Fake milk supply in Jaipur : दौसा और भरतपुर में पांच अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करते हुए बड़ी तादाद में सिंथेटिक मिल्क, नकली मावा व अन्य सामान बरामद किया गया है. 50 हजार लीटर सिंथेटिक मिल्क जयपुर सरस डेयरी को भेजा जा रहा था.
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Fake milk supply in Jaipur : राजस्थान के भरतपुर जिले में जिसे दूध मानकर आप सेवन कर रहे हैं या अपने बच्चों को पिला रहे हैं वह दूध न होकर सफेद जहर हो सकता है. इसका खुलासा किया है पुलिस मुख्यालय की सीआईडी सीबी ने. एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के निर्देशन में दौसा और भरतपुर में पांच अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करते हुए बड़ी तादाद में सिंथेटिक मिल्क, नकली मावा व अन्य सामान बरामद किया गया है.
ताज्जुब की बात यह है कि तमाम सिंथेटिक मिल्क बीएमसी के जरिए जयपुर सरस डेयरी को सप्लाई किया जा रहा था. जहां से रोजाना हजारों लोगों तक यह सफेद जहर पहुंच रहा था. डीग जिले के कैथवाड़ा से रोजाना 50 हजार लीटर सिंथेटिक मिल्क तैयार कर जयपुर सरस डेयरी को भेज कर हजार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था.
पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार को डीग जिले के कैथवाड़ा कस्बे में सिंथेटिक दूध बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया. फैक्ट्री में तैयार सिंथेटिक दूध दौसा जिले के बांदीकुई थाना अंतर्गत 2 बीएमसी और थाना बैजूपाड़ा स्थित एक बीएमसी के अतिरिक्त सिकराय कस्बे की डेयरियों में सप्लाई किया जा रहा था.
सभी जगह से कुल 12 लोगों को डिटेन किया गया है। यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर की गई। कैथवाड़ा में पकड़ी गई फैक्ट्री से रोजाना करीब 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध तैयार कर सप्लाई किया जा रहा था. कैथवाड़ा थाना क्षेत्र स्थित कमालिया आइस इंडस्ट्रीज एवं मिल्क चिलिंग प्लांट में केमिकल के द्वारा सिंथेटिक दूध बनाया जा रहा था.
फैक्ट्री से छोटे दूध के टैंकरों के मार्फत दौसा जिले में थाना बांदीकुई स्थित बीएमसी रलावता व झुंपडीन एवं थाना बैजूपाड़ा स्थित बीएमसी बिवाई तथा सिकराय कस्बे में तीन दूध की डेयरी में सप्लाई किया जाता. बीएमसी के संचालक सिंथेटिक मिल्क जयपुर सरस डेयरी में सप्लाई कर रहे थे.
इस काम में बीएमसी के अध्यक्ष की भूमिका भी संदिध पाई गई है. सिंथेटिक दूध में असली दूध की एक बूंद भी नहीं होती. हाइड्रो पेरोक्साइड, यूरिया, पाम आयल, कास्टिक सोडा, मिल्क पाउडर इत्यादि को एक निश्चित मात्रा में मिला मशीनों के जरिए सिंथेटिक मिल्क तैयार किया जा रहा था.
इस बड़ी कार्रवाई के बाद एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के सुपरविजन में पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। सरस डेयरी तक सिंथेटिक दूध सप्लाई करने की इस पूरी चेन में जितने भी लोग शामिल हैं उन सभी लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है. अब तक इस पूरे मामले को लेकर दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं और जांच के आधार पर आगे और भी मुकदमे दर्ज किए जाएंगे.
तमाम मुकदमों का इन्वेस्टिगेशन संबंधित जिला पुलिस के द्वारा किया जाएगा लेकिन इन्वेस्टिगेशन में पूरा सुपरविजन और डायरेक्शन एडीजी क्राइम दिनेश एमएन का रहेगा। दिनेश एमएन का कहना है कि सिंथेटिक दूध और अन्य सामान बनाने की और भी सूचनाओं प्राप्त हो रही है उनको डेवलप करके आगे भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने का काम किया जा रहा है.
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पुलिस मुख्यालय की सीआईडी सीबी ने सिंथेटिक दूध बनाने वाली एक फैक्ट्री का पर्दाफाश कर दिया है लेकिन इस तरह की न जाने और कितनी फैक्ट्रियां प्रदेश के अलग-अलग जिलों में संचालित हो रही होंगी. देखना होगा कि उन तक किस तरह से पुलिस और खाद्य विभाग की टीम पहुंच पाती है.
Reporter- Vinay Pant