Chaitra Navratri 2023: दुर्गा अष्टमी और राम नवमी कब है? कन्या पूजन तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि जानें
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1630261

Chaitra Navratri 2023: दुर्गा अष्टमी और राम नवमी कब है? कन्या पूजन तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि जानें

Navratri Ashtami Navami date 2023: अष्टमी तिथि 28 मार्च को शाम 07:02 बजे से शुरू होगी और 29 मार्च को रात 09:07 बजे समाप्त होगी. इस दिन, देवी दुर्गा के नौ  स्वरूपों का आह्वान किया जाता है. इसके बाद 9 छोटी कन्याओं को तिलक लगाकर भोजन कराया जाता है. राम नवमी 30 मार्च को मनाया जाएगा. 

Chaitra Navratri 2023: दुर्गा अष्टमी और राम नवमी कब है? कन्या पूजन तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि जानें

Navratri Ashtami Navami date 2023: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो गई है. ऐसे में अब लोग जानना चाह रहे हैं कि दुर्गा अष्टमी  और रामनवमी कब मनाई जाएगी. बता दें कि नवरात्र में अष्टमी का विशेष महत्व है. दुर्गा अष्टमी महागौरी पूजा का प्रतीक भी है. लोग नौ दिनों का उपवास नहीं रख पाते हैं वे नवरात्र के पहले दिन और आठवें दिन दुर्गा अष्टमी का व्रत (durga ashtami vrat) रखते हैं. नवरात्रि के नौवें दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम (Lord Rama) का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन भगवान राम के भक्त नवमी तिथि का व्रत रखते हैं. ऐसे में लोगों को बीच इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि कब रखा जाएगा दुर्गा अष्टमी का व्रत और कब है (ram navami) रामनवमी? 

अष्टमी तिथि 28 मार्च को शाम 07:02 बजे से शुरू होगी और 29 मार्च को रात 09:07 बजे समाप्त होगी. इस दिन, देवी दुर्गा के नौ  स्वरूपों का आह्वान किया जाता है. इसके बाद 9 छोटी कन्याओं को तिलक लगाकर भोजन कराया जाता है.

कब रखा जाएगा दुर्गा अष्टमी का व्रत 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 मार्च की शाम 7 बजकर 02 मिनट से हो रही है. तिथि का समापन 29 मार्च को शाम 09 बजकर 07 मिनट पर होगा. ऐसे में दुर्गाष्टमी का व्रत 29 मार्च को रखा जाएगा. 

कब मनाई जाएगी रामनवमी
हिंदू पंचांग के अनुसार नवमी तिथि 29 मार्च को शाम 09 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रही है. जिसका समापन 30 मार्च को रात्रि 11 बजकर 30 मिनट पर होगा. ऐसे में रामनवमी का पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा. 

भक्त दुर्गा अष्टमी पूजा के दौरान देवी के सभी नौ रूपों की पूजा करते हैं. दुर्गा पूजा का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान संधि पूजा है, जो समापन बिंदु का प्रतीक है. इस शुभ मुहूर्त में बलिदान या पशुबलि देने की प्रथा है. हालांकि, जो लोग पशु की बलि नहीं देते हैं वे केले, खीरे, या कद्दू जैसी सब्जियों का उपयोग करके प्रतीकात्मक 'बलि' करते हैं.

राम नवमी इस वर्ष 30 मार्च को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान राम के जन्म पर मनाया जाता है, और चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को पड़ता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, और इस शुभ अवसर के दौरान भव्य समारोह आयोजित होता है.

नवमी तिथि 29 मार्च को रात 09:07 बजे शुरू होगी और 30 मार्च को रात 11:30 बजे समाप्त होगी.
रामनवमी का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:27 बजे है
मध्याह्न मुहूर्त 11:12 AM से 01:41 PM तक है
इसका शुभ मुहूर्त का समय दो घंटे उनतीस मिनट तक 

चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए समर्पित है, और 'कन्या पूजा' का आवश्यक अनुष्ठान नवरात्रि के आठवें या नौवें दिन किया जाता है. इस समारोह में, 13 साल से कम उम्र की लड़कियों को घरों में आमंत्रित किया जाता है, जिन्हें देवी दुर्गा का रूप माना जाता है, और उन्हें भोजन और उपहार देकर पूजा की जाती है.

ये भी पढ़ें- आज चांद के पास आएंगे मंगल,बुध,गुरु,शुक्र और यूरेनस, भारी बारिश और ओले गिरने की संभावना

चैत्र नवरात्रि 2023 उत्सव पूरे भारत में 22 मार्च से शुरू हुआ और नौ दिनों तक चलेगा. नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो साल में चार बार होता है, लेकिन केवल दो बार मनाया जाता है, अर्थात् 'चैत्र नवरात्रि' और 'शारदीय नवरात्रि.' इस शुभ अवसर के दौरान, भक्त नौ अलग-अलग रंगों के कपड़े पहने देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं. .