Dungarpur latest News: राजस्थान में बांसवाड़ा जिले के माही बाँध से डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा लोडेश्वर बाँध तक भीखाभाई नहर से पानी लाने का सपना 20 साल बाद साकार होने जा रहा है. डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा विधायक शंकर डेचा की पहल पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के प्रयास से लंबे इंतजार के बाद भीखाभाई नहर से पानी सागवाड़ा क्रॉस कर चूका है.
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Dungarpur latest News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा उपखंड क्षेत्र के गांवों के लिए आखिरकार वह शुभ घड़ी आ ही गई जिसका यहां के करीब 3.75 लाख लोगों को 20 साल से इंतजार था. माही बांध का पानी भीखा भाई नहर से सागवाड़ा पहुंच चुका है. यहां पानी आने के बाद 10 किलोमीटर दूर लोडेश्वर बांध में ले जाया जाएगा. यह पानी लोगों को सिंचाई और पेयजल के लिए मिलेगा. ये नहर आसपुर रोड को क्रॉस कर योगिंद्रगिरि की तरफ से गोवाड़ी होते हुए नंदौड़ से लोडेश्वर बांध तक जाती है. आसपुर रोड को पार करने के लिए करीब 700 मीटर लंबी करीब 15 फीट ऊंची और 4 मीटर चौड़ी अंडर ग्राउंड टनल बनाई गई है.
सीमेंट-कंक्रीट से बनी टनल की जेसीबी व ट्रैक्टरों से जिला प्रशासन, जल संसाधन विभाग, नगरपालिका व माही नहर खंड ने सफाई करवाई है. इधर भीखाभाई नहर से पानी सागवाड़ा क्रॉस कर चुका है. वहीं लोडेश्वर बाँध केवल 10 किमी है. कुछ दिनों में नहर के जरिये ये पानी बाँध में पहुंच जाएगा. फिलहाल सागवाड़ा शहर समेत कई गांवों में 48 घंटे और 72 घंटों में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है. लेकिन लोडेश्वर बाँध में पानी आने के बाद डूंगरपुर जिले में साबला, सागवाड़ा, आसपुर, गलियाकोट और चिखली ब्लॉक के कई गांवो में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा.
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भीखाभाई नहर में पानी के प्रवाह के दौरान 19 अप्रैल को कब्जा के साकरिया फला में नहर टूट गई थी. जिस पर सागवाड़ा विधायक शंकरलाल डेचा ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता व अतिरिक्त सचिव जयपुर भुवन भास्कर और अतिरिक्त मुख्य अभियंता संभाग बांसवाड़ा धीरज जोशी से बात की. विभाग के अधिकारियों ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए एमपी से 4 लोहे के पाइप मंगवाए गए. चारों पाइप को टूटी नहर के दोनों हिस्सो से जोड़ दिया गया. वहीं 29 अप्रैल से पुनः पानी की सप्लाई शुरू की गई .
वर्ष 2004 में माही बाँध का पानी सागवाड़ा और कुआ तक पहुंचाने के लिए भीखाभाई नहर की घोषणा हुई थी. नहर का काम वर्ष 2005 में शुरू हुआ था. मुख्य नहर का काम वर्ष 2021 में हो गया था. नहर की कुल लंबाई माही डेम से लेकर अंतिम छोर तक 185. 84 किलोमीटर है. इसकी बांसवाड़ा जिले में लंबाई 65 किलोमीटर और डूंगरपुर जिले में लंबाई कुआ तक 120.84 किलोमीटर है. बोरेश्वर निठाउवा से इस नहर की लंबाई डूंगरपुर जिले में कुआं तक 120. 84 किलोमीटर है.
भीखाभाई नहर कुल लागत 290 करोड़ रुपए थी. वहीं अब तक इसकी मरम्मत पर 22 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. कुल मिलाकर नहर की लागत 312 करोड़ रुपए हुई. अलग-अलग समय में विभिन्न मदों से बजट मिला था. 2005 में शुरू हुआ मुख्य नहर का काम वर्ष 2021 में पूर्ण हुआ था. लेकिन माइनर का काम अभी भी बाकी है. हालांकि नहर निर्माण के बाद सुध नहीं लेने से नहर कई जगहों से क्षतिग्रस्त भी है जिसके चलते पानी के लीकेज की भी शिकायते मिल रही है.
पानी सागवाड़ा आने के बाद पहले सागवाड़ा शहर और आसपास के 18 गांव की पेयजल सुविधा को सुचारु करने के लिए यहां के पेयजल के मुख्य स्रोत लोड़ेश्वर डैम में पानी पहुंचाया जाएगा. जिससे भीषण गर्मी में लोगों को पेयजल संकट से राहत मिलेगी. फिलहाल सागवाड़ा शहर समेत कई गांवों में 48 घंटे और 72 घंटों में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है.
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इसके बाद डूंगरपुर जिले में अंतिम छोर कुआं तक पानी पहुंचने पर डूंगरपुर जिले के 27 हजार हेक्टेयर कमांडिंग एरिया को भीखा भाई माही नहर के पानी का लाभ मिलेगा. जिससे कई किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा. इस नहर के डूंगरपुर जिले में साबला, सांगवाड़ा, आसपुर ब्लॉक का कुछ भाग, गलियाकोट का कुछ भाग और चिखली ब्लॉक के कुछ हिस्से में सिंचाई की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.
भीखा भाई सागवाड़ा नहर खंड माही परियोजना का मुख्य लक्ष्य डूंगरपुर जिले में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का है. इसमें पेयजल को लेकर कोई योजना नहीं है, लेकिन पेयजल के अभाव को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से तालाब और अन्य जल स्रोतों में माही के पानी को डालकर पेयजल भी उपलब्ध होगा. बरहाल क्षेत्रवासियों का लंबा इतंजार अब खत्म होने वाला है. जिससे क्षेत्रवासियों को काफी फायदा मिलेगा.