बगरू में तीसरी आंख को हुआ मोतियाबिंद, उदासीनता के चलते 30 लाख की लागत से लगे कैमरे हुए कबाड़, अपराधी बेखौफ
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बगरू में तीसरी आंख को हुआ मोतियाबिंद, उदासीनता के चलते 30 लाख की लागत से लगे कैमरे हुए कबाड़, अपराधी बेखौफ

जयपुर के बगरू कस्बे में करीब 5 साल पहले 30 लाख रुपए की लागत से लगाए गए 32 सीसीटीवी कैमरे सरकारी उदासीनता के चलते मोतियाबिंद की बीमारी का शिकार हो गए हैं.

 

बगरू में तीसरी आंख को हुआ मोतियाबिंद, उदासीनता के चलते 30 लाख की लागत से लगे कैमरे हुए कबाड़, अपराधी बेखौफ

बगरू: अपने इंसान की दो आंखों में मोतियाबिंद की बीमारी होने के मामले देखे और सुने होंगे, लेकिन अपने कभी तीसरी आंख को मोतियाबिंद होने के बारे सुना है, जी हां हम बात कर रहे है सीसीटीवी कैमरे की राजधानी जयपुर के बगरू कस्बे में करीब 5 साल पहले 30 लाख रुपए की लागत से लगाए गए 32 सीसीटीवी कैमरे सरकारी उदासीनता के चलते मोतियाबिंद की बीमारी के शिकार हो गए हैं,

जग जाहिर है कि आज के इस आधुनिक युग में आमजन की जान-माल की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे कितने महत्वपूर्ण है, माना कि सीसीटीवी कैमरे किसी वारदात को होने से रोक तो नहीं सकते लेकिन वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों की पहचान करने का सबसे संसाधन जरूर हैं,

लगाए गए सभी 32 कैमरे कबाड़ बन चुके हैं
 बगरू कस्बे की जनता की सुरक्षा को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया बेहद निंदनीय है, 2017 नगर पालिका की ओर से लगाए गए सभी 32 कैमरे कबाड़ बन चुके है, जिसके चलते अपराधी बेखौफ होकर चोरी, लूट और मारपीट जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे है, सीसीटीवी कैमरे बंद होने के चलते पुलिस को भी अपराधिक मामलों का खुलासा करने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता रहा है.

181 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान 
बदलते वक्त से साथ अपराध करने के तौर तरीके की हाईटेक हो गए हैं, जिन्हे पारंपरिक तरीकों पकड़ पाना मुश्किल हो गया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जयपुर पुलिस आयुक्तालय की ओर से सभी बड़े संस्थानों पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी किए गए हैं. ऐसा नहीं करने पर संस्थान के विरुद्ध आईपीसी की धारा 181 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है.

बगरू थानाधिकारी विक्रम सिंह चारण ने बताया कि हालही में कस्बे में 10 अगस्त को एक मंदिर में मूर्ति खंड़ित होने की वारदात का खुलासा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कर बड़ा सांप्रदायिक तनाव फैलाने से रोका गया. इसके अलावा भी कई वारदातों का खुलासा करने में सीसीटीवी जैसे तकनीकी संसाधनों की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है.

जान-माल की सुरक्षा की चिंता 
लाखों रुपए निवेश कर व्यापार करने वाला कोई व्यापारी हो या कोई आम नागरिक हो सबको अपने जान-माल की सुरक्षा की चिंता रहती है, ओर जनता जनार्दन की सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की रहती है, अगर प्रशासन उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर देता है, तो वह निश्चिंत होकर अपना व्यापार कर सकता है. बगरू नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष रवि गणेश अग्रवाल सहित सभी व्यापारी संगठन कस्बे के बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर नगर पालिका प्रशासन से कई गुहार लगा चुके हैं.

बैठक में सीसीटीवी कैमरा लगाने मुद्दा उठा
आमजन की सुरक्षा के इस मुद्दे को लेकर नगर पालिका के पार्षद भी लगातार बोर्ड बैठकों में आवाज उठाते रहते हैं, पार्षद नितिन भारद्वाज ने बताया कि जनता की सुरक्षा एक बड़ा विषय है, जिसके लिए पालिका प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया है, नए पालिका बोर्ड का गठन होने लेकर आज तक हुई हर बैठक में जनप्रतिनिधियों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने मुद्दा उठाया गया है, आगे भी इसको लेकर प्रयास जारी रहेंगे, लेकिन पालिका प्रशासन अपनी इस जिम्मेदारी के प्रति उदासीन बना हुआ है. 

कारगार साबित नहीं
बगरू नगर पालिका की अधिशाषी अधिकारी मोनिका सोलंकी हालांकि इस विषय को लेकर काफी चिंतित हैं, उन्होंने बताया कि पूर्व में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे तकनीकी खामियों के चलते कारगार साबित नहीं हो सकी, नए सीसीटीवी कैमरे लगाने में सबसे बड़ी चुनौती पालिका कार्यालय का अस्थाई भवन में संचालित होना, नया भवन निर्माणधीन होना है, फिर भी जल्द से जल्द उच्च तकनीकी से परिपूर्ण नए सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा चुकी है.

देखने वाली बात यह है कि बगरू की जनता की सुरक्षा को लेकर अब तक बरती गई उदासीनता से उबर कर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के ये प्रयास कब धरातल पर उतरते हैं, ओर कब आमजन की लंबे समय से चली आ रही ये मांग पूरी होती है.

Reporter :- Amit Yadav

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