बीकानेर न्यूज: बीकानेर में डीआईजी सहित तमाम अधिकारी खुद ऊंट पर बैठकर ऑफिस पहुंच रहे हैं. कैमल फ्रैंडली बनने को लेकर ये नवाचार है. साथ ही प्रदेश में ऊंटों की उपयोगिता में आयी कमी को भी दूर करने को लेकर एक सार्थक प्रयास है.
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Bikaner: राजस्थान की एक हजार किलोमीटर की सीमा देश के इंटरनेशनल बॉर्डर भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर लगती है. ऐसे में देश की आजादी के साथ ही देश सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ साथ ऊंटों का भी महत्वपूर्ण योगदान देखने को मिला लेकिन वक्त के साथ हुए आधुनिकीकरण से ऊंटों कि उपयोगिता में कमी आयी तो वहीं जवानों का ऊंटो के साथ फ्रेंडली ना होना अब एक चुनौती की तरह सामने आया है लेकिन इस चुनौती को आसान बनाने के लिए बीएसएफ़ डीआईजी ने एक नवाचार किया है जिसके तहत अब डीआईजी से लेकर तमाम अधिकारी अपने ऑफिस बड़ी बड़ी गाड़ियों से नहीं बल्कि रेगिस्तान के जहाज ऊंट की सवारी करके पहुंच रहे हैं.
रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाला प्राणी ऊंट का यहां के जीवन पर बेहद प्रभाव है. ग्रामीण इलाकों से लेकर देश की सुरक्षा में तैनात जवानों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन वक्त के बदलाव के साथ ऊंटों की उपयोगिता में आयी कमी ने इसके अस्तित्व पर संकट खड़ा किया है लेकिन इस प्राणी के बिन रेगिस्तान के जीवन की कल्पना करना भी अकल्पनीय है तो वहीं दूसरी तरफ देश की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल के गठन के साथ ही ऊंटों का उपयोग देश सुरक्षा में तैनात बियाबान और रेत के टीलों पर चलने के साथ साथ जवानों का साथ के तौर पर रहा है.
लेकिन एक तरह मोटर गाड़ियों के चलन के साथ उपयोगिता में कमी आयी लेकिन अब भी उन इलाकों में जहां गाड़ियां नहीं पहुंच सकती वहां ऊंटों का महत्व बरकरार है लेकिन हाल ही में बीएसएफ ने 177 नये ऊंटों के बेड़े को बीएसएफ में जोड़ा लेकिन हाल ही में एक जवान पर कैमल द्वारा किए गये हमले के बाद जवान घायल हो गया और जवानों ने ऊंटों से दूरी बना ली.
वहीं इस दूरी को ठीक करने के लिये बीकानेर बीएसएफ डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने जवानों तक एक अच्छा संदेश पहुंचाने के लिए कुछ नवाचार किया है. ऐसे में अब डीआईजी सहित तमाम अधिकारी गाड़ियों की जगह ऊंटों पर बैठकर ऑफिस पहुंच रहे हैं और दो तरह के संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. एक-जवान कैमल फ्रेंडली हो और दूसरा ऊंटों की उपयोगिता को लोग समझें और इसे बढ़ायें. तमाम अधिकारी अपने रोजमर्रा के जीवन में कई किलोमीटर का सफर ऊंटों पर बैठकर कर रहे है. बॉर्डर पर निरीक्षण हो या हो हेड क्वार्टर में कैंपस के काम सभी ऊंटों पर बैठकर किया जा रहा है.
डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि हाल ही में 177 नये ऊंटों को बटालियन में शामिल किया गया है और हम रोज अपने कार्यालय ऑफिस ऊंटों पर बैठकर आ रहे हैं. एक तरह कैमल ने जवान पर हमला किया तो एक डर जवानों के अंदर दिखाई दिया तो हम खुद कैमल फ्रैंडली बनकर ऊंटों की सवारी कर रहे है. इसको देखकर अधिकारियों और जवानों में जोश नजर आ रहा है. ऊंट बीएसएफ का अभिन्न अंग है और रेगिस्तान में देश की सुरक्षा में सबसे बड़ा साथी है .
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