दौसा में खुले में पड़े लंपी से मरी गायों के शव, इलाज ना होने से मर रहे गोवंश
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दौसा में खुले में पड़े लंपी से मरी गायों के शव, इलाज ना होने से मर रहे गोवंश

बड़ी तादाद में गायों की मौत हो रही है, उनके शव भी खुले में पड़े हुए हैं. ठीक से शवों का डिस्पोजल नहीं हो रहा, जिसके चलते इलाकों में दुर्गंध फैल रही है. दुर्गंध के चलते लोगों को इस बात का भी डर सताने लगा है कहीं यह दुर्गंध कोई संक्रमण का रूप लेकर मानव जीवन को प्रभावित ना कर दे.

दौसा में खुले में पड़े लंपी से मरी गायों के शव, इलाज ना होने से मर रहे गोवंश

Dausa: जिले में लंपी स्किन डिजीज का कहर जारी है, जिले में अब तक हजारों गाय लंपी से ग्रसित हो चुकी हैं, तो सैकड़ों गायों कि मौत भी हो चुकी है. लगातार बढ़ते लंपी के दायरे से अब पशु पालको का धैर्य भी जवाब देने लगा है. पशु पालकों का कहना है पशुपालन विभाग के पास लंपी ग्रसित गायों को बचाने के संसाधन नाकाफी हैं. उपचार के लिए पशुपालन की टीम समय पर गांव में नहीं पहुंच पाती, जिसके चलते पशुओं को समय से उपचार नहीं मिल रहा. रविवार को अनंतवाडा गांव में पशु पालकों ने प्रशासन और पशुपालन विभाग के खिलाफ अपना आक्रोश जताते हुए नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

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वहीं, जिले के पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मानें तो उनका कहना है उनकी टीम जिले भर में लगातार लंपी स्किन डिजीज से ग्रसित पशुओं के उपचार में लगी है. हालांकि स्टाफ की कमी की बात उन्होंने भी स्वीकार की, लेकिन जो स्टाफ मौजूद है वह दिन-रात पशुओं के उपचार में जुटा हुआ है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा जैसे ही पशु में लंबी के लक्षण दिखाई दें, तुरंत सूचित करें. मौके पर टीम पहुंचेगी और उपचार करेगी शुरुआती दौर में उपचार होने से बीमारी जल्द नियंत्रित होगी.

लंपी स्किन डिजीज के बढ़ते दायरे को देखकर अब सामाजिक संगठन भी गौ-माता की सेवा के लिए आगे आने लगे हैं सामाजिक संगठनों की ओर से लंपी के उपचार के लिए आयुर्वेदिक नुक्सा का इस्तेमाल किया जा रहा है जहां आयुर्वेदिक दवा बनाकर पशुओं को खिलाई जा रही है तो वही काढ़ा बनाकर भी पिलाया जा रहा है दोसा ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने आज गौशाला पहुंचकर गायों को आयुर्वेदिक दवा खिलाई वही दवाओं की किट भी वितरित की.

लोगों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों के हालात भयावह हैं. बड़ी तादाद में गायों की मौत हो रही है, उनके शव भी खुले में पड़े हुए हैं. ठीक से शवों का डिस्पोजल नहीं हो रहा, जिसके चलते इलाकों में दुर्गंध फैल रही है. दुर्गंध के चलते लोगों को इस बात का भी डर सताने लगा है कहीं यह दुर्गंध कोई संक्रमण का रूप लेकर मानव जीवन को प्रभावित ना कर दे. हालांकि समूह के डिस्पोजल को लेकर सरकार के निर्देश है. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर शवों का डिस्पोजल किया जाएगा तो शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय के माध्यम से होगा.

Reporter- Laxmi Sharma

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