बारां के अंता में पटरी से उतरा मालगाड़ी का डिब्बा, मचा हड़कंप
Advertisement

बारां के अंता में पटरी से उतरा मालगाड़ी का डिब्बा, मचा हड़कंप

राजस्थान में बारां जिले के अंता में कोटा से बारां की तरफ रात्रि को जा रही मालगाड़ी के एक डिब्बे के पहिये पटरी से उतर जाने से हड़कम मच गया. गनीमत यह रही कि समय रहते मालगाड़ी को रोक देने से बड़ा हादसा टल गया.

बारां के अंता में पटरी से उतरा मालगाड़ी का डिब्बा, मचा हड़कंप

Anta, Baran News: बारां जिले के अंता में कोटा से बारां की तरफ रात्रि को जा रही मालगाड़ी के एक डिब्बे के पहिये पटरी से उतर जाने से हड़कम मच गया. गनीमत यह रही कि समय रहते मालगाड़ी को रोक देने से बड़ा हादसा टल गया.

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात्रि को साढ़े 7 बजे कोटा से बारा कि तरफ जा रही मालगाड़ी के एक डिब्बे मे काचरी रेलवे फाटक के कर्मचारी द्वारा चिंगारी देखी गईं. ऐसे मे कर्मचारी द्वारा लाल बत्ती दिखाकर इशारा किया गया, जिस पर ड्राइवर द्वारा गाड़ी को रोक दिया गया, जिसके चलते बड़ा हादसा घटित होने से टल गया.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में CM फेस को लेकर वसुंधरा राजे का बड़ा बयान, सियासी गलियारों में बढ़ सकती है हलचल

घटना के बाद बड़ी संख्या में रेलवे के अधिकारी तथा कर्मचारी घटना स्थल पर पंहुचे. दूसरी और अंता मे डबल रेलवे लाइन होने के कारण यातायात बाधित नहीं हुआ. इस रूट पर आने जाने वाली गाड़ियों को दूसरी लाइन से गुजारा गया.

पढ़ें बारां की यह भी खबर
गांव में जाने के लिए नदी में नहीं है पुलिया, ग्रामीणों को होती है परेशानी

बारां के शाहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत भोयल के गांव डूडावर में जाने के लिए नदी में पुलिया नहीं होने के कारण गांव में पहुंचना मुश्किल होता है. इस गांव में जाने के लिए सीधा रास्ता यह नदी का है मगर इस नदी में पुलिया नहीं होने से बारिश में तो निकल ही नहीं पाते हैं. बाकी मौसम में तो नदी में होकर निकल जाते हैं. इस गांव में जाने के लिए चक्कर लगाकर जाना पड़ता है. सड़क मार्ग नही होने से कच्चे रास्तों पर होकर आना जाना पड़ता है. एनएच -27 से गाजन गांव से सीधा रास्ता है.

क्या कहना है गाववालों का
गांव वालो का कहना है कि इस नदी में पुलिया बन जाए तो आसपास के गांवों को आने जाने में सुविधा हो जाएगी. इस गांव के लोगो व जाग्रत महिला संगठन द्वारा भी कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है. उसके बाद भी सुनवाई नहीं की जा रही है. यह गांव सहरिया जनजाति बाहुल्य है. इस समुदाय के पास निजी साधनों का अभाव होने के कारण पैदल ही आना जाना पड़ता है. डिलेवरी वाली महिलाओं को काफी परेशानी होती है.

Reporter- Ram Mehta

Trending news