राजस्थान ब्राह्मण महासभा के शुक्रवार को सम्पन्न हुए चुनाव में आरएस जैमिनी को अध्यक्ष चुना गया है. हालांकि इस चुनाव से पहले ही महासभा दो गुटों में नजर आई. संगठन में इस गुटबाजी के बीच ही एक धड़े ने शुक्रवार को अपने चुनाव करा लिए.
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Brahmin Mahasabha elections: राजस्थान ब्राह्मण महासभा के शुक्रवार को सम्पन्न हुए चुनाव में आरएस जैमिनी को अध्यक्ष चुना गया है. हालांकि इस चुनाव से पहले ही महासभा दो गुटों में नजर आई. संगठन में इस गुटबाजी के बीच ही एक धड़े ने शुक्रवार को अपने चुनाव करा लिए. इस चुनाव के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी और रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज अजय शर्मा ने बताया कि निर्वाचन अधिकारियों में दो रिटायर्ड जज और दो सीनियर वकीलों को भी ज़िम्मेदारी दी गई थी.
बहरहाल एक धड़े का चुनाव सम्पन्न हो गया है जबकि सुभाष पाराशर और कार्यवाहक अध्यक्ष राममनोहर शर्मा के दूसरे धड़े ने अपने चुनाव के लिए 17 अप्रेल का दिन तय कर रखा है. इससे पहले चुनाव को लेकर दोनों पक्षों में गहमागहमी रही। आज के चुनाव के मद्देनज़र विद्याधरनगर स्थित परशुराम भवन पर पुलिस भी तैनात रही.
पिछले दिनों राजधानी में ब्राह्मण समाज के अलग-अलग संगठन एक जाजम पर आए और ब्राह्मण महापंचायत में अपनी ताकत दिखाई. लाखों की भीड़ आने के दावे किये गए. कई संगठनों के मुखिया बढ़-चढ़कर अपने समाज की एकता के दावे करते दिखे, लेकिन उस एकता को आज राजस्थान ब्राह्मण महासभा ने आईना दिखा दिया. पिछले दिनों महासभा के अध्यक्ष पण्डित भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद से ही चुनाव की कवायद चल रही थी. पूर्व मन्त्री शैलेन्द्र जोशी को कार्यवाहक अध्यक्ष भी बना दिया गया था, लेकिन दूसरे गुट ने सुभाष पाराशर और एडवोकेट राम मनोहर शर्मा को अपना अगुवा बता दिया. इसी बीच रजिस्ट्रार के यहां मामला गया.
चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ. सितम्बर में चुनाव की तारीख का ऐलान हुआ तो दूसरे गुट ने उससे पहले चुनाव रख दिए. उसके बाद एक गुट ने फिर तारीख बदली तो दूसरे गुट ने भी अपनी तारीख पहले की रख ली. इसी कड़ी में शुक्रवार को एक धड़े के चुनाव हो गए. मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ज़िम्मेदारी निभा रहे रिटायर्ड डीजे अजय शर्मा कहते हैं कि उन्होंने रजिस्ट्रार के दफ्तर में बात करके, सभी शंकाओं का समाधान किया और उसके बाद निर्वाचन सम्पन्न कराया है. इस चुनाव में दो नामांकन दाखिल हुए लेकिन बाद में आरएस जैमिनी के समर्थन में नाम वापस ले लिया और निर्विरोध निर्वाचन सम्पन्न हो गया.
आरएस जैमिनी को राजस्थान ब्राह्मण का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हे निर्वाचन का सर्टिफिकेट सौंपा गया तो शपथ भी दिलाई गई. जैमिनी ने कहा कि वे समाज को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे और ऐसा काम करेंगे कि कहीं कोई विवाद न हो. हालांकि दूसरे गुट के विरोध पर उन्होंने कहा कि वे भी भाई हैं, परिवार के लोग हैं और उनसे बैठकर बात की जाएगी.
उधर इस चुनाव को राजस्थान ब्राह्मण महासभा के सुभाष पाराशर गुट ने अवैध और अवैधानिक करार दिया है. परशुराम भवन में बैठक करके कार्यकारी अध्यक्ष राममनोहर शर्मा ने कहा कि जैमिनी गुट संस्था पर जबरन आना चाहता है. शर्मा ने कहा कि जो लोग चुनाव नहीं जीत सकते, वे चुनिन्दा लोगों को लाकर चुनाव की औपचारिकता कर रहे हैं. राम मनोहर शर्मा और सुभाष पाराशर ने शुक्रवार को चुनाव कराने वाले गुट के खिलाफ एफआईआर कराने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि महासभा के चुनाव 17 अप्रेल को निर्धारित किये गए हैं और वे उसी दिन चुनाव कराएंगे.
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किसी संस्था के चुनावों को लेकर घमासान कोई नई बात नहीं है, लेकिन सवाल यह उठता है कि समाज की एकजुटता के नाम पर संस्थाएं बनाने वाले और उनसे जुड़कर समाज की अगुवाई का दावा करने वाले लोग ही गुटबाजी क्यों करते हैं? क्या इसमें सिर्फ समाज हित की बात है या फिर अब ये सामाजिक संगठन और उनके चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन रहे हैं?