Birds Death: सांभर झील बनी बेजुबानों की मौत का अड्डा, इस बीमारी की चपेट में आने से 500 से ज्यादा पक्षियों की हुई मौत
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Birds Death: सांभर झील बनी बेजुबानों की मौत का अड्डा, इस बीमारी की चपेट में आने से 500 से ज्यादा पक्षियों की हुई मौत

Birds Death: राजस्थान की सांभर झील इन दिनों पक्षियों के लिए काल बनी हुई है. इसमें आने वाले प्रवासी पक्षी बोटूलिज्म नामक बीमारी की चपेट में आने से लगातार अपनी जान गंवा रहे हैं. पक्षियों के मौत का आकड़ा 520 पहुंच चुका है. 

Birds Death: सांभर झील बनी बेजुबानों की मौत का अड्डा, इस बीमारी की चपेट में आने से 500 से ज्यादा पक्षियों की हुई मौत

Birds Death: राजस्थान की फेमस सांभर झील नमक उद्योग के लिए विश्वभर में जानी जाती है. इस झील में सुदूर सात समुंदर पार करके हजारों परिंदे आते हैं और अपना पेट भरते हैं. लेकिन अब इसी सांभर झील में 26 अक्टूबर से अब तक 500 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है. पक्षी 'एवियन बोटुलिज्म' नामक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.  

एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उपचार के बाद करीब 38 पक्षियों को झील में भरण-पोषण के लिए छोड़ा गया है. वहीं केंद्रीय एवियन अनुसंधान संस्थान, बरेली से आई जांच रिपोर्ट में प्रवासी पक्षियों की मौत की पुष्टि हुई है. जांच में पता चला है कि पक्षियों को 'बोटुलिज्म' नामक बीमारी हो गई है, जिस कारण उनकी जान जा रही है.

उपखंड अधिकारी जीतू कुल्हारी ने कहा, 'हमें 26 अक्टूबर को पक्षियों की मौत की सूचना मिली. तब से अब तक 'बोटुलिज्म' के कारण 520 पक्षी मर चुके हैं. प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट में बोटुलिज्म बीमारी की पुष्टि हुई है. बोटुलिज्म एक गंभीर न्यूरोमस्कुलर बीमारी है. यह बीमारी पक्षियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे कारण उनके पंख और पैर में लकवा मार जाता है और वह मर जाते हैं.

कुल्हारी ने बताया कि मृत और बीमार पक्षियों को झील क्षेत्र से अलग किया जा रहा है. SDRF, पशुपालन, वन विभाग और प्रशासन की 10 टीमों के सदस्य झील क्षेत्र में बचाव और राहत कार्यों में लगे हैं. वहीं बीमार पक्षियों का बचाव कर मीठड़ी में बनाए गए राहत केंद्र में उन्हें रखा जा रहा है, जहां पशुपालन और वन विभाग की टीमें उनका उपचार कर रही हैं.

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