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Jaipur: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने जिलों में विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे नवाचारों की प्रगति की समीक्षा की. साथ ही इससे जुड़े कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये. उन्होंने जिला कलेक्टर्स द्वारा महिला स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए किये जा रहे नवाचारों पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि गैप एनालिसिस करके कार्य योजना बनाने से अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. उन्होंने जिला कलेक्टर्स को अपने अपने जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने के लिए विशेष तौर पर निर्देश दिए.
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मुख्य सचिव शनिवार को यहां शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से जिलों में कलेक्टर्स द्वारा किये जा रहे विभिन्न नवाचारों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थी. बैठक में उदयपुर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, बाड़मेर, सिरोही, करौली, जालौर, बूंदी, झालावाड़, झुंझुनूं, बीकानेर तथा चूरू के जिला कलेक्टरों ने अपने- अपने जिलों में किये जा रहे नवाचारों को प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया. वीसी में संबंधित संभागीय आयुक्त, जिला परिषद सीईओ तथा अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे. मुख्य सचिव ने सभी जिलों को निर्देश दिये कि वे अपने जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को पहले से और भी मजबूत करें. उन्होंने सभी कलेक्टर्स को इस कार्य को 6 माह में पूरा करने का प्रयास करने के लिए कहा. मुख्य सचिव ने कहा कि ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि बच्चों को आगे बढ़ने के लिए एक स्वस्थ और खुशनुमा वातावरण मिले.
मुख्य सचिव ने उदयपुर जिला कलक्टर द्वारा कोटड़ा ब्लॉक के समग्र विकास के लिए किये जा रहे नवाचारों को सराहा तथा इसी प्रकार के कार्य लसाड़िया, झाड़ोल और फलासिया में भी करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य योजना को मूर्त रूप देने के लिए तीन महत्त्वपूर्ण चरणों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. पहला आधारभूत ढांचे का विकास, दूसरा केपेसिटी बिल्डिंग तथा तीसरा आधारभूत ढांचे के उपयोग के लिए आमजन को प्रेरित कर उसका समुचित उपयोग सुनिश्चित करना.
बैठक में प्रतापगढ़ जिला कलक्टर द्वारा टीबी पर नियंत्रण और जिले में सम्पूर्ण शिक्षा के लिए किये गए नवाचारों के बारे में जानकारी दी गई. इसी प्रकार भीलवाड़ा में मनरेगा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, शाला स्वास्थ्य प्रशिक्षण और प्रवेशोत्सव के डिजीटाइजेशन के नवाचारों के बारे में जिला कलक्टर ने मुख्य सचिव को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में उनके द्वारा किसानों को सुदृढ़ करने के लिए औषधीय पौधों को उगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
बैठक में बाड़मेर जिले में मिशन सुरक्षा चक्र के नवाचार के जरिये महिलाओं और बच्चों को एनिमिया से बचाने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में जिला कलक्टर ने जानकारी दी. सिरोही जिले में सामुदायिक अध्ययन केन्द्रों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया. इसी प्रकार करौली जिले में स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए डिलीवरी से पहले और जन्म के बाद अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे पोषण अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों के बारे में जिला कलक्टर ने बताया.
जालौर में चिरंजीवी जालौर के तहत शत् प्रतिशत् लोगों को योजना से जोड़ने की कार्य योजना के बारे में वहां के कलक्टर ने जानकारी दी. झुंझुनू जिला कलक्टर ने बताया कि उनके जिले में महावारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन के लिए कई नवाचार किये गए हैं. जिनका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है. इसी प्रकार बीकानेर को एनिमिया फ्री बीकानेर बनाने के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में कलक्टर ने विस्तार से जानकारी दी. मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य में गांव के सरपंच से लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा तथा स्कूलों की प्रिंसिपल और अध्यापिकाओं को भी जोड़ने से इसका लाभ सभी जरूरतमंदों तक पहुंचे.
जिला कलक्टर चूरू द्वारा सोशल सिक्योरिटी, पेंशन और पालनहार योजना के तहत किये जा रहे कार्यों और वेस्ट मेनेजमेंट के तहत किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई. मुख्य सचिव ने सभी जिला कलक्टर्स से कहा कि वे अपनी कार्ययोजना में सिविल सोसाइटी, एनजीओ, क्षेत्रिय अधिकारियों तथा ग्रासरूट स्तर के कार्मिक को भी जोड़ें, ताकि लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे.
Report- Bharat Raj