IPS Tejaswani Gautam: राजस्थान की महिला IPS तेजस्वनी गौतम फिलहाल बीकानेर में तैनात हैं. आईपीएस होने के साथ तेजस्वनी गौतम यूथ के बीच ऑइकॉन भी बन चुकी हैं. IPS तेजस्वनी गौतम अपराधों को पर लगाम लगाने के लिए गली-गली जाकर स्ट्रीट प्ले करती हैं, जिसकी लोग खूब तारीफ कर रहे हैं. जानिए तेजस्वनी गौतम की सफर की कहानी...
तेजस्वनी गौतम को स्ट्रीट प्ले के दौरान कई बार बसों में सफर करना पड़ता है, जिसके चलते कई बार उनको ईव टीजिंग और कुछ लोगों के अभ्रद व्यवहार का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. तेजस्वनी गौतम और उनकी टीम ने अपने कॉलेज में लगभग 150 नाटकों का मंचन सड़कों पर किया.
तेजस्वनी गौतम ने इसके बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी का एंट्रेस एग्जाम पास करके कैंपस लॉ सेंटर में एलएल.बी में दाखिला ले लिया. इसी दौरान उनको पापा की बात याद रहती कि कुछ करना तो उसके लिए अफसर भी बनना है.
तेजस्वनी ने जब पहली बार यूपीएससी की मेंस परीक्षा पास की तो उनकी ऑल इंडिया पांचवी रैंक थी. उम्मीद बंधी कि आईएएस बनने का सपना तो बस पूरा ही होने वाला है लेकिन इंटरव्यू बोर्ड से मिले कम नंबरों के चलते आईएएस के स्थान पर आईपीएस में सलेक्शन हुआ. इसके बाद दो बार उन्होंने और यूपीएससी की परीक्षा पास की लेकिन बाद में भी दोंनो बार आईपीएस में ही सलेक्शन हुआ.
तेजस्वनी के मुताबिक, उनके पापा दिनेश कुमार गौतम चाहते थे कि आईएएस की जगह तेजस्वनी आईपीएस की जॉब करें. इसके बाद तेजस्वनी ने आईपीएस की जॉब ज्वाइन की. इनकी पहली पोस्टिंग अजमेर के नसीराबाद में SHO के तौर हुई. इसके बाद उनको पहली रेग्युलर पोस्टिंग जयपुर के बस्सी में ACP के तौर पर मिली. वहीं, आईपीएस की नौकरी ज्वाइन करने के बाद भी तेजस्वनी नुक्कड़ नाटकों से जुड़ी रही.
तेजस्वनी को हरियाणा बार्डर पर मौजूद दो जिलों चुरू और अलवर का पुलिस कप्तान बनाया गया. अलवर और चुरू में महिला एसपी के तौर पर तैनात होने वाली पहली अधिकारी तेजस्वनी बनीं.
तेजस्वनी ने नुक्कड़ नाटक के लिए मुख्य रुप से चार थीम अपनाई, जिसमें पहली महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा यानि डोमेस्टिक वायलेंस के खिलाफ, दूसरी बच्चों में नशे की आदत से मुक्ति और रिहैबिलिटेशन के लिए, तीसरी महिलाओं और बच्चों के साथ होने यौन अपराधों के लिए और चौथी ट्रैफिक रुल्स के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए.
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