ऐलान: 73 लाख उपभोक्ताओं को 500 रुपए में मिलेगा सिलेंडर, सरकार पर 2170 करोड़ का भार
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ऐलान: 73 लाख उपभोक्ताओं को 500 रुपए में मिलेगा सिलेंडर, सरकार पर 2170 करोड़ का भार

गहलोत सरकार चुनावी मोड में आ गई हैं.अब उज्ज्वला गैस कनेक्शनधारी गृहणियों और बीपीएल उपभोक्ताओं को 500 रूपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से साल में 12 सिलेंडर देगी.अगले साल अप्रेल से यह योजना लागू होगी.माना जा रहा है कि अगले साल हो रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह घोषणा कांग्रेस के कोर वोट बैंक म

ऐलान: 73 लाख उपभोक्ताओं को 500 रुपए में मिलेगा सिलेंडर, सरकार पर 2170 करोड़ का भार

जयपुर: गहलोत सरकार चुनावी मोड में आ गई हैं.अब उज्ज्वला गैस कनेक्शनधारी गृहणियों और बीपीएल उपभोक्ताओं को 500 रूपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से साल में 12 सिलेंडर देगी.अगले साल अप्रेल से यह योजना लागू होगी.माना जा रहा है कि अगले साल हो रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह घोषणा कांग्रेस के कोर वोट बैंक में विश्वास जताने के लिए की गई है. इस घोषणा से राजस्थान की पूरी आबादी में से लगभग 75 लाख परिवारों को फायदा होगा.इससे महंगाई के इस दौर में आमजन पर आर्थिक बोझ कम हो सकेगा, लेकिन राज्य सरकार सालाना करीब 2170 करोड के बोझ तले दब जाएगी.

महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर हैं .राजस्थान में अगले साल यानि की अप्रैल 2023 से उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं और बीपीएल धारकों को 500 रूपए में राज्य सरकार सिलेंडर मिलेगा. यानी राज्य सरकार महंगाई से कुछ राहत देने की कोशिश के साथ वोट बैंक साधने का काम चूल्हे पर जलने वाली गैस से करेगी. राजस्थान की पूरी आबादी में से लगभग 73 लाख लोग उज्जवला योजना और बीपीएल स्कीम से जुडे हैं. इनमें से उज्जवला योजना में 69.20 लाख उपभोक्ता हैं. जिन्हे केंद्र सरकार की ओर से 200 रुपए सब्सिडी मिलने के बाद 853 रूपए में सिलेंडर मिलता हैं. 

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1 अप्रैल से नई दर लागू

अब राज्य सरकार ने उज्जवला और बीपीएल परिवारों को 500 रूपए में सिलेंडर देने की घोषणा की है, जो की अप्रैल 2023 से लागू होगी. यदि तेल कंपनियों के आंकडों की बात करें तो प्रदेश में 69.20 लाख उज्जवला योजना के लाभार्थियों में से 44 लाख उपभोक्ता रेगुलर रिफलिंग करवाते हैं. इस हिसाब से सालाना 5 करोड़ 34 लाख 07 हजार 068 रिफलिंग होती हैं. अब 1 अप्रैल 2023 से 500 रुपए का सिलेंडर देगी तो 353 रुपए प्रति सिलेंडर का भार राज्य सरकार पर आएगा. यानि की सिर्फ उज्जवला योजना के कनेक्शनधारकों से 1900 करोड़ रुपए का सालाना भार आएगा. इसी तरह बीपीएल कनेक्शन धारकों के आंकडों की बात करें तो राजस्थान से बीपीएल श्रेणी में 4 लाख 4 हजार उपभोक्ताओं को सामान्य 1053 रुपए प्रति सिलेंडर मिलता हैं. इन्हें उज्जवला योजना वाली 200 रुपए सब्सिडी नहीं मिलती हैं.ऐसे में प्रति सिलेंडर 553 रूपए का भार राज्य सरकार पर आएगा..इस हिसाब से सालाना 48 लाख 84 हजार रिफलिंग से सालाना 270 करोड रूपए राज्य सरकार वहन करेगी.

उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं की संख्या

IOOC-29.09 लाख

BPCL-20.86 लाख

एचपीसीएल-19.25 लाख

प्रदेश में बीपीएल श्रेणी में 4.04 लाख उपभोक्ता की संख्या
इंडियन ऑयल -2.49 लाख
बीपीसीएल-77 हजार
एचपीसीएल-78 हजार

सरकार को कितने पैसे देने होंगे

-बीपीएल श्रेणी के 4.04 लाख उपभोक्ताओं को फिलहाल सिलेंडर 1053 रुपए में मिल रहा है.इसके बाद जब 500 रुपए में मिलेगा तो बचा हुआ 553 रुपया राज्य सरकार को देना होगा.इससे राज्य सरकार पर सालाना 270 करोड रूपए का भार आएगा

-उज्जवला के 69.20 उपभोक्ताओं हैं, लेकिन इनमें से 44 लाख उपभोक्ता ही रेगुलर रिफलिंग करवाते हैं. इन उपभोक्ताओं को फलहाल सब्सिडी के बाद 853 रुपए में सिलेंडर मिल रहा है. ऐसे में जब 500 रुपए में सिलेंडर मिलेगा तो बचे हुए 353 रुपए राज्य सरकार को देने होंगे.इससे राज्य सरकार पर सालाना लगभग 1900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया की कहा कि सरकार उन सभी लोगों को फायदा देना चाहती है जिन्हें उज्जवला के नाम पर सिर्फ छला गया है..बीपीएल और उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं को 500 रुपए में सिलेंडर देने से राज्य सरकार पर हर साल 2100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा. सरकार साल में 12 सिलेंडर 500 रुपए की दर से उपलब्ध कराएगी. केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलने के बाद उज्जवला योजना के लाभार्थियों को गैस सिलेंडर करीब 853 रुपए का आता है और बीपीएल कनेक्शनधारिों को सिलेंडर 1053 रूपए में ही मिलता हैं. 

गरीब परिवार को सिलेंडर भराने में आ रही परेशानी

लगातार रसोई के दाम बढने से रसोई का बजट काफी गड़बड़ाया हुआ हैं.इसमें सबसे ज्यादा मार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए गैस सिलंडर धारकों पर पड रही हैं..गरीब परिवारों के लिए इन गैस सिलेंडरों को भरवाना काफी परेशानी का सबब बना हुआ था.कुछ जगहों पर तो महंगाई के कारण उज्जवला गैस कनेक्शन धारकों ने गैस पर खाना पकाना ही बंद कर फिर से चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना पकाने के साथ घर के अन्य काम किए जाने लगे हैं. 

दरअसल,  प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लाभार्थियों को एलपीजी का कनेक्शन केंद्र सरकार देती है.यहां आपको यह बता दें कि इस योजना का लाभ केवल महिलाएं उठा सकती हैं.साथ ही आवेदक महिला की उम्र कम से कम 18 साल होनी ही चाहिए. इसके अलावा यदि एक ही घर में इस योजना के तहत कोई अन्य एलपीजी कनेक्शन होगा तो उन्हें सरकार की ओर से इस योजना का लाभ नहीं दिया जाता हैं.

राजस्थान एलपीजी फैडरेशन के अध्यक्ष दीपक गहलोत की माने तो महंगाई के कारण अब शहर-कस्बों में निम्न वर्ग और गांव कस्बों में ग्रामीण लोग फिर से चूल्हे की ओर लौटने लगे हैं.क्योंकि इन्हें लकड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं..यही वजह है कि दिहाडी श्रमिकों समेत ऐसे लोग जिनकी मासिक आय बहुत कम है वे सिलेंडर भरवाने से बच रहे हैं..लेकिन अब राजस्थान सरकार ने बडा ऐलान कर गरीबों को बडी राहत दी हैं.

उज्ज्वला गैस कनेक्शन लेने वालों की संख्या बढ़ी

बहरहाल, केंद्र सरकार से मिल रहीं 200 रूपए सब्सिडी के बाद राज्य सरकार की ओर से 500 रूपए सिलेंडर देने के ऐलान के बाद प्रदेश में उज्ज्वला गैस कनेक्शन लेने की होड़ मचेगी.इस गैस कनेक्शन को लेने की प्रक्रिया ज्यादा कठिन नहीं है. इसमें सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र गैस एजेंसी संचालक को देना होता है.गैस कनेक्शनधारी गृहणी मतदाताओं को लुभाने की सरकार की कोशिश है..ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को सामान्य गैस कनेक्शन उपभोक्ताओं को भी महंगे सिलेंडर की मार से बचाने की सोचना होगा.

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