धौलपुर न्यूज: 27 बच्चों को बाल मजदूरी करते हुए रेस्क्यू किया गया. ये बच्चे दोना पत्तल की फैक्ट्री में मजदूरी करते थे. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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Bari, Dholpur: धौलपुर के बाड़ी में बाल श्रम की रोकथाम हेतु गठित टास्क फोर्स कमेटी के निर्देशन में बाल कल्याण समिति चाइल्डलाइन 1098 प्रयत्न संस्था एवं पुलिस थाना कोतवाली के संयुक्त तत्वाधान में दोना पत्तल की एक फैक्ट्री से 27 बच्चों को बाल मजदूरी करते हुए रेस्क्यू किया गया है. साथ ही उक्त फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रवि पचौरी ने बताया कि गुम्मट चौकी के पास गोस्वामी ट्रेडर्स के नाम से एक दोना पत्तल की फैक्ट्री संचालित है. सूचना पर जब फैक्ट्री में कार्रवाई की गई तो 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिग 15 बालिकाएं, व 12 बालकों को बाल मजदूरी करते हुए पाया गया. जिनको पुलिस व प्रयत्न संस्था के सहयोग से रेस्क्यू किया गया. साथ ही पुलिस ने उक्त फैलक्ट्री मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
प्रयत्न संस्था एड्वोकेसी ऑफिसर राकेश कुमार तिवाड़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यू किए गए बच्चों से जब जानकारी ली तो उन्होंने जानकारी दी कि हमारा मालिक हमसे सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक कार्य करवाता है, एक कट्टा दोना पत्तल बनाने के बाद 50 रुपये मजदूरी दिए जाते हैं. अगर हमसे कोई गलती हो जाती है तो हमें डांटता-फटकारता हैं, खाना भी नहीं देते हैं रात्रि की अलग से शिफ्ट होती है, जिसमें अलग बच्चों को काम करवाया जाता है. बीच में हमें घर पर भी नहीं जाने देते है.
सीओ मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि उक्त मालिक के विरुद्ध बालश्रम अधिनियम 2016, किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. उक्त कार्रवाई में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रवि पचौरी, सहायक उओ निरीक्षक राजेन्द्र मय पुलिस जाब्ता, चाइल्ड लाइन के समन्वयक सरनाम सिंह व उनकी टीम सूरज, बबली एवं प्रयत्न संस्था के राकेश कुमार तिवाड़ी मौजूद थे.
कार्रवाई से मचा हड़कंप
बाल मजदूरी को लेकर हुई कार्रवाई से शहर में ऐसे प्रतिष्ठानों पर हड़कंप मच गया, जिनमें बाल मजदूर कार्य करते हैं. गौरतलब है कि बाड़ी में दोना पत्तल की अवैध रूप से कई दर्जन फैक्ट्री संचालित है. जहां यह फैक्ट्रियां नियमों व सरकार के मापदंडों को तो ठेंगा दिखा ही रही हैं. साथ ही सुरक्षा के कोई भी इंतजामात नहीं हैं.
पिछले कुछ महीनों पूर्व कुछ फैक्ट्रियों में आग लग गई थी, जिन पर बमुश्किल काबू पाया जा सका था. आबादी में संचालित इन फैक्ट्रियों से जहां आमजन को जान-माल का खतरा है वहीं इनमें कार्य कर रहे नाबालिगों के जीवन से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे में जिला प्रशाशन को इन अवैध रूप संचालित फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है. जिससे भविष्य में कोई बड़ा हादसा तथा बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ ना हो सके.
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