Bhilwada News : भीलवाड़ा में मुर्दे की सवारी (ईलाजी की डोल) निकली गई. कुछ युवक अर्थी पर लेटे युवक पर वार करते रहे. इसके चलते वह अर्थी से कूदकर भागने का प्रयास करता तो फिर से उसे सुला दिया जाता. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष में रिर्जव में भी जाप्ता तैनात किया गया था. इसके अलावा घुड़सवार भी कंट्रोल रूम के बाहर तैनात रहे. भीलवाड़ा, शाहपुरा, गुलाबपुरा व मांडलगढ़ व क्षेत्रों में शीतला सप्तमी व कहीं अष्टमी को रंग व गुलाल खेला जाता है.
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Bhilwada News : शीतला सप्तमी पर शहर में परंपराओं के अनुसार मुर्दे की सवारी निकाली गई. रंगोत्सव को देखते पुलिस ने पुख्ता बंदोबस्त किए. होली में खलल नहीं पड़े, इसके लिए पर्याप्त जाप्ता तैनात किया गया. 600 से ज़्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए हैं. इसके अलावा आरएसी की तीन कम्पनी और ढाई सौ होमगार्ड भी सुरक्षा में पुलिस के साथ लगाये गये. साथ ही हुड़दंगियों से सख्ती के साथ निपटने के लिए वीडियो और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी गई. शहरवासियों ने जमकर त्योहार का आनंद लिया.
शहर में दोपहर दो बजे चित्तौड़वाले की हवेली के पास से मुर्दे की सवारी (ईलाजी की डोल) निकली गई. इसमें जिंदा युवक की अर्थी सजाकर बाजार में घुमाया गया और युवक गुलाल उडाते हुए चलते रहे. कुछ युवक अर्थी पर लेटे युवक पर वार करते रहे. इसके चलते वह अर्थी से कूदकर भागने का प्रयास करता तो फिर से उसे सुला दिया जाता. रंग और गुलालों के बीच परम्परानुसार शहर भर में शीतला सप्तमी का पर्व धुमधाम से मनाया गया.
#भीलवाड़ा में शीतला सप्तमी की धूम, जमकर उड़ा गुलाल pic.twitter.com/Or36ELuZyC
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) March 15, 2023
एसपी आदर्श सिद्धू ने बताया कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में खास नजर रहीं. सुबह आठ से शाम पांच बजे तक जाप्ता तैनात किया गया. थानों की चेतक और मोबाइल टीम भी लगातार गश्त करती रही. शहर में 75 प्रमुख चोराहे और मोहल्लों को चिहिन्त किया गया, जहां जाप्ता तैनात रहा. पुलिस अधिकारी लगातार अपने-अपने इलाके में गश्त करते रहें. शराब पीकर वाहन चलाने, हुड़दंग करने वाले, राहगीरों पर गुलाल फेंकने वालों से सख्ती से निपटा गया. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष में रिर्जव में भी जाप्ता तैनात किया गया था. इसके अलावा घुड़सवार भी कंट्रोल रूम के बाहर तैनात रहे. शहर में सुरक्षा बंदोबस्त में आसपास के थानों से भी प्रभारियों को जाप्ते के साथ बुलाया गया था. आपको बता दे कि मेवाड़ में होली का रंग पूरे 15 दिन चलता है.
अलग-अलग जगहों पर अलग अलग दिन होली खेली जाती है. जहाजपुर कस्बे में पंचमी को रंग खेला जाता है. भीलवाड़ा, शाहपुरा, गुलाबपुरा व मांडलगढ़ व क्षेत्रों में शीतला सप्तमी व कहीं अष्टमी को रंग व गुलाल खेला जाता है. मांडल में तेरस को होली खेलते हैं. साथ ही बादशाह की सवारी निकालते हैं व नाहर नृत्य होगा.
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