ऐसे में केवल तकनीकी और संदेह के आधार पर बीमा कंपनी क्लेम देने से इनकार नहीं कर सकती है.
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Jaipur: जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम ने संदेह और तकनीकी आधार पर बीमा क्लेम खारिज करने को गलत माना है. इसके साथ ही आयोग ने बीमा कंपनी को क्लेम राशि के तौर पर दो लाख 26 हजार आठ सौ रुपए एक माह में अदा करने को कहा है. वहीं मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर पांच हजार रुपए अतिरिक्त देने को कहा है. आयोग ने यह आदेश संदीप शर्मा के परिवाद पर दिए.
संदीप शर्मा के परिवाद में कहा गया कि उसकी कार 24 मार्च 2016 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, इस दौरान कार उसका चालक मोहन शर्मा कार चला रहा था और परिचित राजेन्द्र राव बगल की सीट पर बैठा था. उस समय वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया और जब क्लेम किया तो बीमा कंपनी ने उसका क्लेम मनमर्जी से खारिज कर दिया. जिसके बाद संदीप ने जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया.
आयोग ने जब बीमा कंपनी को नोटिस जारी किया तो, जवाब में बीमा कंपनी ने कहा कि सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में दो लाख 26 हजार आठ सौ रुपए का नुकसान होने का आकलन किया था, लेकिन निजी जांच एजेंसी ने बताया कि दुर्घटना के समय वाहन राजेन्द्र राव चला रहा था और उसके पास लाइसेंस भी नहीं था, इसके अलावा चोटें भी राव के ही आई थी. इस पर आयोग ने माना कि एफआईआर में बतौर चालक मोहन का नाम दर्ज है और सर्वेयर ने भी मोहन को ही चालक माना था. ऐसे में केवल तकनीकी और संदेह के आधार पर बीमा कंपनी क्लेम देने से इनकार नहीं कर सकती है.
Reporter - Mahesh Pareek
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