राजस्थान हाइकोर्ट ने विद्युत नियामक आयोग आयोग के चेयरमैन पद पर रिटायर आईएएस डॉ. बीएन शर्मा की नियुक्ति करने के मामले में सीएस, आरईआरसी सचिव, चयन बोर्ड व अन्य से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. सीजे पंकज मिथल व जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश मुकुल भत्तानी की पीआईएल पर दिए.
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Jaipur: याचिका में बताया कि विद्युत नियामक आयोग में चेयरमैन सहित दो मैंबर्स का कमीशन होता है. इनमें से मैंबर का एक पद टैक्निकल होता है, जिसकी योग्यता इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ ही पावर जनरेशन, ट्रांसमिशन व डिस्ट्रिब्युशन में कार्य अनुभव है. राज्य सरकार ने मैंबर के खाली टेक्निकल पद पर बीएन शर्मा को 17 मई 2021 को नियुक्ति देते हुए कमीशन का चेयरमैन नियुक्त कर दिया.
जबकि राजस्थान पावर रिफार्म एक्ट 1999 और इलेक्ट्रिक एक्ट 1999 के अनुसार आयोग में टैक्निकल सदस्य पद पर इंजीनियरिंग सहित अन्य योग्यताधारक की नियुक्ति ही हो सकती है. ऐसे में टेक्निकल मैंबर के पद पर बीएन शर्मा की नियुक्ति एक्ट 1999 के नियमों का उल्लंघन है. पीआईएल में अदालत से बीएन शर्मा को चेयनमैन पद पर काम करने से तुरंत रोकने और उनकी नियुक्ति को अवैध मानते हुए रद्द करने का आग्रह किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.
Reporter- Mahesh Pareek
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