पशुधन बीमा योजनाः डूंगरपुर में साढ़े 7 लाख से अधिक पशुधन, लेकिन 1100 पशुओं का ही है बीमा करने का लक्ष्य
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पशुधन बीमा योजनाः डूंगरपुर में साढ़े 7 लाख से अधिक पशुधन, लेकिन 1100 पशुओं का ही है बीमा करने का लक्ष्य

Dungarpur:  सरकारी भीख कभी पेट नहीं भर सती है, हां इतना जरूर दे दगी जितने तुम जिंदा रहो. हर बार भीख मांगते रहो, कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान सरकार की पशुधन बीमा योजना का है, आपको बता दें कि डूंगरपुर में 7 लाख पशुधन हैं, लेकिन सरकार ने केवल 1100 पशुओं का ही बीमा करने का लक्ष्य दिया है. यहां ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत सच हो रही है.

 

पशुधन बीमा योजनाः डूंगरपुर में साढ़े 7 लाख से अधिक पशुधन, लेकिन 1100 पशुओं का ही है बीमा करने का लक्ष्य

Dungarpur: डूंगरपुर में लंपी वायरस से हजारों पशुओं की मौत के बाद राज्य सरकार ने पशु बीमा योजना शुरू की है, लेकिन डूंगरपुर जिले में सरकार की ये योजना पशुपालकों के साथ छलावा कर रही है. जिले में जितने पशु हैं, उससे बेहद कम टार्गेट डूंगरपुर पशुपालन विभाग को दिया है.

डूंगरपुर जिले में साढ़े 7 लाख से अधिक पशुधन है, लेकिन सरकार की ओर से आए आदेश में जिले को केवल 1100 पशुओं का बीमा करने का ही लक्ष्य मिला है. ऐसे में डूंगरपुर जिले के पशुपालकों में निराशा है.

लम्पी वायरस के चलते प्रदेशभर में लाखो पशु काल का ग्रास बन गए. इससे पशुपालकों को काफी नुकसान हुआ पशुपालकों को किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा भी नहीं मिला. इधर वायरस के प्रकोप के बाद सरकार ने पशुधन बीमा योजना की शुरुआत की. इसके लिए सरकार ने ओरियंटल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को पशुधन बीमा योजना के लिए अधिकृत किया. 

वहीं, सरकार ने जिला स्तर पर पशुपालन विभाग को बीमा के लिए लक्ष्य दिए. जिसमे डूंगरपुर जिले में साढ़े सात लाख पशुधन के मुकाबले महज 1100 पशुओं का ही टार्गेट दिया है. इससे डूंगरपुर जिले के पशुपालको में निराशा है.

डूंगरपुर सहित 5 जिलो में कम टार्गेट
पशुधन बीमा योजना की बात करें तो सरकार की ओर से दिए गए सबसे कम टार्गेट वाले जिलों में डूंगरपुर जिला भी शामिल है. जिसमे 1100 का लक्ष्य दिया गया है. वहीं, इसके अलावा बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर और चित्तोड़गढ़ को एक-एक हजार का टार्गेट दिया गया है.

योजना में वर्गवार ऐसे मिलेगा लाभ
पशुधन बीमा योजना में एससी-एसटी बीपीएल वर्ग के पशुपालको को 70 फीसदी एवं सामान्य वर्ग के पशुपालको को 50 फीसदी की छुट दी जाएगी. पशुपालक एक साल, दो साल व तीन साल तक के लिए बीमा करा सकते है. इस योजना में दो प्रकार के पशु का चयन किया गया है. एक यूनिट का मतलब एक बड़ा पशु या 10 छोटे पशु से है. एक पशुपालक 5 पशुओ का बीमा करवा सकता है.
पशुपालको ने की लक्ष्य बढ़ाने की मांग, 

विभाग ने लिखा पत्र इधर पशुधन बीमा योजना में डूंगरपुर जिले को मिले कम लक्ष्य को लेकर पशुपालको में निराशा है. पशुपालकों का कहना है की सरकार की ओर से पशुधन बीमा में दिया गया. लक्ष्य जिले में उपलब्ध पशुधन के मुकाबले काफी कम है. ऐसे में सभी पशुपालको को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा. पशुपालको ने सरकार से लक्ष्य बढ़ाने की मांग की है, तो वहीं विभाग के अधिकारियों ने भी उच्चाधिकारियों को लक्ष्य बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है.

इधर सरकार की ओर से पशुपालकों को राहत देने के लिए पशुधन बीमा योजना की शुरुआत तो की है, लेकिन सरकार की ओर से जिलों को दिए गए कम टार्गेट से सब पशुपालकों को ये लाभ नहीं मिल पाएगा ऐसे में पशुपालकों में निराशा है.

रिपोर्टर- अखिलेश शर्मा 

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