Why Birds Sing At morning: सुबह-सवेरे चिड़िया गुनगुनाना शुरू कर देती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि चिड़िया सुबह -सुबह ही क्यों चहचहाती हैं? वैज्ञानिकों ने इसपर रिसर्च की है.
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Why Birds Sing At morning: शहरों हो या गांव हमारी नींद पक्षियों के चहचहाने से ही खुला करती है. ऐसा लगता है मानों उन्हें हमसे पहले सवेरा होने का पता लग जाता है. अगर हम गांव में रहते है तो हल्की रोशनी होते ही चिड़ियों के चहचहाने की आवाजें गानों में गूंजने लगती है. जिसके साथ ही सूर्योदय होता है. जिसे देख कर ऐसा लगता है जैसे वह सूर्य के आने पर स्वागत गीत गा रही होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चिड़ियां सुबह सवेरे ही क्यों इतना चहचहाती है. तो चलिए साइंस की भाषा में इसे समझने की कोशिश करते है कि आखिक क्यों चिड़िया सुबह होते ही चहचहाना शुरू कर देती है.
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सुबह-सुबह चिड़ियों की आपको सुनाई देने वाली सभी चहचहाहट, चहकना "डॉन कोरस" कहलाता है. चि़ड़िया जब भी गाती है जब पक्षी दिन के किसी भी समय की तुलना में जोर - जोर से गाते हैं लेकिन वे ऐसा क्यों करते है इसके बारे में वैज्ञानिको का मानना कि जब हवा ठंडी और शुषक होती है तो पक्षियों के गीतों का शोर उस समय समय दूर तक जाता है.
हॉमोंस का उतार चढ़ाव
एबसी साइंस जर्नल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चिड़ियों के चहचहाने का कारण उनके अंदर हो रहे हॉमोंस का उतार चढ़ाव है. वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में समाने आया है कि शाम और रात के वक्त चिड़ियों में स्लीप हॉर्मोंस का लेवल काफी तेज हो जाता है. सुबह होने का समय जैसे करीब आता है यह हॉर्मोन का स्तर तेजी से कम होने लगता है. क्योंकि सुबक के साय वह ज्यादा एनर्जी महसूस करती हैं. इसी कारण वह चिड़ियां चहचहाने लगती हैं.
आपके देखा होगा की कई पक्षी बहुत छोटे होते हैं, लेकिन वे हमेशा से बड़े समूह में शामिल होने की इच्छा रखते हैं. वे ऐसा इसलिए करते है क्योंकि अगर कोई भी पक्षी किसी भी खतरे में अपने क्षेत् में हो तो वह उसकी रक्षा कर पाएं, जिसमें अन्य पक्षी भी शामिल होते है. जैसे जरूरत के संसाधनों जैसे भोजन या घोंसले के स्थानों के लिए शुरू होने वाले रस्साकसी.
रोज नई जंग के लिए रहें तैयार
पक्षियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सुबह सबसे पहले वह अपने साथी को याद दिलाये की हमने हर साथी को यह याद दिलाने का कि एक नया दिन है और वे उतने ही शक्तिशाली हैं जितने कि जब वे बिस्तर पर सोने गए थे. वे जितनी जोर से गाते हैं, उतनी ही तेज आवाज करते हैं, इसलिए वे किसी अन्य पक्षी के खोंसले पर कब्जा करने के बारे कोई अजीब विचार नहीं करते.
ब्रीडिंग सीजन
वैज्ञानिको ने अपनी रिस्रच मं यह भी पाया कि चिड़ियों की कुछ खास प्रजातियां होता है जिनके गुनगुनाने का एक जैसा समय होता है. जैसे - मिनाह प्रजाति की चिड़ियों के लिए अप्रैल से जून का समय ब्रीडिंग सीजन होता है. इस समय इस प्रजाति की चिड़िया सुबह सबसे ज्यादा चहचहाती हैं. जबकि गौरेया ऐसी चिड़िया है जो सालभर गुनगुनाती है. हालांकि सुबह के समय इनकी आवाज थोड़ी ज्यादा तेज होती है.
तो ये रही चिड़ियों के सुब सवेरे रोज चहचाने के पीछे के कारण अगर अगली बार आपके घर के पास कोई चिड़िया गुनगुनाएं तो समझ लिजिए की इन वजहों से वह गगुनगुना रही है.
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