिया जाना शुरू किया गया है. इसी प्रकार अलग-अलग समाज के 25 जोड़ों का विवाह संपन्न करवाने पर ऐसी संस्थाओं को दस लाख रूपये की राशि दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रति हजार बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का लिंगानुपात निरंतर बढ़ रहा है. प्रदेश में आज नारी शक्ति के कारण विकास तीव्र गति से विकास हो रहा है. उन्होंने कहा कि पुरुषों की सफलता के पीछे भी बहन, मां, बेटी अथवा पत्नी का ही हाथ होता है इस बात से हम सब परिचित हैं. महिला बाल विकास मंत्री ने कहा कि 2018 में प्रदेश में आंगनबाड़ियों में बच्चों किशोरियों या धात्री महिलाओं की संख्या 36 लाख थी जो अब बढ़कर 48 लाख हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल में लगभग 12 लाख लाभार्थियों की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश में इस बार महिलाओं और युवाओं को समर्पित बजट पेश किया गया है. इस बजट में विभिन्न प्रकार के नवाचारों से महिलाओं को लाभान्वित किया गया है.

मुख्य सचिव उषा शर्मा : 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मुख्य सचिव उषा शर्मा ने अपने सम्बोधन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी शक्ति और महत्व का एहसास होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि एक ही जीवन मिला है महिलाओं को केवल त्याग ही नहीं करना चाहिए अपितु उमंग और उल्लास के साथ खुलकर जीना चाहिए और जीवन को सार्थक बनाना चाहिए. मुख्य सचिव ने कहा कि 35 साल के उनके प्रशासनिक सेवा के करियर में अपनी आंखों से राजस्थान में महिला सशक्तिकरण की यात्रा को देखा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की यात्रा अविस्मरणीय रही है. राज्य सरकार ने महिला उत्थान में अभूतपूर्व कार्य किए हैं. बच्चियों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिले हैं. प्रदेश में स्वयं सहायता समूह के द्वारा महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है. 

राजीविका,अमृता हाट के माध्यम से महिलाओं को न केवल आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर मिले हैं अपितु उनमें एक जबरदस्त आत्मविश्वास की उत्पत्ति हुई है. प्रदेश में महिलाओं को उद्यमिता के बेहतरीन अवसर मिले हैं. महिलाओं ने कई तरह के स्टार्टअप शुरू किए हैं. प्रदेश महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण में अग्रणी राज्य बन गया है. कुरीतियों एवं बाल विवाह में निरंतर कमी आई है. प्रदेश में महावारी स्वच्छता के लिए उड़ान योजना शानदार कार्य कर रही है. योजना के अंतर्गत एक करोड़ 51 लाख महिलाओं एवं किशोरियों को निशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरित किए जा रहे हैं. प्रदेश में अब तक 70% वितरण हो चुका है अगले एक महीने में 100% सेनेटरी नैपकिन वितरण होगा. 

उड़ान योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री ने महिलाओं एवं किशोरों की माहवारी स्वच्छता संबंधी समस्या का समाधान किया है. उन्होंने कहा कि माहवारी स्वच्छता पर अब पुरुष भी बात करते हैं. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. मुख्य सचिव ने कहा कि एक संतोष का भाव है कि प्रदेश की महिलाएं हर स्तर पर आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने राजीव गाँधी ग्रामीण ओलाम्पिक खेलों को दूरदराज की किशोरियों एवं महिलाओं के लिए एक बेहतरीन अवसर बताते हुए कहा कि उदयपुर के कोटड़ा में आदिवासी बालिकाएं तीरंदाज़ी कर रही यह देख कर मेरी आँखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि बालिकाएं कबड्डी खेल में सहभागिता कर रही थी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज महिलाएं एवं बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.

इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास श्रेया गुहा अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा मुख्य सचिव के निर्देश पर महिला दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से पूरे उत्साह से राज्य में महिला सप्ताह मनाया जा रहा. श्रीमती गुहा ने प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों, पंचायत, ब्लॉक, जिला वा राज्य स्तर पर मनाए जा रहे कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि 8 मार्च से 14 मार्च तक महिला सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित किया गया है.

नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक बैज्जू एन कुरप : 
कार्यक्रम में बैज्जू एन कुरप ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम महिला सशक्तिकरण के इस कार्यक्रम से जुड़कर प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि लिंग भेद जैसी चीजे अब प्रदेश से खतम हो रही है तथा महिला सशक्तिकरण निरंतर बढ़ रहा हैं. समूचा देश महिला सशक्तिकरण में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि नाबार्ड महिला सशक्तिकरण में अपना योगदान दे रहा हैं. उन्होंने नाबार्ड द्वारा किए जा रहे महिलाओ के आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रम की विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री रोहित पी दास: 
रोहित पी दास ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाओ की वास्तविक स्थिति अभी भी बहुत कमजोर है, जिस पर काम किया जाना जरुरी है. उन्होंने कहा कि महिला उद्यमी ऋण प्राप्त करने के बाद उसकी अदायगी में ज्यादा विश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से महिलाएं समाज का ताकतवर हिस्सा है,उनको आगे आकर उस स्तर पर प्रदर्शन भी करना होगा.

इस अवसर पर इंदिरा महिला शक्ति योजना की लाभार्थी एवं झूँझनू की उद्यमी निरु चिबड़ा ने महिला अधिरिता विभाग की इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित होने की कहानी बताते हुए कहा कि उसे योजनाओं अंतर्गत 49 लाख 50 हज़ार का ऋण प्राप्त हुआ जिससे उसने पीवीसी पाइप की फैक्ट्री शुरू की है. उक्त राशि में से 13 लाख रूपये का उसे अनुदान मिला. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश का अनुदानित ऋण उपलब्ध करवाने के लिए धन्यवाद दिया.
जयपुर के बगरू खुर्द की निवासी कोमल शर्मा ने नाबार्ड और राजीविका के साथ जुड़ने के चार साल के अपने अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि आज हम सक्षम हैं. प्रदर्शनी के माध्यम से हमें सशक्तिकरण के कई अवसर प्राप्त हो रहें हैं.

बैंकर समिति संयोजक के के चौधरी: 
राज्य स्तरीय बैंकर समिति के संयोजक के के चौधरी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों हुई. उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले कुरीतियों के करण महिलाएं पिछड़ी हुई थी, जिसके चलते महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता हुई. उन्होंने कहा कि पुरुषों की अपेक्षा बैंकों से ऋण लेने की स्थिति में महिलाओ के कारण एनपीए की संभावना बहुत कम होती है. उन्होंने बैंक ऑफ बदौदा की महिला कल्याण की योजनाओं के बारे में जानकारी दी.

गर्ल्स के प्रोजेक्ट लीडर सुनील शेखर: 
इस अवसर पर एजुकेट गर्ल्स के प्रोजेक्ट लीडर सुनील शेखर ने कहा कि आज के कार्यक्रम की थीम महिलाओं के सशक्तिकरण में आर्थिक आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि अगर हमें महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में लाना है तो उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षणों के साथ साथ छोटे छोटे मौके देकर स्टार्टअप, ऑनलाइन प्लेटफार्म एवम विभिन्न स्तरों पर मार्केटलिंकेज के अवसरों से जोड़ना होगा . साथ ही साथ जरूरत आधारित क्रेडिट सपोर्ट के अवसरों की सक्सेस रेट को बेहतर करना होगा .

इस अवसर पर इंदिरा महिला शक्ति की फ़िल्म दिखाई गई. वहीं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मुख्य सचिव उषा शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने साइबर अपराध अथवा धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक पुस्तक का विमोचन किया गया. उन्होंने इस अवसर पर ड्रेस डिजाइनिंग मॉड्यूल का अनावरण किया.

समारोह में आयुक्त महिला अधिकारिता (अतिरिक्त प्रभार) राम अवतार मीणा ने कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापित किया.

इससे पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश तथा मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने नाबार्ड की ओर से लगाई गई महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा महिलाओं बेहतरीन कार्य को सराहा और उनका उत्साहवर्धन किया.

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