Dungarpur News: राजस्थान में डूंगरपुर जिले में अवैध तरीके से क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत मंगलवार को बांसिया में बॉस क्लीनिक पर छापेमारी की गई. वहीं, चाडोली में भी नीम हकीम के दवाखाने पर दबिश दी. दोनों ने क्लीनिक में मरीजों को भर्ती करने से लेकर एलोपैथिक इलाज का पूरा इंतजाम कर रखा था.
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Dungarpur News: डूंगरपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग सीमलवाड़ा की टीम ने बांसिया और चाडोली में फर्जी बंगाली दवाखानों पर छापेमारी की. बिना किसी डिग्री के बंगाली डॉक्टर बनाकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था. दवाखाने में एलोपैथिक दवाइयां भी मिली हैं, जिसमें कई दवाइयां एक्सपायरी होने वाली हैं. स्वास्थ्य विभाग ने दोनों क्लीनिक को सील कर दिया है.
बीसीएमओ सीमलवाड़ा नरेंद्र प्रजापति ने बताया कि अवैध तरीके से क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत मंगलवार को बांसिया में बॉस क्लीनिक पर छापेमारी की गई. वहीं, चाडोली में भी नीम हकीम के दवाखाने पर दबिश दी. दोनों ने क्लीनिक में मरीजों को भर्ती करने से लेकर एलोपैथिक इलाज का पूरा इंतजाम कर रखा था.
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छापेमारी ने क्लीनिक से भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां भी मिली है. दवाखाने में मरीजों का इलाज कर रहा गौर बॉस खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा था. जबकि उसके पास दवाखाना चलाने या मरीजों के इलाज करने की कोई डिग्री नहीं मिली. इस पर स्वास्थ्य विभाग ने बांसिया में फर्जी बंगाली दवाखाना चला रहे गौर बॉस को डिटेन कर लिया है. जबकि चाडोली में दवाखाना चला रहा फरार हो गया. स्वास्थ्य विभाग ने दोनों ही फर्जी दवाखाने को सील कर दिया है.
स्वास्थ्य विभाग को पूछताछ में बताया कि ओबरी में एक बंगाली है. वह खुद डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करता है. वह बंगाल से अपने रिश्तेदार और दूसरे युवकों को बुलाता था. अपने क्लीनिक पर 5 से 7 माह तक उन युवकों को प्रेक्टिस करवाने के बाद आसपास के दूसरे गांवों में नया दवाखाना खोलकर दे देता है. इस तरह 6 से 7 महीने में एक नया फर्जी डॉक्टर के साथ दवाखाना खोलकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं.