Jaipur: उत्तरी रिंग रोड की जमीन अवाप्ति मामले में आपत्तियों पर सुनवाई शुरू, DLC का 4 गुना मुआवजे की मांग
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1731579

Jaipur: उत्तरी रिंग रोड की जमीन अवाप्ति मामले में आपत्तियों पर सुनवाई शुरू, DLC का 4 गुना मुआवजे की मांग

Jaipur news: जयपुर में उत्तरी रिंग रोड के लिए अवाप्ति की जा रहीं जमीन मामले में आपत्तियों पर सुनवाई शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि 28 से ज्यादा गांवों की 388.35 हेक्टेयर जमीन के लिए 236 आपत्तियां आई है और ज्यादातर काश्तकारों की मांग मुआवजा राशि डीएलसी का चार गुना देने की है.

 

Jaipur: उत्तरी रिंग रोड की जमीन अवाप्ति मामले में आपत्तियों पर सुनवाई शुरू, DLC का 4 गुना मुआवजे की मांग

Jaipur: जयपुर में आगरा रोड से दिल्ली बाइपास होते हुए चौंप तक बनने वाली उत्तरी रिंग रोड के लिए जमीन अवाप्ति की जा रहीं जमीन के मामले पर आई आपत्तियों पर सुनवाई शुरू हो गई है.28 से ज्यादा गांवों की 388.35 हेक्टेयर जमीन के लिए 236 आपत्तियां आई है. इसमें ज्यादातर काश्तकारों की मांग मुआवजा राशि डीएलसी का चार गुना देने की है.वहीं कुछ मामलों में काश्तकार जमीन के बदले 25 फीसदी विकसित जमीन की भी मांग कर रहे है.

जयपुर शहर में ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए बनने वाली नॉर्दर्न रिंग रोड को लेकर कवायद शुरू हो गई हैं. करीब 45 किमी लम्बाई में प्रस्तावित नार्दन रिंग रोड पर 3000 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है.ये रिंग रोड आगरा रोड से दिल्ली बाइपास अचरोल होते हुए चौंप तक बनेगी.उत्तरी रिंग रोड के लिए जमीन अवाप्ति की जा रहीं जमीन के मामले पर आई आपत्तियों की सुनवाई जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में हो रही हैं.

जिला प्रशासन की ओर से की जा रही सुनवाई में पिछले तीन दिन में 95 आपत्तियां सुनी गई, जिसमें अधिकांश किसानों ने दिए जा रहे नकद मुआवजे को चार गुना तक देने की मांग की है.हालांकि कुछ मामलों में काश्तकारों ने जमीन के बदले विकसित जमीन देने की मांग रखी. लेकिन विकसित जमीन वाले मामले पर प्रशासन ने जमीन नहीं देने की बात कही है. इसके पीछे तर्क है कि एनएचएआई उतनी ही जमीन अवाप्त कर रहा है, जितनी जमीन पर प्रोजेक्ट बनना है. 

उत्तरी रिंग रोड के लिए की जा रही है जमीन अवाप्त 

आपको बता दें कि जयपुर में बनने वाली उत्तरी रिंग रोड के लिए जमीन अवाप्त की जा रही है.नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) 28 से ज्यादा गांवों की 388.35 हेक्टेयर जमीन इस रोड को बनाने के लिए अवाप्त कर रहा है. शेड्यूल के मुताबिक जयपुर तहसील के गांव रूपा की नांगल और सुमेल गांव के प्रभावितों की सुनवाई 5 जून, गांव विजयपुरा की 7-8 जून को हो गई.जबकि आज गांव मालपुरा चोड व मालपुरा डूंगर की के प्रभावितों की सुनवाई हुई है.

ये कहता है नया भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013

अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय अमृता चौधरी ने बताया की नए भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 के तहत शहरी सीमा से अगर 10 किलोमीटर दूरी तक कोई जमीन अवाप्त की जाती है, तो उस जमीन की डीएलसी का 1.25 गुना राशि नकद मुआवजे के रूप में दी जाती है.इसी तरह जमीन अगर शहरी सीमा से 10 से ज्यादा और 20 किलोमीटर तक है तो उस पर 1.50 यानी डेढ़ गुना, अगर जमीन 21 से 30 किलोमीटर तक की दूरी पर है तो उस जमीन का मुआवजा डीएलसी का 1.75 गुना और अगर जमीन 30 किलोमीटर से ज्यादा दूर है तो उसका 2 गुना मुआवजा देने का प्रावधान है.जयपुर, अजमेर और जोधपुर में विकास प्राधिकरण की सीमा तक शहरी सीमा मानी जाती है. इस मामले में जयपुर जिला प्रशासन की ओर से सुनवाई की जा रही है. जो गांव वाइज की जा रही है. ग्राम बगराना की 10 जून को सुनवाई होगी. 

इन गांवों की इन तारीखों पर होगी सुनवाई

इसी तरह आमेर तहसील के गांव चौंप व पोखरवाला की सुनवाई 15 जून, जैतपुर खींची, नांगल नुर्कान, कांकरोल की 16 जून, ग्राम अचरोल की 19, ग्राम अणी, धींगपुर व लबाना की 20 जून, सुनवाई होगी.जमवारामगढ़ तहसील के गांव चावण्ड का मण्ड, साईवाड, बालकिशनपुरा, लांगड़ियावास की सुनवाई 26 जून और ग्राम भानपुरकलां की सुनवाई 28 जून को होगी. उन्होने बताया की टीकमपुरा, सायपुरा, मथुरादासपुरा, लांगड़ियावास, कुशलपुरा, चेनपुरावास साइवाड, चावण्डकामण्ड, भानपुरकलां, बाल किशनपुरा, रामपुरा, विजयपुरा, सुमेल, रूपा की नांगल, मालपुरा डूंगर, बगराना, मालपुरा चौड़, सांगावाला, नांगल तुर्कान, पोखरावाला, लबाना, कालीघाटी, कांकरेल, जैतपुरखींची, धींगपुर, चौंप, ढ़ण्ड, अणी, अचरोल की जमीन प्रभावित हो रही हैं.

नॉर्दर्न रिंग रोड को बनाने के लिए प्रयास शुरू 

बहरहाल, शहर में ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए नॉर्दर्न रिंग रोड को बनाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं.नॉर्दर्न रिंग रोड से आगरा और दिल्ली रोड को कनेक्टिवटी दी जा रही हैं..इससे दिल्ली से आने वाला ट्रेफिक जो भरतपुर-आगरा और दौसा के अलावा टोंक और कोटा रूट पर जाना चाहता हैं उसे रिंग रोड बनने के बाद जयपुर शहर की सीमा से होकर नहीं गुजरना पडेगा. जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द आपत्तियों का निस्तारण करके मुआवजा देने और जमीन का कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.इस साल अगस्त से जमीन का कब्जा लेना शुरू होगा और अक्टूबर तक पूरे प्रोजेक्ट के लिए जमीन का कब्जा लेने का लक्ष्य है.

यह भी पढ़ें...

गुलाबी साड़ी में ब्वॉयफ्रेंड से शादी रचाने पहुंचीं सोनाली सहगल, देखिए उनकी ये ग्रैंड एंट्री

 

Trending news