राजस्थान के इस गांव में 36 घंटे तक होता रहा गैस रिसाव, लोगों की सांस फूली, फसलें बर्बाद
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राजस्थान के इस गांव में 36 घंटे तक होता रहा गैस रिसाव, लोगों की सांस फूली, फसलें बर्बाद

 कर्मचारियों की लापरवाही के कारण क्लोरीन गैस का पंप हाउस से रिसाव हो गया. इस मामले में 36 घंटे तक गैस का रिसाव होता रहा, लेकिन कोई भी उच्च अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. 14 लीटर का गैस का टैंक 36 घंटे बाद स्वत: ही खाली हो गया.

राजस्थान के इस गांव में 36 घंटे तक होता रहा  गैस रिसाव, लोगों की सांस फूली, फसलें बर्बाद

 Baran : राजस्थान के बारां के मांगरोल उपखंड मुख्यालय पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पंप हाउस पर गैस के टैंक से क्लोरीन गैस के रिसाव होने से आसपास के खेतों में सोयाबीन की फसल के पत्ते और फूल झड़ गए हैं. वहीं धान की फसल भी पीली पड़कर मुरझा गई. सड़क किनारे लगे नीम, सफेदा, जामुन आदि के पेड़ के पत्ते मुरझा कर गिर गए हैं.  इस मामले को लेकर किसान सत्यनारायण सुमन ने उपखंड अधिकारी मांगरोल को ज्ञापन सौंपा है.

किसान हरिओम सुमन ने बताया कि कर्मचारियों की लापरवाही के कारण क्लोरीन गैस का पंप हाउस से रिसाव हो गया. इस मामले में 36 घंटे तक गैस का रिसाव होता रहा, लेकिन कोई भी उच्च अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. 14 लीटर का गैस का टैंक 36 घंटे बाद स्वत: ही खाली हो गया. इसके बाद रिसाव बंद हुआ, वहीं रिसाव होने के दौरान खेत पर गए किसानों को चक्कर आना, सर दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होने की शिकायत हुई है.

पंप हाउस के पास सोरती बावड़ी मालियों का मोहल्ला पड़ता है. गैस का रिसाव होने से दुर्गंध मोहल्ले में भी फैल गई, जिससे लोगों को दम घुटने की शिकायत हुई, साथ ही सर्वाधिक परेशानी बीपी से पीड़ित मरीजों को झेलनी पड़ी, एकाएक बीपी बढ़ने से परिवार के लोग परेशान हो गये.

सुमन ने बताया कि पंप हाउस से क्लोरीन गैस के रिसाव के कारण क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा किसानों की 25 से 30 बीघा सोयाबीन की फसल में पत्तियां और फूल झड़ गए हैं. खेत में अब सोयाबीन की फसल में कुछ ही पत्ते और डंठल देखने को मिल रहे हैं. प्रति बीघा 15 से 20 हजार रुपए की लागत से खर्चा करके सोयाबीन की बुवाई की गई थी, ऐसे में किसानों को भारी आर्थिक और मानसिक परेशानी उठानी पड़ रही है.

किसान भाविक वैद ने बताया कि क्लोरिन गैस रिसाव के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है, अगर उचित मुआवजा नहीं मिलता है तो मजबूरी में आकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा. किसानों ने इस मामले को लेकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी दिया है.

 ज्ञापन में उचित मुआवजा देने की मांग की थी. इस मामले में उपखंड अधिकारी ने पीएचइडी मांगरोल के एईएन को नियमानुसार जांच कर मौका मुआयना करने के निर्देश दिए हैं. किसान सत्यनारायण सुमन, भाविक वैद, हीरा सुमन, धनराज सुमन, रघुवीर सुमन, कौशल सुमन, हरि ओम सुमन, गोविंद सुमन आदि ने उचित मुआवजे की मांग की है. ताकि किसानों को आर्थिक भार ना पड़े

रिपोर्टर- राम मेहता

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