Dausa: कलेक्टर ने बदला शिक्षा का स्वरूप, अब ई-शिक्षा से पढ़ाई कर सकेंगे छात्र
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Dausa: कलेक्टर ने बदला शिक्षा का स्वरूप, अब ई-शिक्षा से पढ़ाई कर सकेंगे छात्र

Dausa: राजस्थान के दौसा कलेक्टर ने एक अभिनव पहल की है. सीएसआर को शिक्षा से जोड़ कर उन छात्र और छात्राओं को बड़ा राहत दी जो राजकीय स्कूलों में और विशेष हालात में पढ़ाई कर रहे हैं.

कलेक्टर ने बदला शिक्षा का स्वरूप

Dausa: राजस्थान के दौसा कलेक्टर ने एक अभिनव पहल की है. सीएसआर को शिक्षा से जोड़ कर उन छात्र और छात्राओं को बड़ा राहत दी जो राजकीय स्कूलों में और विशेष हालात में पढ़ाई कर रहे हैं. इसमें सक्रिय भूमिका निभाई दौसा उद्योग विभाग की महाप्रबंधक शिल्पा गोखरू ने. कहते हैं करने वाला होना चाहिए रचनात्मक करने के लिए कोई कमी नहीं होती.  

दौसा कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने एक अभिनव पहल करते हुए सीएसआर को शिक्षा से इस तरह जोडा है कि सैकड़ों छात्रों का भविष्य संवर जाएगा. कम्पनियों की सीएसआर फंड से उन छात्रावासों में 64 स्मार्ट टीवी डोनेट करवाई है, जहां शिक्षकों की कमी या किसी और वजह से बालक पढ़ाई में पिछड़ रहे थे. कलेक्टर ने इन स्मार्ट टीवी से स्कूलों में होने वाली क्लासेज को आपस में शेयर करने और छात्रों तक पहुंचाने के भी प्रबंध कर दिए है.

दरअसल कलेक्टर सरकारी छात्रावासों में विजिट करने गए, तो उन्हें कई जगहों पर शिक्षकों की कमी या अवकाश पर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नजर आई, तभी कलेक्टर ने ठान लिया कि इस समस्या का समाधान करना है. अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक कक्षा की पढ़ाई रिकार्डिंग करेंगे और एक दूसरे को शेयर भी. इस पहल में सबसे अहम भूमिका निभाई उद्योग विभाग की जीएम शिल्पा गोखरू ने, जिन्होंने सभी कम्पनी और शिक्षा विभाग और सामाजिक अधिकारिता विभाग के बीच समन्वय बनाया.

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इतना ही नहीं कलेक्टर के प्रयास से उन छात्रों को स्कॉलरशिप भी वितरित करवाई गई, जो राजकीय स्कूलों में पढ़ते है और टॉपर है. साथ ही 15 ऐसे अनाथ बालकों को भी मदद दिलवाई जो कोविड के दौरान अपने पिता या माता को खो चुके है. आज ये बालक सहायता लेकर गदगद नजर आए. 

दौसा और जयपुर जिले की सरकारी स्कूल के 49 छात्र-छात्राओं को प्रति छात्र दस हजार रूपये यानी करीब पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी गई. दौसा कलेक्टर अपनी सकारात्मक सोच से नवाचार करते रहते हैं, जिस से कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम की समस्याओं से निजात मिलती है. साथ ही जरूरतमंदों को मदद भी, यदि अफसरशाही अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में जनहित में उपयोग करते है तो निश्चित ही अधिकारियों का आमजनता के बीच भरोसा बढ़ता है.

Reporter: Laxmi Sharma

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