डूंगरपुर: दरिंदगी की शिकार बेटियों का दर्द सुनने पहुंचीं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार
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डूंगरपुर: दरिंदगी की शिकार बेटियों का दर्द सुनने पहुंचीं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार

Dungarpur news: डूंगरपुर के स्कूल में यौन शोषण की शिकार हुईं बेटियों का दर्द सुनने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी डूंगरपुर पहुंची. इस दौरान रजिस्ट्रार ने स्कूल स्टाफ, डॉक्टर, कलेक्टर और एसपी से घटनाक्रम का फीडबैक लिया.

 

डूंगरपुर: दरिंदगी की शिकार बेटियों का दर्द सुनने पहुंचीं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार

Dungarpur: डूंगरपुर जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा छात्राओं का यौन शोषण करने के मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी आज शुक्रवार को डूंगरपुर पहुंची. रजिस्ट्रार बाल कल्याण समिति की टीम के साथ रेप पीड़ित बालिकाओं के गांव पहुंचीं. हेड मास्टर की दरिंदगी की शिकार नाबालिग बेटियों और उनके परिजन से बात की. स्कूल स्टाफ, डॉक्टर से लेकर कलेक्टर और एसपी से घटनाक्रम का फीडबैक लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए.

बेटियों ने बताया स्कूल में हैवानियत का सच

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी के नेतृत्व में एक टीम आज शुक्रवार को डूंगरपुर पहुंची. सर्किट हाउस में स्वागत के बाद जिला बाल कल्याण समिति की टीम के साथ रेप पीड़ित छात्राओ के गांव पहुंची. यहां रेप पीड़ित सभी 8 छात्राओ से एक घर में बंद कमरे में बातचीत की. बेटियों ने हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा की करतूतों के बारे में खुलकर बताया. रेप पीड़ित बालिकाओं के माता- पिता से भी बंद कमरे में ही बात करते हुए उनकी समस्याएं पूछी. 

माता-पिता ने जताया मेडिकल रिपोर्ट से छेड़छाड़ का शक 

माता-पिता ने हेड मास्टर की हरकतों के साथ ही मेडिकल रिपोर्ट से छेड़छाड़ का शक जताया. जिस पर रजिस्ट्रार ने मामले में पूरी सही जांच करते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया. इसके बाद वे उसी स्कूल में पहुंची. जहा हेड मास्टर ने नाबालिग छात्राओ से दरिंदगी की परिजनों ने बताया की हेड मास्टर का कमरा पीछे की तरफ है. जबकि वह छात्राओ को आगे के कमरे में अकेले ले जाता था. वही स्कूल में टॉयलेट के हालत देखकर नाराजगी जताई. उन्होंने स्कूल की वीडियोग्राफी भी की.

मेडिकल करने वाली टीम से भी की बात 

इसके बाद वे टीम के साथ डूंगरपुर सर्किट हाउस पहुंची. आयोग की टीम ने सबसे पहले स्कूल के स्टाफ से बंद कमरे में हेड मास्टर की हरकतों से लेकर कई सवाल जवाब किए. वही स्कूल में छुट्टियों के बाद भी सिर्फ छात्राओ को खेलने के लिए बुलाने, स्कूल के दूसरे स्टाफ के नही आने, पीटीआई होते हुए भी हेड मास्टर की ओर से खेल करवाने जैसी हरकतों को गंभीर माना है. इसके बाद मेडिकल टीम को बुलाया गया. छात्राओ के एक जैसी मेडिकल रिपोर्ट और एक में कांट छांट पर नाराजगी जताई. वही बच्चियों के साथ हुई घटना की सही रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने जांच अधिकारी, एसपी -कलेक्टर से भी बातचीत करते हुए पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा की नाबालिग स्कूली छात्राओं के साथ हुई घटना बहुत ही निंदनीय है. घटना को लेकर कई पहलुओं पर अभी जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही इसमें कुछ कहा जा सकता है.

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