गुर्जरों को मुख्यमंत्री गहलोत का बड़ा तोहफा, विभिन्न योजनाओं के लिए 231.44 करोड़ रुपए को मिली मंजूरी
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गुर्जरों को मुख्यमंत्री गहलोत का बड़ा तोहफा, विभिन्न योजनाओं के लिए 231.44 करोड़ रुपए को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 231.44 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्तावों की स्वीकृति दी है.

गुर्जरों को मुख्यमंत्री गहलोत का बड़ा तोहफा, विभिन्न योजनाओं के लिए 231.44 करोड़ रुपए को मिली मंजूरी

Ashok Gehlot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 231.44 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्तावों की स्वीकृति दी है. यह राशि एमबीसी विकास कोष के अंतर्गत स्वीकृृत की गई है.

गहलोत ने देवनारायण अनुप्रति योजना के लिए 1.50 करोड़ रुपए, देवनारायण पूर्व मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 8 करोड़ रुपए, देवनारायण उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 135 करोड रुपए, देवनारायण गुरूकुल योजना के लिए 17.50 करोड़ एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन योजना के लिए 20.34 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है.

रावतभाटा और विराटनगर में देवनारायण आवासीय विद्यालय

मुख्यमंत्री ने चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा एवं जयपुर के विराटनगर में देवनारायण आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए 37.90 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है. अलवर के उमरेण, टोंक के निवाई तथा जयपुर में मानसरोवर व प्रतापनगर में देवनारायण छात्रावासों के भवन निर्माण के लिए 11.20 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.

मुख्यमंत्री के इस निर्णय से अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करने में सुगमता होगी तथा वे अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में एमबीसी विकास कोष की राशि को बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए किया गया है.

प्रदेशभर में 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालयों एवं संविधान केन्द्रों में पाठ्यपुस्तकें, समाचार पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनके लिए 11 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस राशि से केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. पुस्तकालय एवं संविधान केन्द्र पंचायतों और शहरों के वार्डों में खोले जाएंगे.

गहलोत की इस स्वीकृति से पाठकों को अध्ययन के लिए पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध हो सकेंगी. वे महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को भी पढ़ और समझ पाएंगे. इन केंद्रों में पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी विकसित होगी. उल्लेखनीय है कि गहलोत द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी.

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