राजस्थान में महिला अपराध में अग्रणी रहने की खबर पर रेहाना ने कहा- आंकड़ों से ज्यादा जरूरी अपराध पर लगाम लगे
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राजस्थान में महिला अपराध में अग्रणी रहने की खबर पर रेहाना ने कहा- आंकड़ों से ज्यादा जरूरी अपराध पर लगाम लगे

महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान एक मात्र प्रदेश है, जहां महिला के साथ बलात्कार, घरेलू हिंसा, दहेज की शिकायत की प्रत्येक रिपोर्ट दर्ज होती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला अत्याचार के मामले में संवेदनशील है. 

महिला अपराध और आंकड़ों को लेकर बयान जारी.

Jaipur: राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रेयाज ने प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध और आंकड़ों को लेकर बयान जारी किया है. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि आंकड़ों से ज्यादा यह जरूरी है कि महिला अपराध पर लगाम कैसे लगे, इसके लिए सरकार और महिला आयोग लगातार प्रयास कर रहे है. 

राजस्थान में महिला अपराध के मामले में अग्रणी
एनसीआरबी की रिपोर्ट में राजस्थान में महिला अपराध के मामले में अग्रणी रहने के समाचार प्रकाशित हुए हैं. इन समाचारों की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रेयाज ने राज्य में दर्ज आंकड़े पेश किए. रेयाज ने कहा कि राज्य में 2022  4 हजार 271 केस दर्ज हुए हैं. इनमें 1290 केस झूठे पाए गए हैं अर्थात 47.28 झूठे पाए गए हैं. वहीं अब तक 1554 केस पेंडिंग है. 

हर महिला की रिपोर्ट दर्ज आंकड़े बढ़े
महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान एक मात्र प्रदेश है, जहां महिला के साथ बलात्कार, घरेलू हिंसा, दहेज की शिकायत की प्रत्येक रिपोर्ट दर्ज होती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला अत्याचार के मामले में संवेदनशील है. सीएम की सख्त हिदायत है कि महिलाओं से सम्ंबधित शिकायत आती है तो तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. यही वजह है कि  प्रदेश में महिलाएं हिम्मत जुटा रही है और अपने खिलाफ अत्याचार की रिपोर्ट दर्ज करा रही है.  

दूसरे राज्यों में महिला अत्याचार, रिपोर्ट कम
महिला आयोग अध्यक्ष ने एनसीआरबी रिपोर्ट पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि वो यह बात मानने को तैयार नहीं कि जिन राज्यों में महिलाओं पर खुलेआम अत्चार होते हैं, वहां आंकड़े कम है. इससे लगता है कि महिलाएं थाने तक नहीं पहुंच पाती है, थाने तक पहुंच जाए तो एफआईआर दर्ज नहीं होती. एफआईआर दर्ज हो भी जाए तो जांच कार्रवाई नहीं होती है. 

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सख्त कार्रवाई होनी चाहिए 
महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रेयाज ने कहा कि आंकड़ों का मामला नहीं बल्कि महिलाओं पर एक भी अत्चार का मामला हो तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. महिला अत्याचार चिंता का विषय है. महिला अत्याचारों के खिलाफ राजनीतिक और सामाजिक तौर पर जागरूक होना चाहिए. महिला अत्चार की घटनाएं शर्मनाक और अफसोसजनक है. आंकड़ों पर ध्यान देने के बजाय महिला अत्याचार रोकने और सख्त कार्रवाई पर विचार करना चाहिए.

रिपोर्टर- विष्णु शर्मा 

 

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