Pachpadra: पालिया में हुआ जागरण का आयोजन, भक्तों ने लिया भाग
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Pachpadra: पालिया में हुआ जागरण का आयोजन, भक्तों ने लिया भाग

प्रसादी का लाभ मालदेवसिंह जसोल ने लिया. इससे पूर्व प्रातः शुभ वेला में मालाजाल स्थित श्री रावल मल्लीनाथ जी मन्दिर शिखर पर ध्वजारोहण रावल किशनसिंह जसोल व गणमान्य लोगों द्वारा किया गया.

Pachpadra: पालिया में हुआ जागरण का आयोजन, भक्तों ने लिया भाग

Pachpadra: बाड़मेर जिले के लूनी नदी के तट पर स्थित विश्व विख्यात तिलवाड़ा पशु मेला परिसर स्थित रावल मल्लिनाथ जी व राणी रूपादे के मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया. जिसमें भारत के महान संतरावल मल्लीनाथ और श्री राणी रूपादे के वंश का परिचय, जीवन दर्शन उनके द्वारा भक्ति व शक्ति के मार्गों का गुणगान किया गया. साथ ही जागरण में जैसल तोरल प्रसंग राणी रूपादे की वाणी की सादगी व प्रकाश रूपादे की बेल गुरु उगमसी की वेल मल्लीनाथ जी के दोहे राणी रूपादे की साखी का बखान किया गया. जिससे मौजूद श्रोता भाव विभोर हो गए.

रावल मल्लीनाथ जी व राणी रूपादे ने जो आदर्श स्थापित किए और उनके बताए हुए मार्ग व पदचिह्नों पर चलने से प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण संभव है. ये बात श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने मालाणी संस्थापक एवं मल्लीनाथ वंश के आदि पुरुष संत शिरोमणि रावल मल्लीनाथ और श्री राणी रूपादे माता के नाम जागरण में कही.

 उन्होंने कहा कि धर्म कठिन है लेकिन सत्य पर चलने से वह सरल भी है. रावल मल्लीनाथ व राणी रूपादे के जीवन चरित्र की पालना आज के युग मे अतिआवश्यक है. उन्होंने कहा कि इसकी सार्थकता तभी होती है जब मनुष्य मन वचन बुद्धि और कर्म से शुद्ध और पवित्र बन कर सेवा कार्य करता है. वहीं उन्होंने कहा कि क्षेत्र की मरु गंगा लूनी नदी हर वर्ष बहा करती थी लेकिन आज विकट परिस्थिति है कि आज लूणी नदी प्रदूषित हो गई है और ओरण व गोचर भूमि पर अतिक्रमण हो गये है हम सबको पर्यावरण को सुधारने का संकल्प लेना होगा. महंत गणेश पुरी महाराज ने कहा कि हमे नई पीढ़ी को प्रकृति पर्यावरण पानी व पेड़पौधों का महत्व समझना होगा.

नहीं तो आने वाला कल हम सबके लिए भयानक वाला है. कोरोना महामारी से हम सब उभरे ही नहीं थे कि अब गो माता पर लम्पी नामक बीमारी का संकट आ खड़ा हुआ है. अब हम सबको गो माता की सेवा करने में जुटने की जरूरत है. एडीईओ जेतमालसिंह बिशाला ने मालाणी संस्थापक एवं रावल मल्लीनाथ से लेकर रावल किशनसिंह जसोल के व्यक्तित्व व कृतित्व के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रावल मल्लीनाथ जी और राणी रूपादे जी जिस कुल ओर क्षेत्र में पैदा हुए है व अपने आप में गर्व करने योग्य है.

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उन्होंने अपने जीवन काल में जिस विचार धारा का प्रचार प्रसार किया व हर वर्ग के सम्प्रदाय व हर जाति ने उसका अनुसरण किया. इस दौरान महाप्रसादी का लाभ मालदेवसिंह जसोल ने लिया. इससे पूर्व प्रातः शुभ वेला में मालाजाल स्थित श्री रावल मल्लीनाथ जी मन्दिर शिखर पर ध्वजारोहण रावल किशनसिंह जसोल व गणमान्य लोगों द्वारा किया गया तथा किशनसिंह राईसर द्वारा लिखित पुस्तक का परिचय किया गया. 

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इस दौरान कुटला खान, सतार खान, हकीम खान, जसु खान, तालब खान, पपा खान, गोपालदान व रणवीर सिंह एण्ड पार्टी ने अपने वाद्य यंत्रों की सुमधुर ध्वनि के द्वारा प्रशंसनीय प्रस्तुति दी. इस अवसर पर महंत जलेश्वर भारती सिमालिया जूना अखाड़ा महंत लक्ष्मी रावल उदय सागर उदयपुर कुंवर हरीशचन्द्र सिंह जसोल,कल्याणपुर प्रधान उम्मेदसिंह अराबा, पृथ्वी सिंह रामदेरिया, विक्रम सिंह असाड़ा सुरेन्द्र सिंह असाड़ा लाल सिंह आसड़ा ,छैल सिंह दांखा गुलाबसिंह डंडाली,मांगूसिंह जागसा, स्वरुप सिंह जागसा,भगवान सिंह जागसा,मोहन सिंह बुड़ीवाडा, धुड़ सिंह बुड़ीवाड़ा,पुजराज सिंह वरिया वरेचा, श्री हनुवन्त सिंह नौसर, गुलाब सिंह दांखा सुरजभान सिंह दांखा, प्रवीण सिंह टापरा, भीम सिंह टापरा,गणपतसिंह सिमालिया,नरपत सिंह जसोल,शैतानसिंह घनश्यामसिंह,मोहन भाई पंजाबी,हेमाराम सुंदेशा,मोतीलाल सुंदेशा मौजूद रहे. मंच संचालन रामेश्वरी चौधरी ने किया.

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