Baran news: राजस्थान के बारां में प्रशासन की सतर्कता से बाल विवाह को रुकवाया गया है.अटरू की बंजारा बस्ती में नाबालिग दूल्हे के विवाह मामले पर पुलिस ने पहुंचकर विवाह रुकवा दिया.पुलिस उसके बंयाक को थाने ले आई उसके बाद समाज के कुछ लोग थाने पहुंचे.
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Baran news: राजस्थान के बारां में प्रशासन की सतर्कता से बाल विवाह को रुकवाया गया है.अटरू की बंजारा बस्ती में नाबालिग दूल्हे के विवाह मामले पर पुलिस ने पहुंचकर विवाह रुकवा दिया. वहीं आयोजकों को पाबंद भी किया गया है. दरअसल अटरू की बंजारा बस्ती में हेमराज बंजारा के पुत्र का विवाह भंवरगढ़ निवासी भेरूलाल बंजारा की पुत्री से तय किया गया था. जिसके लग्न मण्डप की धूमधाम से तैयारी चल रही थी.वहीं समाज के लोग स्नेहभोज का लुत्फ उठा रहे थे.
समझाईस कर रुकवाया विवाह
ऐसे में समाज के ही कुछ लोगों ने पुलिस को बाल विवाह की इत्तला दी. जिसपर अटरू थाना पुलिस का जाप्ता ने मौके पर पहुँच बाल विवाह रुकवाने की कोशिश की. इस दौरान परिजनों ने दूल्हे को छिपा दिया दूल्हा न मिलने पर पुलिस उसके बंयाक को थाने ले आई उसके बाद समाज के कुछ लोग थाने पहुंचे.
जिसपर लड़के के पिता को तहसीलदार माधोलाल रैगर ,एवं थानाधिकारी मुकेश मीणा द्वारा नोटिस देकर विवाह न करने के लिए पाबन्द किया है. विवाह के रंग में अचानक पुलिस पहुंचने पर वैवाहिक स्थल पर भगदड़ सा मचा रहा.
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किसान महापंचायत के आह्वान पर किसान सम्मेलन आयोजित
शहरों में रोजगार के लिए भटक रहे हैं
किसान सम्मेलन के मुख्य अतिथि किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि भले ही देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन किसानों की आर्थिक स्थिति बदहाल है. कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्याएं करने पर मजबूर हैं. युवा खेती से दूर होकर शहरों में रोजगार के लिए भटक रहे हैं. किसानों की खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है. केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को खरीद गारंटी कानून बनाने, किसान सम्मान निधि की राशि 12 हजार करने जैसे झूठे वादे कर बेवकूफ बनाने का काम कर रही है.
किसान सभा के अध्यक्ष दीनबंधु धाकड़, रमेश मीणा, नहरी संघर्ष समिति अध्यक्ष पवन यादव ने केंद्र व राज्य सरकारों पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया.
किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजनीतिक मतभेदों के कारण परवन व्हद सिंचाई परियोजना को पांच साल से लटका रखा है. जिससे परियोजना का निर्माण निर्धारित समय वर्ष 2022 में पूरा नहीं हो सका. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. अटरू क्षेत्र के किसानों साथ नहर के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा वितरण में भेदभाव किया जा रहा है.
जिलाध्यक्ष कैप्टन रघुवीर सिंह, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, तहसील उपाध्यक्ष बाबूलाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार ने विदेशी पाम आयल आयात कर किसानों की कमर तोड़ दी है. वर्ष 2022 की तुलना में किसानों को सरसों पर तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने सरसों की एमएसपी पर खरीद लिमिट बढ़ाकर 15 मार्च से सरकारी खरीद शुरू करने की मांग उठाई. वर्ष 2021 व 22 में हुए फसल खराबे का मुआवजा पीड़ित किसानों को अभी तक भी नहीं दिया गया है.
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