धौलपुर गड़रिया समाज ने राजनैतिक मजबूती का अभियान राजस्थान में शुरू किया है जिसमें कोटा, बारां, भीलवाड़ा, उदयपुर, चितौड़, राजसमंद, प्रतापगढ, धौलपुर, भरतपुर, अन्य जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम रखे गए है. सियासी संदेश देने के लिए इन कार्यक्रमों का आयोजन 1 से 12 नवंबर तक रखा गया है.
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Dholpur news: धौलपुर गड़रिया समाज ने राजनैतिक मजबूती का अभियान राजस्थान में शुरू किया है जिसमें कोटा, बारां, भीलवाड़ा, उदयपुर, चितौड़, राजसमंद, प्रतापगढ, धौलपुर, भरतपुर, अन्य जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम रखे गए है. सियासी संदेश देने के लिए इन कार्यक्रमों का आयोजन 1 से 12 नवंबर तक रखा गया है. बताया जा रहा है कि गड़रिया (गाडरी गायरी) एमबीसी वर्ग में आते है. एमबीसी आरक्षण से प्रदेश में पहले से ही राजनीति गरमाई हुई है. अब एक और यात्रा राजस्थान में निकाली जा रही है.
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गड़रिया( गाडरी, गायरी) जन अधिकार मंच के अध्यक्ष और यात्रा के संयोजक दुष्यंत बघेल ने बताया कि गड़रिया (गाडरी, गायरी) समाज की आबादी 60 लाख है लेकिन फिर भी अभी तक आजादी के बाद से अबतक राजनैतिक भागीदारी नहीं मिली है. उसका कारण हर जिले में समाज को अलग अलग नामों से जाना जाता है. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज को एक माला में पिरोना है. समाज में चेतना लाने के लिए इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का समापन 12 नवम्बर को कुम्हेर भरतपुर में किया जाएगा, जहां राजस्थान में गड़रिया समाज का अब तक का सबसे बड़ा गड़रिया महासम्मेलन होगा जिसमें 2 लाख से भी ज्यादा समाज बन्धु उपस्थित होंगे.
इस यात्रा के संयोजक दुष्यंत बघेल ने बताया कि पंच पटेलों और युवाओं को एक मंच पर बैठाकर सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्य तय करेंगे. बता दें कि गड़रिया समाज ऐसा है जिसका राजनितिक प्रतिनिधित्व शून्य है जिसको आगे लाया जा रहा है.
इन जिलों से होकर निकलेगी यात्रा
भरतपुर, बारां , उदयपुर, राजसमन्द, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर,कोटा, भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, अजमेर , जयपुर झालावाड़, सवाई माधोपुर, करोली समेत अन्य जिलों से यह यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा को लेकर की जाने वाली बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि यह समाज का ऐतिहासिक कार्यक्रम है. बड़ा हर्ष है कि जन चेतना यात्रा की शुरुआत धौलपुर जिले से भव्य शुभारंभ होगा समाज युवा नेता सतेन्द्र पाल ने कहा कि गड़रिया समाज में एकजूटता लाने के लिए ये यात्रा मील का पत्थर साबित होगी जो आज तक नहीं हुआ वो अब होगा. इस दौरान राम प्रसाद बघेल सुरेश बघेल भूप सिंह सरपंच, विजय सिंह बघेल सैंपऊ, संजय बघेल, केदार बघेल, राजीव बघेला दीपू आदि मौजूद रहे.
Reporter: Bhanu Sharma
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