Rajasthan News : स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होगा बीकानेर का विकास, जयपुर-जोधपुर की तरह बीकानेर को भी मिला दर्जा
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Rajasthan News : स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होगा बीकानेर का विकास, जयपुर-जोधपुर की तरह बीकानेर को भी मिला दर्जा

Rajasthan News : राजस्थान में बीजेपी सरकार के एक साल पूरे होने का जश्न मनाया. इस मौके पर सरकार ने अपने कामकाज को जनता के सामने रखा.  मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, और पानी के साथ-साथ सरकार ने बीकानेर और भरतपुर को बॉक्स प्राधिकरण का दर्जा दिए जाने की उपलब्धि पर भी जोर दिया.

 

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Rajasthan News : राजस्थान में एक साल पहले हुए चुनाव के बाद प्रदेश में बनी बीजेपी की सरकार अपने एक साल का जश्न मना रही है. ऐसे में एक साल के जश्न के साथ सरकार अपने कामो को जनता के बीच भी रखती दिखाई दे रही है. लेकिन सड़क,बिजली और पानी के साथ साथ मूलभूत सुविधाएं के अलावा जिन बड़े कामो की चर्चा हो रही है. उनमे से एक है बीकानेर और भरतपुर को मिले बॉक्स प्राधिकरण के दर्जे की, जिसे विकास को नए आयाम देने की एक बड़ी सीढ़ी माना जा रहा है. 

बीकानेर राजस्थान के उन बड़े शहरों में से एक है जो रियासत काल से अपनी विशेषताओ को लेकर जाना जाता रहा है लेकिन वक्त के साथ बाक़ी शहरों को तुलना में ये शहर उतना आगे नहीं बढ़ा जितना बढ़ना चाहिए था,  लेकिन इन सब के बीच इस बार प्रदेश सरकार के एक बड़े फ़ैसले के बाद ये उम्मीद की जा रही है कि बीकानेर भी प्रदेश के अन्य बड़े स्मार्ट सिटी की तरह उनके बराबर आकर खड़ा हो जाएगा. क्यूंकि इस बार नई सरकार ने बीकानेर को बीडीए यानी बीकानेर विकास प्राधिकरण को सौगात दी है. सरकार एक साल पूर्ण होने की ख़ुशी के साथ अपने कामो और विजन का लेखाजोखा जनता के सामने रख रही है लेकिन इस बात का भी आकलन हो रहा है की एक साल में किस शहर को क्या मिला.

बीकानेर को बात करे तो यहां चुनाव में जीत के साथ 7 में से 6 सीटो पर बीजेपी ने जीत हासिल की और लोकसभा की सीट भी बीजेपी के खाते में आ गई ऐसे में जनप्रतिनिधियों के सामने ये चुनौती रही को कुछ बड़ा बीकानेर के लिए होना चाहिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल बीजेपी चुनाव घोषणा कमेटी के चेयरमैन रहे ऐसे में ये तय माना जा रहा था की सरकार के आने के बाद कुछ बीकानेर को मिलेगा वही प्रदेश सरकार ने छ विधायक और एक कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा के सामने ये चुनौती रही है कि क्या कुछ बड़ा हो.

इन सब के बीच बीकानेर को डेवलपमेंट अथॉरिटी की सौगात मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए दी जिसके बाद ये माना जा रहा है कि बीकानेर को विकास के नए पंख लग सकते है. वहीं सरकार के एक साल पूर्ण होने पर विधायक सिद्धि कुमारी,विधायक ताराचंद सारस्वत,विधायक जेठानंद व्यास,विधायक विश्वनाथ मेघवाल ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा की उन्हें ख़ुशी है की बीकानेर आगे बढ़ रहा है और आने वाले पांच सालो में नई उचाइया छुएगा.

अब समझते है बीडीए बनने की पूरी कहानी

लम्बे इन्तेज़ार के बाद जब राज्य के बजट में प्रदेश के तीसरे बड़े शहर बीकानेर को विकास प्राधिकरण मिलने की बात कही गई. ग़ौरतलब है कि प्रदेश के पिछले बजट में बीकानेरियन्स को भजनलाल सरकार की तरफ़ से बीकानेर विकास प्राधिकरण के शानदार तोहफ़ा दिया गया था, जिसका बीकानेरियन्स ने ख़ूब स्वागत किया था. बीकानेर के लोगों की लम्बे समय से ये मांग थी कि उनके यहां विकास प्राधिकरण बने. वक्त के बदलाव से बीकानेर बहुत बड़ा शहर हो गया और यहां की आबादी के कई गुना बढ़ जाने से कई-कई किलोमीटर तक शहर फैल गया. लेकिन यूआईटी की सीमाओं के चलते शहर आधुनिकता की दौड़ में पिछड़ गया. इसकी एक वजह यहां के राजनीतिक नेतृत्व की उदासीनता भी रही. 

लम्बे समय तक रहे कांग्रेस शासन में बीकानेर विकास के तौर पर उपेक्षा का ही शिकार रहा. कांग्रेस के वक़्त में भी बीकानेर को कुछ खास नहीं मिल पाया. वहीं भाजपा के पास भी विधायक सीट रहते हुए ये शहर यूआईटी ही बना रहा. बीकानेर के लोगों की तरफ़ से लगातार विकास प्राधिकरण बनाने की मांग होती रही. एहम बात ये भी है कि बीकानेर को विकास के नाम पर जो भी मिला वो प्रदेश में भाजपा की सरकार रहते हुए मिला. यहां तक कि बरसों तक नगर परिषद रहने के बाद नगर निगम की घोषणा भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने की. 

यही कारण रहा कि बीकानेर की जनता ने विकास प्राधिकरण की मांग पूरी होने की उम्मीद भी भाजपा सरकार से लगाई. पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय भी बीडीए बनाए जाने की मांग उठी थी. लेकिन गहलोत सरकार में हर बार बीकानेर की अनदेखी को देखते हुए इस मांग ने ज़्यादा ज़ोर नहीं पकड़ा. मगर बीकानेरियन्स के दिलों में बीडीए नहीं मिल पाने की कसक बरक़रार रही.

बीडीए बन जाने के बाद बीकानेर में यूआईटी ख़त्म हो के साथ ही शहर के विकास का सारा ज़िम्मा बीडीए ले लेगा. बीडीए में चेयरमैन नगरीय विकास मिनिस्टर होता है और प्राधिकरण की ज़िम्मेदारी आयुक्त की होती है, जो आईएएस होता है. विकास प्राधिकरण बन जाने से बीकानेर के चारों तरफ़ से 30-30 किलोमीटर का एरिया बीडीए में आ गया है , जिसकी वजह से विकास को पंख लगेंगे. साथ ही लोगों को रोजगार के नए अवसर मुहैया होंगे. 

शहर के बाहर के क्षेत्र बीडीए के तहत आ जाने से नए आवासीय और व्यापारिक क्षेत्रों का विकास होगा. अभी यूआईटी का बजट सिर्फ़ 200 करोड़ का है. मगर बीडीए बन जाने से तक़रीबन एक हज़ार करोड़ का बजट बीकानेर को मिलने लगेगा. शहर के लोगों ने बीडीए की घोषणा का दिल खोल कर स्वागत किया है. लोगों का कहना है कि बीडीए बन जाने से हमारा शहर स्मार्ट सिटी की ओर कदम बढाएगा. वहीं रोज़गार के नए आयाम शुरू होंगे.

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