बाड़मेर के पचपदरा में जैन समाज ने तहसीलदार इमरान खान को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की।
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Barmer: बाड़मेर के पचपदरा में जैन समाज के प्रति घृणा एवं वैमनस्य के बेबुनियाद आरोप लगाने को लेकर पहुंचे जैन समाज के लोगों ने अनूप मण्डल के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. जैन समाज ने पचपदरा तहसीलदार इमरान खान को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में बताया कि जैन समाज अहिंसा परमो धर्म के प्रति समर्पित प्राणी मात्र के कल्याण के लिए कार्यरत है. जैन आचार्य, साधु-साध्वी अपने संयममय जीवन में पाच महाव्रतों का पालन करते हुए भगवान महावीर के बताये पद चिन्हों पर चलते हैं और उन्हीं का अनुकरण करते हुए जैन समाज मानव सेवा एवं प्राणी मात्र की सेवा में सार्वजनिक औषधालय, विद्यालय, गौशाला, प्याऊ आदि का निर्माण एवं संचालन कर रहा है.
जैन धर्म सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों के प्रति दया का भाव रखता है. मदनराज चोपड़ा ने कहा कि बालोतरा का एक संगठन ''धरती माता ज्ञान मंदिर समदड़ी रोड़, बालोतरा अनूप मंडल के अनुयायी मुकनाराम माली द्वारा ऐसे महान अहिंसावादी, शांति प्रिय, धर्म प्रिय जैन धर्म के साधु संतों एवं समाज के विरुद्ध स्थूल हिंसा का बेबुनियाद आरोप लगाकर वातावरण को दूषित बनाया जा रहा है, जिससे पूरे जैन समाज में भारी रोष व्याप्त है. बालोतरा ओसवाल समाज अध्यक्ष शान्तिलाल डागा ने बताया कि हाल ही में कोरोना के समय एवं वर्तमान में गौ माता के लम्पी रोग के संदर्भ में भी जैन समाज पर बेबुनियाद आरोप लगाकर बालोतरा के उपखंड अधिकारी के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था. जिसमे कहा गया था कि समस्त आपदाओं का कारण जैन साधु संत एवं जैन समाज है, जिसका सकल जैन समाज न केवल भर्त्सना करता है वरन दोषी व्यक्तियों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग करता है.
नरेश ढेलरिया ने बताया कि ओसवाल समाज बालोतरा द्वारा दिनांक 25 मार्च 2020 को 0168 एफ. आई आर दर्ज करवाई गई थी, जिस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. धरती माता ज्ञान मन्दिर, समदड़ी रोड बालोतरा अनूप मंडल के अनुयायी मुकनाराम माली की गतिविधियों एवं जगत हित कारणी पुस्तक पर प्रतिबंध होने के बावजूद प्रचार प्रसार किया जा रहा है. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रभा सिंघवी ने कहा कि जैन समाज भारत सरकार, राजस्थान सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों से मांग करता है कि इस संगठन के खिलाफ अतिशीघ्र कार्रवाई की जाए अन्यथा हमें मजबूरन इस आंदोलन को पूरे भारत वर्ष मे गति प्रदान करनी पड़ सकती है.