Jaipur News: राजस्थान के जल जीवन मिशन में पेयजल कनेक्शन 51 लाख पार पहुंच गए हैं. ये बात यही है कि पश्चिमी बंगाल के बाद राजस्थान पूरे देश में रैंकिंग में सबसे पीछे है लेकिन अभी जलदाय विभाग 25 लाख एफएचटीसी कनेक्शन को जल्द से जल्द हो सके ताकि गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा गांवों तक पीने का पानी पहुंच सके.
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Jaipur News: राज्य के जल जीवन मिशन में पेयजल कनेक्शन 51 लाख पार पहुंच गए हैं. ये बात यही है कि पश्चिमी बंगाल के बाद राजस्थान पूरे देश में रैंकिंग में सबसे पीछे है लेकिन अभी जलदाय विभाग 25 लाख एफएचटीसी कनेक्शन को जल्द से जल्द हो सके ताकि गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा गांवों तक पीने का पानी पहुंच सके. आखिरकार जल जीवन मिशन में राजस्थान में क्या कहते है आंकड़े, पढ़िए इस खास रिपोर्ट में!
जल जीवन मिशन में राजस्थान पिछली सरकार से ही पिछड़ा हुआ चल रहा है. इस मिशन में मरुधरा इतना पिछड़ गया कि अब सालों लग जाएंगे लेकिन जो ऑन गोइंग एफएचटीसी कनेक्शन से उससे तो जनता तक पीने का पानी मिल सके. इसके लिए जलदाय विभाग जल्द से जल्द ये कोशिश कर रहा है कि पीने का पानी ज्यादा से ज्यादा ढाणियों और गांवों तक पहुंच सके. राज्य में करीब 25 लाख ऑन गोइंग पेयजल कनेक्शन पर पीएचईडी की नजर है. जल्द से जल्द 25 लाख पेयजल कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे.ताकि गर्मियों में गांव-ढाणियों तक पेयजल पहुंच सके. जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा का कहना है कि बिल्कुल जेजेएम की काफी पीछे चल रहे है लेकिन नई टीम के साथ अब आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. काफी समय से जेजेएम में पीछे चल रही है.
2019 से अब तक किस साल कितने कनेक्शन
नंबर साल कनेक्शन
1. 2019-20 1,02,169
2. 2020-21 6,80,883
3. 2021-22 5,38,030
4. 2022-23 14,13,000
5. 2023-24 करीब 12 लाख
48 प्रतिशत लक्ष्य को छू पाए
राजस्थान में मार्च तक 1 करोड 6 लाख परिवारों के कनेक्शन होने थे. जल जीवन मिशन के लक्ष्य 100 प्रतिशत पूरे होने थे लेकिन पिछली सरकार में ये लक्ष्य पूरे नहीं हो पाए. जिस कारण केंद्र सरकार को इस मिशन की समय सीमा बढ़ानी पड़ी. अब तक सिर्फ 48 फीसदी पेयजल कनेक्शन राज्य में हो पाए. जलदाय सचिव डॉ.समित शर्मा का कहना है कि 16 हजार करोड के टैंडर आचार संहिता से पहले हो चुके है.हमारी कोशिश रहेगी कि पूरे पारदर्शिता के साथ काम हो,ताकि क्वालिटी के साथ आम जन तक पेयजल की राहत पहुंच सके.
इन जिलों में 30 प्रतिशत भी कनेक्शन नहीं हुए
इस मिशन में बाड़मेर, डीग, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सबसे पीछे है. इन जिलों में 30 प्रतिशत कनेक्शन भी नहीं हो पाए हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि इस मिशन में पिछले हुए जिले कैसे तेजी पकड़ पाएंगे.